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खजुराहो में पर्यटकों के लिए बिछाया गया कारपेट, अब पैरों में नहीं होगी जलन - Carpet laid in temples in Khajuraho

खजुराहो आने वाले पर्यटकों के लिए पुरातत्व विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. खजुराहो के पश्चिम मंदिर ग्रुप के सभी मंदिरों की सीढ़ियों और फर्श पर जूट की कारपेट बिछा दी गई है, जिससे इस आग उगलती गर्मी में पर्यटकों के पांव जलने से बच सकें.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 2, 2024, 9:02 PM IST

Updated : May 2, 2024, 11:06 PM IST

Jute carpet laid on the stairs and floor inside the temple complex in Khajuraho
खजुराहो में मंदिर परिसर के अन्दर सीढ़ीयों और फर्श पर बिछाई गई जूट की कारपेट (ETV Bharat)

खजुराहो। मध्य प्रदेश का खजुराहो न सिर्फ देश बल्कि विदेशी पर्यटकों के भी लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशनों में से एक है. यहां के हजारों साल से भी ज्यादा पुराने मंदिरों की शानदार नक्काशी और कारीगरी देशी विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है. यहां गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं, लेकिन गर्मियों में यहां का तापमान 40 डिग्री के ऊपर पहुंच जाता है. जिससे यहां मौजूद ऐतिहासिक मंदिरों के पत्थर गर्म हो जाते हैं, जिससे परिक्रमा करते समय पर्यटकों के पांव जल जाते हैं. कई पर्यटकों की शिकायत के बाद मंदिरों की सीढ़ियों पर जूट की कारपेट बिछ दी गई है. जिससे अब पर्यटकों को परिक्रमा करने में धूप में उनके पांव नहीं जलेंगें.

Archeology department took a big step
पुरातत्व विभाग ने उठाया बड़ा कदम (ETV Bharat)

सीढ़ियों व चबूतरों पर जूट की कारपेट बिछा दी गई

भारतीय पुरातत्व विभाग ने खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में पर्यटकों के भ्रमण के दौरान पैरो को जलने से बचाने के लिए मंदिरों की तपती सीढ़ियों व चबूतरों पर जूट की मैट बिछा दी है. दरअसल इन दोनों मंदिरों के गर्भ गृह में देवी देवताओं के मुर्तियां स्थापित हैं. जिसके करण अधिकांश पर्यटक श्रद्धा भाव रखते हैं और वह नंगे पांव ही इन मंदिरों का भ्रमण करते हैं. साथ ही विभाग के जूते चप्पल उतार कर चलने के निर्देश के पालन के लिए गर्म पत्थरों की जलन से पैरों को बचाने के लिए विभाग द्वारा जूट की मेट बिछाई गई है.

Devotees used to get their feet burnt while doing parikrama in summer
गर्मियों में परिक्रमा करते समय श्रद्धालुओं के जल जाते थे पांव (ETV Bharat)

खजुराहो के मंदिर अपनी हजार साल पुरानी स्थापत्य कला की वजह से पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है और उन्हें यूनेस्को ने विश्व धरोहर में स्थान दिया है. इतिहास में यहां 85 मंदिरों के मौजूद होने के प्रमाण हैं.

ये भी पढ़ें:

खजुराहो का रहस्यमयी शिवलिंग, जिसकी हर साल बढ़ती है लंबाई, विज्ञान भी इस चमत्कार से अनजान

आप बढ़ाना चाहते हैं अपनी धन संपत्ति, तो करें वरुथिनी एकादशी का व्रत, होगा गजब का लाभ

हर मौसम में खुजराहो हो रहा गुलजार

खजुराहो में ज्यादातर सिर्फ सर्दियों के मौसम में भीड़ होती थी, लेकिन अब लगभग हर मौसम में बड़ी संख्या में टूरिस्ट यहां आने लगे हैं. इससे खजुराहो में ना सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि यहां के होटल व्यवसायी भी इससे खुश नजर आ रहे हैं. साथ ही, टैक्सी, ऑटो और ई-रिक्शा चालकों को भी अच्छा रोजगार मिल रहा है. पर्यटकों की खरीदारी से स्थानीय व्यापारियों को भी मुनाफा हो रहा है. खजुराहो आने वाले पर्यटक पन्ना टाइगर रिजर्व की ओर भी रूख कर रहे हैं. घना जंगल होने से ठंडा वातावरण मिल जाता है. गर्मी में कुछ झाड़ियां सूख जाती है जिससे जंगली जानवर भी दिख जाते हैं.

