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क्या राजेश वर्मा NDA की जीत का सिलसिला रख पाएंगे बरकरार, कड़ी टक्कर दे रहे हैं महागठबंधन के संजय कुमार, जानिये पूरा समीकरण - KHAGARIA LOK SABHA SEAT - KHAGARIA LOK SABHA SEAT

KHAGARIA LOK SABHA SEAT: खगड़िया लोकसभा सीट को NDA का गढ़ कहा जा सकता है, क्योंकि 1998 से लेकर 2019 तक NDA उम्मीदवारों को ही खगड़िया की जनता का आशीर्वाद मिलता आ रहा है. हालांकि पिछले दो बार से NDA के बैनर तले एलजेपी के टिकट पर सांसद रहे महबूब अली कैसर टिकट कटने के बाद पाला बदल चुके हैं और इस बार राजेश वर्मा पर NDA की विजय पताका लहराने का दारोमदार है तो महागठबंधन के संजय कुमार इस किले में सेंध लगाने को बेकरार है, आखिर क्या कहता है खगड़िया का सियासी समीकरण, आप भी जानिये.

खगड़िया में कड़ी टक्कर
खगड़िया में कड़ी टक्कर
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 2, 2024, 6:11 AM IST

Updated : May 6, 2024, 5:14 PM IST

खगड़िया: 2024 के लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है और अब 7 मई को होनेवाले तीसरे चरण के मतदान का घमासान परवान चढ़ चुका है. तीसरे चरण में ही खगड़िया लोकसभा सीट पर भी वोटिंग होनेवाली है और इस सीट पर जीत के लिए NDA और महागठबंधन के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है. तो चलिए हम आपको बताने जा रहे हैं खगड़िया लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा सियासी समीकरणः

खगड़िया सीट का इतिहासः देश के दूसरे आम चुनाव यानी 1957 से ही खगड़िया लोकसभा सीट का अस्तित्व है. शुरुआती दो लोकसभा चुनावों में तो यहां बाजी कांग्रेस के हाथ रही लेकिन उसके बाद तस्वीर बदलती गयी. हालांकि 1980 और 1984 में भी कांग्रेस को खगड़िया से सफलता मिली लेकिन उसके बाद बाजी हाथ से निकल गयी और अब तो खगड़िया NDA का गढ़ बन गया है.

खगड़िया में कड़ी टक्कर
खगड़िया में कड़ी टक्कर

NDA और महागठबंधन में मुकाबलाः पिछले कई चुनावों की तरह इस बार भी खगड़िया में NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. NDA ने यहां से लगातार दो बार जीत दर्ज करनेवाले महबूब अली कैसर की जगह युवा चेहरे राजेश वर्मा को मैदान में उतारा है. राजेश वर्मा यहां से एलजेपीआर की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो महागठबंधन की ओर से सीपीएम के संजय कुमार उन्हें टक्कर दे रहे हैं.

राजेश वर्मा, एलजेपीआर प्रत्याशी
राजेश वर्मा, एलजेपीआर प्रत्याशी

खगड़िया लोकसभा सीटः 2009 से अब तक इस सीट पर 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर जेडीयू के दिनेशचंद्र यादव ने आरजेडी के रवींद्र राणा को हराकर जीत दर्ज की. वहीं 2014 में NDA प्रत्याशी के तौर पर ही एलजेपी के महबूब अली कैसर ने आरजेडी की कृष्णा यादव को शिकस्त दी. 2019 में भी NDA की जीत का सिलसिला बरकरार रहा और महबूब अली कैसर ने लगातार दूसरी बार खगड़िया से जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने वीआईपी के मुकेश सहनी को मात दी.

संजय कुमार, सीपीएम प्रत्याशी
संजय कुमार, सीपीएम प्रत्याशी

सात नदियों की गोद में बसा है खगड़ियाः सात नदियों से घिरा खगड़िया जिला विकास के मामलों में अभी भी दूसरे इलाकों से पीछे नजर आता है.यहां तक कि जिले के कई इलाकों में आधारभूत संरचनाओं का अभी भी अभाव है. खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीट हैं जिनमें सोनबरसा सहरसा जिले में तो हसनपुर समस्तीपुर जिले में पड़ता है, बाकी अलौली, खगड़िया, बेलदौर और परबत्ता विधानसभा सीटें खगड़िया जिले में ही आती हैं. इन 6 विधानसभा सीटों में 4 पर महागठबंधन तो दो पर NDA का कब्जा है.

