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लोकसभा चुनाव से पहले रेल लाओ आंदोलन, खरगोन-बड़वानी के मतदाताओं को 7 दशक से है इंतजार - Voters waiting 7 decades

Khargone Rail Bring Movement : खरगोन-बड़वानी लोकसभा सीट के मतदाताओं को 7 दशक से रेल का इंतजार है. लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर वोटर्स न रेल लाओ आंदोलन शुरू कर दिया है.

khargone rail bring movement
लोकसभा चुनाव से पहले रेल लाओ आंदोलन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 1, 2024, 8:47 PM IST

खरगोन। खरगोन-बड़वानी लोकसभा सीट के मतदाता 7 दशकों से रेल की मांग कर रहे हैं जो आज भी पूरी नहीं हुई है. वर्ष 1950 से लेकर अब तक बीजेपी-कांग्रेस के कई सांसद रेल लाने के नाम पर चुनाव जीते जरुर लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि यह मांग पूरी नहीं करवा सका. राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के आश्वसन्नों से तंग आकर और वादा खिलाफी के खिलाफ अब वोटर्स ने एक समिति बनाकर आंदोलन शुरू कर दिया है.

लोकसभा इलेक्शन में रेल बनता है चुनावी मुद्दा

खरगोन-बड़वानी लोकसभा सीट आदिवासी बाहुल्य सीट है. वर्ष 1950 से लेकर अब तक लगातार रेल का मुद्दा चुनावी मुद्दा रहा है. लेकिन इसे बदकिस्मती ही कहा जाएगा कि यहां के मतदाताओं को अब तक रेलवे लाइन की सौगात नहीं मिल पाई है. ऐसे में मतदाताओं ने समिति बनाकर लोकसभा चुनाव से पहले आंदोलन शुरू कर दिया है.

निमाड़ में रेलवे लाइन की मांग बुलंद

लोकसभा चुनाव से पहले एकबार फिर निमाड़ में रेलवे लाइन की मांग बुलंद हो गई है. निमाड़ में ताप्ती-नर्मदा रेलवे लाइन समिति ने रेल लाइन की मांग को लेकर शुक्रवार से क्रमिक भूख हड़ताल के साथ धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है. रेलवे लाइन समिति के सदस्य रैली के रूप में नवग्रह तिराहा पहुंचे. यहां कलेक्टर कार्यालय के सामने सड़क की दूसरी ओर धरना शुरू किया है. पहले दिन समिति अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल भूख हड़ताल पर रहे. इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई.

ये भी पढ़ें:

पीएम मोदी ने रेलवे को दी ₹ 41000 करोड़ की सौगात

460 करोड़ से वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनेगा जबलपुर, नरसिंहपुर-पिपरिया समेत इन स्टेशनों के भी खुले भाग

जारी रहेगा धरना

समिति अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल का कहना है कि " रेल के नाम पर कई जनप्रतिनिधि चुनाव जीते लेकिन रेल लाने में नाकाम रहे. प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिलने से मतदाता आक्रोशित हैं. अब हम रेल की स्वीकृति होने तक धरना जारी रखेंगे. भले ही प्रशासन हटाने का प्रयास करे."

खरगोन। खरगोन-बड़वानी लोकसभा सीट के मतदाता 7 दशकों से रेल की मांग कर रहे हैं जो आज भी पूरी नहीं हुई है. वर्ष 1950 से लेकर अब तक बीजेपी-कांग्रेस के कई सांसद रेल लाने के नाम पर चुनाव जीते जरुर लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि यह मांग पूरी नहीं करवा सका. राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के आश्वसन्नों से तंग आकर और वादा खिलाफी के खिलाफ अब वोटर्स ने एक समिति बनाकर आंदोलन शुरू कर दिया है.

लोकसभा इलेक्शन में रेल बनता है चुनावी मुद्दा

खरगोन-बड़वानी लोकसभा सीट आदिवासी बाहुल्य सीट है. वर्ष 1950 से लेकर अब तक लगातार रेल का मुद्दा चुनावी मुद्दा रहा है. लेकिन इसे बदकिस्मती ही कहा जाएगा कि यहां के मतदाताओं को अब तक रेलवे लाइन की सौगात नहीं मिल पाई है. ऐसे में मतदाताओं ने समिति बनाकर लोकसभा चुनाव से पहले आंदोलन शुरू कर दिया है.

निमाड़ में रेलवे लाइन की मांग बुलंद

लोकसभा चुनाव से पहले एकबार फिर निमाड़ में रेलवे लाइन की मांग बुलंद हो गई है. निमाड़ में ताप्ती-नर्मदा रेलवे लाइन समिति ने रेल लाइन की मांग को लेकर शुक्रवार से क्रमिक भूख हड़ताल के साथ धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है. रेलवे लाइन समिति के सदस्य रैली के रूप में नवग्रह तिराहा पहुंचे. यहां कलेक्टर कार्यालय के सामने सड़क की दूसरी ओर धरना शुरू किया है. पहले दिन समिति अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल भूख हड़ताल पर रहे. इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई.

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जारी रहेगा धरना

समिति अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल का कहना है कि " रेल के नाम पर कई जनप्रतिनिधि चुनाव जीते लेकिन रेल लाने में नाकाम रहे. प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिलने से मतदाता आक्रोशित हैं. अब हम रेल की स्वीकृति होने तक धरना जारी रखेंगे. भले ही प्रशासन हटाने का प्रयास करे."

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