खूंटीः जिले के एकमात्र सरकारी डिग्री कॉलेज के दिन अब बहुरने वाले हैं. छह दशक से संचालित बिरसा कॉलेज की आधारभूत संरचना में अब तक कोई बड़ा बदलाव नहीं हो पाया था, लेकिन अब सरकार के प्रोजेक्ट के मुताबिक सभी कॉलेजों के भवन का पुनर्निर्माण कराया जाएगा. जिसमें खूंटी का बिरसा कॉलेज भी शामिल है.कॉलेज का पुनर्निर्माण साढ़े तीन सौ करोड़ की लागत से होगा और इसका निर्माण कार्य नए साल से शुरू होने की संभावना है.
बिरसा कॉलेज को संवारा जाएगा
भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर एकमात्र कॉलेज है खूंटी का बिरसा कॉलेज. इस कॉलेज को जल्द यूनिवर्सिटी की तर्ज पर संवारा जाएगा. इसके लिए साढ़े तीन सौ करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है. आधारभूत संरचना का निर्माण कराए जाने के बाद जल्द ही बिरसा कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा.
नए भवन में प्रशासनिक भवन होगा, कॉमर्स और साइंस के लिए अलग-अलग दो ब्लॉक होंगे. दोनों ब्लॉक जी प्लस थ्री और जी प्लस सिक्स होंगे. साथ ही कॉलेज के लिए कैंटीन और लाइब्रेरी का भी निर्माण कराया जाएगा. खेल मैदान और विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल की भी व्यवस्था परिसर में होगी. बता दें कि बिरसा कॉलेज का निर्माण 63 साल पहले हुआ था. फिलहाल यहां 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. वर्तमान में कॉलेज की बिल्डिंग जर्जर हो गई है. बिरसा कॉलेज 34 एकड़ कैंपस में फैला है.
13 एकड़ में बनेगी कॉलेज की नई बिल्डिंग
नई बिल्डिंग के डीपीआर में वर्तमान कॉलेज परिसर का बहुउद्देशीय भवन पूर्ववतः रखा गया है. लेकिन अन्य सभी पुरानी जर्जर बिल्डिंग ध्वस्त की जाएगी और 13 एकड़ भूमि पर नई बिल्डिंग बनाई जाएगी. कॉलेज के नए भवन में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेगी.
कॉलेज के जीर्णोद्धार का काम होगा शुरूः प्रिंसिपल
इस संबंध में बिरसा कॉलेज की प्रिंसिपल जे कीड़ो ने कहा कि कॉलेज प्रशासन ने डीपीआर बनवाकर भेज दिया है. नए साल में कॉलेज के नए भवन का निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा. झारखंड सरकार बिरसा कॉलेज का पुनर्निर्माण कराएगी. नया कॉलेज भवन समेत सभी संकाय के लिए अलग-अलग प्रशासनिक भवन बनाए जाएंगे. कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय के अलग-अलग ब्लॉक बनने से विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का माहौल मिलेगा.
कॉलेज कैंपस के पास बिक रहे तंबाकू उत्पाद
वहीं, बिरसा कॉलेज कैंपस के पास ही कई अवैध दुकानें संचालित हैं. सरकारी निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए कॉलेज के पास दुकानों और गुमटियों में गुटखा और तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं. पुलिस प्रशासन की अनदेखी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. साथ ही अवैध तरीके से चाट, गुपचुप और झालमूढ़ी की दुकानें लगाई जाती हैं.
वहीं कॉलेज के बाहर सिगरेट और गुटखा की दुकानों में अक्सर अड्डेबाजी होती है. बाहरी युवकों का जमावड़ा लगा रहता है. साथ ही मनचलों की भी भीड़ नजर आती है. ऐसे में कॉलेज प्रशासन को इन दुकानों को हटाने की पहल करनी चाहिए.
इस संबंध में कॉलेज की प्रिंसिपल जे कीड़ो बताती हैं कि कॉलेज प्रशासन की ओर से कैंपस में दो होटल कैंटीन के तौर पर संचालित करने की अनुमति है. बाकी दुकानें चलने की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि कॉलेज के पास मार्केट पहले से ही है. प्रशासन को कॉलेज के पास से अवैध दुकानें हटाने के लिए पत्राचार करेंगे.
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