खगड़िया में जातिगत समीकरण : खगड़िया में मतदाताओं की कुल संख्या 18 लाख 24 हजार 990 है . जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 56 हजार 887 है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 68 हजार 53 है. इसके अलावा थर्ड जेंडर के भी 50 वोटर्स हैं.जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा संख्या यादवों की है जबकि दूसरे नंबर पर मुस्लिम और तीसरे नंबर पर मल्लाह जाति के मतदाता हैं. जाति का आंकड़ों को प्रतिशत में बांटें तो यहां ओबीसी-28 फीसदी, ईबीसी-35 फीसदी, एससी-19 फीसदी, मुस्लिम-10 फीसदी और सामान्य-8 फीसदी हैं.

खगड़िया में कड़ी टक्कर
खगड़िया में कड़ी टक्कर

NDA का गढ़ बचा पाएंगे युवा राजेश वर्माः NDA के मजबूत किले को बचाने की जिम्मेदारी इस बार युवा कंधों पर है. दरअसल पिछले दो बार के सांसद महबूब अली कैसर का टिकट काटकर एलजेपीआर ने इस बार राजेश वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है. लेकिन राजेश वर्मा की राह इतनी आसान नहीं होनेवाली है.

पाला बदल चुके हैं महबूब अली कैसरः बेटिकट होने के बाद महबूब अली कैसर पाला बदलकर आरजेडी में शामिल हो गये हैं और महागठबंधन की ओर से खड़े सीपीएम कैंडिडेट संजय कुमार के लिए जमकर चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं.महबूब अली कैसर के पाला बदलने से राजेश वर्मा को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है.

स्थानीय-बाहरी का मुद्दा भी हावीः यहां बाहरी और स्थानीय का मुद्दा भी हावी दिख रहा है. राजेश वर्मा भागलपुर के रहनेवाले हैं वहीं सीपीएम के संजय कुमार खगड़िया जिले के माड़र के ही रहनेवाले हैं. संजय कुमार के पिता भी खगड़िया से विधायक रह चुके हैं. कुल मिलाकर खगड़िया में NDA और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर है और 4 जून को ही पता चल पाएगा कि खगड़िया की जनता को मोदी की गारंटी पर भरोसा है या फिर तेजस्वी के रोजगारवाले दावे में दम है.

ये भी पढ़ेंः'मेरे लिए पूरा बिहार परिवार और उनके लिए..' परिवारवाद को लेकर लालू पर नीतीश का हमला - Khagaria Lok Sabha Seat

ये भी पढ़ेंः'देखिये ! चिराग के जीजा आए हैं महागठबंधन के लिए वोट मांगने' तेजस्वी ने खगड़िया में की चुनावी सभा - LOK SABHA ELECTION

ये भी पढ़ेंःखगड़िया लोकसभा सीट पर NDA और इंडिया गठबंधन ने नए चेहरे पर जताया भरोसा, जानें क्यों खास है यह सीट - LOK SABHA ELECTION 2024

खगड़िया: 2024 के लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है और अब 7 मई को होनेवाले तीसरे चरण के मतदान का घमासान परवान चढ़ चुका है. तीसरे चरण में ही खगड़िया लोकसभा सीट पर भी वोटिंग होनेवाली है और इस सीट पर जीत के लिए NDA और महागठबंधन के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है. तो चलिए हम आपको बताने जा रहे हैं खगड़िया लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा सियासी समीकरणः

खगड़िया सीट का इतिहासः देश के दूसरे आम चुनाव यानी 1957 से ही खगड़िया लोकसभा सीट का अस्तित्व है. शुरुआती दो लोकसभा चुनावों में तो यहां बाजी कांग्रेस के हाथ रही लेकिन उसके बाद तस्वीर बदलती गयी. हालांकि 1980 और 1984 में भी कांग्रेस को खगड़िया से सफलता मिली लेकिन उसके बाद बाजी हाथ से निकल गयी और अब तो खगड़िया NDA का गढ़ बन गया है.

