खंडवा: कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में मंगलवार को एक अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. निजी जमीन पर मंदिर बनाने के विरोध में कुछ लोग अपनी छापी पर संविधान की किताब रखकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. आरोप है कि गांव के लोगों ने जमीन पर जबरदस्ती मंदिर का निर्माण कर दिया है. इसी कब्जे के खिलाफ वह संविधान और जमीन के कागजात अपनी छाती पर रखकर विरोध प्रदर्शन कर किया गया और प्रशासन से इंसाफ की मांग की.
जबरन निजी जमीन पर मंदिर बनाने का आरोप
सहेजला गांव के रहने वाले रमेश अपनी जमीन से कब्जा हटाने की मांग को लेकर अपने परिवार के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे, इस दौरान संविधान की किताब और जमीन के कागज अपनी छाती पर रखकर जमीन खाली कराने की मांग को लेकर लेट गये. मंदिर बनाने का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि गांव के लोगों ने उनकी जमीन पर जबरन मंदिर बना दिया है. इंसाफ के लिए वह काफी दिनों से अधिकारी से गुहार लगा रहे हैं. हालांकि अभी तक मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई है.
वहीं मंदिर बनाने को लेकर गांव वालों ने कहा है कि ये गांव का काफी प्राचीन मंदिर है. हालांकि खंडवा SDM ने दोनों पक्षों की बात सुनी है, अब मामले का हल निकालने की बात कही जा रही है.
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मंदिर को हटाया नहीं जा सकता
वहीं, ADM कांशीराम ने कहा, "सहेजला गांव के कुछ लोग आए थे. उनके पास जमीन की पुरानी रजिस्ट्री है, युवक ने मंदिर हटाने की मांग की है. जबकि गांव वालों का कहना है कि यह मंदिर 70 साल पुराना है. इसलिए इस पूरे मामले की सुनवाई खंडवा SDM की ओर से की जा रही है. SDM द्वारा दोनों पक्षों को सुनने के बाद नियमानुसार कार्रवाई कर आदेश दिया जाएगा. यह गांव का काफी पुराना मंदिर है इसलिए इसको हटाया नहीं जा सकता है. लेकिन जो भी वैकल्पिक व्यवस्था होगी वह की जाएगी. "