खजुराहो। मध्य प्रदेश का खजुराहो न सिर्फ देश बल्कि विदेशी पर्यटकों के भी लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशनों में से एक है. यहां के हजारों साल से भी ज्यादा पुराने मंदिरों की शानदार नक्काशी और कारीगरी देशी विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है. यहां गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं, लेकिन गर्मियों में यहां का तापमान 40 डिग्री के ऊपर पहुंच जाता है. जिससे यहां मौजूद ऐतिहासिक मंदिरों के पत्थर गर्म हो जाते हैं, जिससे परिक्रमा करते समय पर्यटकों के पांव जल जाते हैं. कई पर्यटकों की शिकायत के बाद मंदिरों की सीढ़ियों पर जूट की कारपेट बिछ दी गई है. जिससे अब पर्यटकों को परिक्रमा करने में धूप में उनके पांव नहीं जलेंगें.

Archeology department took a big step
पुरातत्व विभाग ने उठाया बड़ा कदम (ETV Bharat)

सीढ़ियों व चबूतरों पर जूट की कारपेट बिछा दी गई

भारतीय पुरातत्व विभाग ने खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में पर्यटकों के भ्रमण के दौरान पैरो को जलने से बचाने के लिए मंदिरों की तपती सीढ़ियों व चबूतरों पर जूट की मैट बिछा दी है. दरअसल इन दोनों मंदिरों के गर्भ गृह में देवी देवताओं के मुर्तियां स्थापित हैं. जिसके करण अधिकांश पर्यटक श्रद्धा भाव रखते हैं और वह नंगे पांव ही इन मंदिरों का भ्रमण करते हैं. साथ ही विभाग के जूते चप्पल उतार कर चलने के निर्देश के पालन के लिए गर्म पत्थरों की जलन से पैरों को बचाने के लिए विभाग द्वारा जूट की मेट बिछाई गई है.

Devotees used to get their feet burnt while doing parikrama in summer
गर्मियों में परिक्रमा करते समय श्रद्धालुओं के जल जाते थे पांव (ETV Bharat)

खजुराहो के मंदिर अपनी हजार साल पुरानी स्थापत्य कला की वजह से पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है और उन्हें यूनेस्को ने विश्व धरोहर में स्थान दिया है. इतिहास में यहां 85 मंदिरों के मौजूद होने के प्रमाण हैं.

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हर मौसम में खुजराहो हो रहा गुलजार

खजुराहो में ज्यादातर सिर्फ सर्दियों के मौसम में भीड़ होती थी, लेकिन अब लगभग हर मौसम में बड़ी संख्या में टूरिस्ट यहां आने लगे हैं. इससे खजुराहो में ना सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि यहां के होटल व्यवसायी भी इससे खुश नजर आ रहे हैं. साथ ही, टैक्सी, ऑटो और ई-रिक्शा चालकों को भी अच्छा रोजगार मिल रहा है. पर्यटकों की खरीदारी से स्थानीय व्यापारियों को भी मुनाफा हो रहा है. खजुराहो आने वाले पर्यटक पन्ना टाइगर रिजर्व की ओर भी रूख कर रहे हैं. घना जंगल होने से ठंडा वातावरण मिल जाता है. गर्मी में कुछ झाड़ियां सूख जाती है जिससे जंगली जानवर भी दिख जाते हैं.

Last Updated : May 2, 2024, 11:06 PM IST
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