खंडवा: आदिवासी ब्लॉक खालवा के बाराकुंड में पिछले दिनों अचानक लोगों के बीमार पड़ने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव के कुएं के पीने के पानी की जांच कराने के लिए सैंपल लैब में भेजे थे. जिसकी शुक्रवार को जांच रिपोर्ट सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग चौंक गया. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पानी में हैजा के बैक्टरिया मिले हैं.
कुएं के पानी के इस्तेमाल पर लगी रोक
बाराकुंड गांव में तीन दिन पहले एक व्यक्ति की उल्टी दस्त से मौत हो गई थी. वहीं, गांव के 33 से ज्यादा लोग बीमार थे. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इनमें से एक बुजुर्ग की हालत चिंताजनक थी, जिसको आईसीयू में भर्ती कराया गया था. वहीं, प्रशासन ने उस कूएं के पानी की मोटर निकाल दी थी और कुएं के दूषित पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. जो लोग कुएं का उपयोग कर रहे थे, उन सभी लोगों के साथ बीमार लोगों के सैंपल लिए और दूषित कुएं के पानी का सैंपल लेकर डिविजनल लेबोरेटरी भेजा गया था.
दूषित पानी पीने के चलते लोग हुए बीमार
जांच में यह बात सामने आई कि जिन लोगों ने ट्यूबवेल से लिंक नल जल योजना का पानी पिया था वह स्वस्थ हैं. जबकि एक वार्ड के लोग जिन्होंने खुले कुएं के पानी का उपयोग किया था, उन लोगों में बीमारी के लक्षण पाए गए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, पता चला कि कुएं के पास ही गोबर का ढेर लगा हुआ था. इसी के चलते पानी दूषित हुआ है. डॉक्टरों की टीम ने कुएं के पानी और मरीजों के सैंपल इंदौर के लेबोरेटरी में भेजे थे. जहां से शुक्रवार को यह रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें लोगों में हैजा की शिकायत पाई गई है.
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बीमार लोगों की हालत में सुधार
स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ महामारी विशेषज्ञ डॉ.योगेश शर्मा ने बताया कि "जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की हालत अब ठीक है. गांव के दूषित कुएं के पानी का उपयोग भी बंद करवा दिया था. वहीं, जो लोग बीमार थे, इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार हुआ है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर गांव में लगातार नजर बनाए हुए हैं, ताकि यह बीमारी ज्यादा नहीं फैले.''