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खैर विधानसभा सीट उपचुनाव; दादा और पिता के बाद तीसरी पीढ़ी के सुरेन्द्र दिलेर भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे

खैर विधानसभा क्षेत्र में सुरेंद्र दिलेर के पिता राजवीर दिलेर का अच्छा दबदबा रहा था. लोकसभा चुनाव 2024 में उनका टिकट कट गया था.

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खैर विधानसभा सीट उपचुनाव के उम्मीदवार. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 24, 2024, 3:45 PM IST

अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ में खैर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा ने गुरुवार को प्रत्याशी का ऐलान कर दिया. पूर्व सांसद राजवीर सिंह दिलेर के बेटे सुरेंद्र दिलेर पर पार्टी ने विश्वास जताया है. सुरेंद्र दिलेर खैर विधानसभा में चुनाव की तैयारी में लगे थे. विधानसभा क्षेत्र में सुरेंद्र दिलेर के पिता स्वर्गीय राजवीर दिलेर का अच्छा दबदबा रहा था.

2019 के लोकसभा चुनाव में हाथरस सीट से राजवीर दिलेर ने बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में राजवीर दिलेर का टिकट कट गया था. जिसकी वजह से उन्हें आघात लगा और लोकसभा चुनाव के बीच ही उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया था. वहीं, राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा ने सहानुभूति के लिए उनके बेटे सुरेंद्र दिलेर को चुनावी मैदान में उतारा है.

हालांकि, भाजपा में टिकट को लेकर काफी लंबी चौड़ी लिस्ट थी. 50 से ज्यादा दावेदार टिकट मांग रहे थे. जिले के बड़े नेता अपने चाहेतों के लिए टिकट दिलाने के लिए लामबंदी में लगे थे, लेकिन भाजपा ने ऐसे चेहरे को उतारा है जिसे सब पसंद करें. सुरेन्द्र के दादा किशन लाल दिलेर जनसंघ के समय में विधायक बने थे. जिसके बाद हाथरस से चार बार सांसद भी बने. वहीं पिता राजवीर दिलेर इगलास से विधायक और हाथरस से सांसद रहे.

राजवीर दिलेर 2019 में हाथरस लोकसभा सीट से 2.60 लाख मतों से जीत दर्ज की थी. 2024 लोक सभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था. उनकी जगह पर राजस्व राज्य मंत्री अनूप वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है. टिकट कटने के बाद भी राजवीर दिलेर लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे थे. 24 अप्रैल 2024 को राजवीर दिलेर की ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई थी.

सुरेंद्र दिलेर के दादा किशन लाल दिलेर भी हाथरस से चार बार सांसद रहे हैं और अलीगढ़ की कोल विधानसभा से चार बार विधायक भी रहे थे. खैर विधानसभा आजादी के बाद 1957 में अस्तित्व में आई थी. खैर विधानसभा क्षेत्र में 4.04 लाख मतदाता 13 नवंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें 2.6 लाख पुरुष और 1.8 लाख महिलाएं मतदाता शामिल है.

पिछले दो बार से भाजपा के अनूप प्रधान यहां विधायक बने और राजस्व राज्य मंत्री का पद भी दिया गया, लेकिन हाथरस लोकसभा चुनाव में अनूप प्रधान ने जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंच गये. खैर विधानसभा क्षेत्र में करीब 1.10 लाख जाट वोटर, ब्राह्मण 50 हजार, दलित 40 हजार मुस्लिम 30 हजार, वैश्य 25 हजार और अन्य 25 हजार वोटर हैं.

ये भी पढ़ेंः यूपी उपचुनाव; बीजेपी ने 7 सीटों पर उतारे उम्मीदवार, कानपुर की चर्चित सीसामऊ सीट पर फंसा पेंच

अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ में खैर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा ने गुरुवार को प्रत्याशी का ऐलान कर दिया. पूर्व सांसद राजवीर सिंह दिलेर के बेटे सुरेंद्र दिलेर पर पार्टी ने विश्वास जताया है. सुरेंद्र दिलेर खैर विधानसभा में चुनाव की तैयारी में लगे थे. विधानसभा क्षेत्र में सुरेंद्र दिलेर के पिता स्वर्गीय राजवीर दिलेर का अच्छा दबदबा रहा था.

2019 के लोकसभा चुनाव में हाथरस सीट से राजवीर दिलेर ने बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में राजवीर दिलेर का टिकट कट गया था. जिसकी वजह से उन्हें आघात लगा और लोकसभा चुनाव के बीच ही उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया था. वहीं, राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा ने सहानुभूति के लिए उनके बेटे सुरेंद्र दिलेर को चुनावी मैदान में उतारा है.

हालांकि, भाजपा में टिकट को लेकर काफी लंबी चौड़ी लिस्ट थी. 50 से ज्यादा दावेदार टिकट मांग रहे थे. जिले के बड़े नेता अपने चाहेतों के लिए टिकट दिलाने के लिए लामबंदी में लगे थे, लेकिन भाजपा ने ऐसे चेहरे को उतारा है जिसे सब पसंद करें. सुरेन्द्र के दादा किशन लाल दिलेर जनसंघ के समय में विधायक बने थे. जिसके बाद हाथरस से चार बार सांसद भी बने. वहीं पिता राजवीर दिलेर इगलास से विधायक और हाथरस से सांसद रहे.

राजवीर दिलेर 2019 में हाथरस लोकसभा सीट से 2.60 लाख मतों से जीत दर्ज की थी. 2024 लोक सभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था. उनकी जगह पर राजस्व राज्य मंत्री अनूप वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है. टिकट कटने के बाद भी राजवीर दिलेर लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे थे. 24 अप्रैल 2024 को राजवीर दिलेर की ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई थी.

सुरेंद्र दिलेर के दादा किशन लाल दिलेर भी हाथरस से चार बार सांसद रहे हैं और अलीगढ़ की कोल विधानसभा से चार बार विधायक भी रहे थे. खैर विधानसभा आजादी के बाद 1957 में अस्तित्व में आई थी. खैर विधानसभा क्षेत्र में 4.04 लाख मतदाता 13 नवंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें 2.6 लाख पुरुष और 1.8 लाख महिलाएं मतदाता शामिल है.

पिछले दो बार से भाजपा के अनूप प्रधान यहां विधायक बने और राजस्व राज्य मंत्री का पद भी दिया गया, लेकिन हाथरस लोकसभा चुनाव में अनूप प्रधान ने जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंच गये. खैर विधानसभा क्षेत्र में करीब 1.10 लाख जाट वोटर, ब्राह्मण 50 हजार, दलित 40 हजार मुस्लिम 30 हजार, वैश्य 25 हजार और अन्य 25 हजार वोटर हैं.

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