खगड़िया में कड़ी टक्कर
खगड़िया में कड़ी टक्कर

NDA और महागठबंधन में मुकाबलाः पिछले कई चुनावों की तरह इस बार भी खगड़िया में NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. NDA ने यहां से लगातार दो बार जीत दर्ज करनेवाले महबूब अली कैसर की जगह युवा चेहरे राजेश वर्मा को मैदान में उतारा है. राजेश वर्मा यहां से एलजेपीआर की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो महागठबंधन की ओर से सीपीएम के संजय कुमार उन्हें टक्कर दे रहे हैं.

राजेश वर्मा, एलजेपीआर प्रत्याशी
राजेश वर्मा, एलजेपीआर प्रत्याशी

खगड़िया लोकसभा सीटः 2009 से अब तक इस सीट पर 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर जेडीयू के दिनेशचंद्र यादव ने आरजेडी के रवींद्र राणा को हराकर जीत दर्ज की. वहीं 2014 में NDA प्रत्याशी के तौर पर ही एलजेपी के महबूब अली कैसर ने आरजेडी की कृष्णा यादव को शिकस्त दी. 2019 में भी NDA की जीत का सिलसिला बरकरार रहा और महबूब अली कैसर ने लगातार दूसरी बार खगड़िया से जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने वीआईपी के मुकेश सहनी को मात दी.

संजय कुमार, सीपीएम प्रत्याशी
संजय कुमार, सीपीएम प्रत्याशी

सात नदियों की गोद में बसा है खगड़ियाः सात नदियों से घिरा खगड़िया जिला विकास के मामलों में अभी भी दूसरे इलाकों से पीछे नजर आता है.यहां तक कि जिले के कई इलाकों में आधारभूत संरचनाओं का अभी भी अभाव है. खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीट हैं जिनमें सोनबरसा सहरसा जिले में तो हसनपुर समस्तीपुर जिले में पड़ता है, बाकी अलौली, खगड़िया, बेलदौर और परबत्ता विधानसभा सीटें खगड़िया जिले में ही आती हैं. इन 6 विधानसभा सीटों में 4 पर महागठबंधन तो दो पर NDA का कब्जा है.

खगड़िया में जातिगत समीकरण : खगड़िया में मतदाताओं की कुल संख्या 18 लाख 24 हजार 990 है . जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 56 हजार 887 है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 68 हजार 53 है. इसके अलावा थर्ड जेंडर के भी 50 वोटर्स हैं.जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा संख्या यादवों की है जबकि दूसरे नंबर पर मुस्लिम और तीसरे नंबर पर मल्लाह जाति के मतदाता हैं. जाति का आंकड़ों को प्रतिशत में बांटें तो यहां ओबीसी-28 फीसदी, ईबीसी-35 फीसदी, एससी-19 फीसदी, मुस्लिम-10 फीसदी और सामान्य-8 फीसदी हैं.

खगड़िया में कड़ी टक्कर
खगड़िया में कड़ी टक्कर

NDA का गढ़ बचा पाएंगे युवा राजेश वर्माः NDA के मजबूत किले को बचाने की जिम्मेदारी इस बार युवा कंधों पर है. दरअसल पिछले दो बार के सांसद महबूब अली कैसर का टिकट काटकर एलजेपीआर ने इस बार राजेश वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है. लेकिन राजेश वर्मा की राह इतनी आसान नहीं होनेवाली है.

पाला बदल चुके हैं महबूब अली कैसरः बेटिकट होने के बाद महबूब अली कैसर पाला बदलकर आरजेडी में शामिल हो गये हैं और महागठबंधन की ओर से खड़े सीपीएम कैंडिडेट संजय कुमार के लिए जमकर चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं.महबूब अली कैसर के पाला बदलने से राजेश वर्मा को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है.

स्थानीय-बाहरी का मुद्दा भी हावीः यहां बाहरी और स्थानीय का मुद्दा भी हावी दिख रहा है. राजेश वर्मा भागलपुर के रहनेवाले हैं वहीं सीपीएम के संजय कुमार खगड़िया जिले के माड़र के ही रहनेवाले हैं. संजय कुमार के पिता भी खगड़िया से विधायक रह चुके हैं. कुल मिलाकर खगड़िया में NDA और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर है और 4 जून को ही पता चल पाएगा कि खगड़िया की जनता को मोदी की गारंटी पर भरोसा है या फिर तेजस्वी के रोजगारवाले दावे में दम है.

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Last Updated : May 6, 2024, 5:14 PM IST
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