छतरपुर: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो स्थित मतंगेश्वर मंदिर में सोमवती अमावस्या पर महिलाओं ने की पूजा अर्चना. महिलाएं लमटेरा गाते हुईं भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंची. सोमवार सुबह 4 बजे से ही मंदिर में भजन कीर्तन का दौर शुरू हो गया. श्रद्धालुओं ने शिवसागर तालाब में डुबकी लगाकर भोलेनाथ को जल, बेलपत्र अर्पण किए. महिलाओं ने अखंड सौभाग्य और पारिवारिक सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए वट वृक्ष की परिक्रमा कर पूजा अर्चना की. खास बात ये है कि विदेशी महिलाओं ने भी मंदिर पहुंच कर हिंदू रीति रिवाज से दर्शन कर पूजा की.
पूरे बुंदेलखंड से पहुंचते हैं भोलेनाथ के भक्त
मतंगेश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए बुंदेलखंड के दूरदराज इलाकों से भक्त दर्शन करने मंदिर पहुंचे. यहां विदेशी सैलानी भी दर्शन करने पहुंचे. इटली से आई केआना ने बताया "भोलेनाथ के दर्शन करने का हमारा काफी अच्छा अनुभव रहा. यहां अनोखी शक्ति का एहसास हुआ." सोमवती अमावस्या पर खजुराहो में भक्तों ने शिवसागर तालाब में आस्था की डुबकी लगाकर शिव जी को जल चढ़ाया. ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाएं और पुरुष लमटेरा गाते हुए पहुंचे. लमटेरा एक बुंदेली भक्ति गीत हैं, जो धार्मिक मौकों पर गाया जाता हैं.
मतंगेश्वर मंदिर के रहस्य भी जान लीजिए
खजुराहो के चंदेलकालीन मतंगेश्वर महादेव के मंदिर कई रहस्य हैं. माना जाता है कि मंदिर में मौजूद शिवलिंग की लंबाई हर साल शरद पूर्णिमा को एक इंच बढ़ जाती है. मंदिर में स्थित शिवलिंग जमीन के अंदर 9 फीट और उतना ही बाहर भी है. पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि भगवान शिव के पास एक मरकत मणि थी, जो मतंगेश्वर महादेव के शिवलिंग के नीचे आज भी मौजूद हैं. वहीं, अमावस्या को देखते हुए मंदिर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए.
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भीड़ के मद्देनजर मंदिर परिसर में पुलिस बल तैनात
खजुराहो थाना प्रभारी अतुल दीक्षित के निर्देशन पर पुलिस बल तैनात किया गया. नगर परिषद खजुराहो सीएमओ बसंत चतुर्वेदी द्वारा निर्देशन और घाट की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखा गया. फूल-माला, दीपक और पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि अमावस्या के दिन उनकी बिक्री में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती है. वहीं मंदिर पहुंची वंदना उपाध्याय ने बताया ये बहुत पुराना वट वृक्ष है, यहां जो भी लोग आज के दिन मनोकामना मांगते हैं, वे पूरी होती है.