नई दिल्ली: खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन, बिक्री और नए रोजगार सृजन में नया रिकॉर्ड बनाया है. आजाद भारत के इतिहास में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार 1.5 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है. 9 जुलाई KVIC ने वित्त वर्ष 2023-24 के अनंतिम आंकड़े जारी किए हैं.
केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने नई दिल्ली के राजघाट स्थित कार्यालय में वित्त वर्ष 2023-24 के अनंतिम आंकड़े जारी किए. पिछले सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 399.69 फीसदी (लगभग 400%), उत्पादन में 314.79 फीसदी (लगभग 315%) और नए रोजगार के सृजन में 80.96 फीसदी (लगभग 81%) की बढ़ोत्तरी हुई है.
वित्त वर्ष 2022-23 में वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 332.14%, उत्पादन में 267.52% और नये रोजगार सृजन के क्षेत्र में 69.75% की वृद्धि दर्ज की गई थी. स्वदेशी खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 31154.20 करोड़ रुपए थी. वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 155673.12 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जो अब तक की सर्वश्रेष्ठ है.
वित्त वर्ष 2023-24 में केवीआईसी के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्र में 10.17 लाख नए रोजगार का सृजन हुआ है. KVIC के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ब्रांड शक्ति’ ने खादी के उत्पादों पर लोगों का विश्वास बढ़ाया है. युवा वर्ग के लिए खादी फैशन का ‘नया स्टेटस सिंबल’ बन गया है. बाजार में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसका परिणाम उत्पादन, बिक्री और रोजगार के आंकड़ों में दिख रहा है.
खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों के उत्पादन में बड़ी वृद्धि: वित्त वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का उत्पादन 26,109.08 करोड़ रुपये था. वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में यह 314.79 फीसदी के उछाल के साथ 108297.68 करोड़ रुपये पहुंच गया. जबकि, वित्त वर्ष 2022-23 में उत्पादन 95956.67 करोड़ रुपये था.
खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री में उछाल: वित्त वर्ष 2013-14 में बिक्री जहां 31154.20 करोड़ रुपये थी. वहीं, 399.69 फीसदी की वृद्धि के साथ यह वित्त वर्ष 2023-24 में 1,55,673.12 करोड़ रुपये पहुंच गई, जो कि अब तक की सर्वाधिक बिक्री रही है.
खादी कपड़ों के उत्पादन का नया कीर्तिमान: पिछले 10 वर्षों में खादी कपड़ों के उत्पादन में भी वृद्धि देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी कपड़ों का उत्पादन 811.08 करोड़ रुपये था. वहीं 295.28 फीसदी के उछाल के साथ यह वित्त वर्ष 2023-24 में 3206 करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 2022-23 में खादी कपड़ों का उत्पादन 2915.83 करोड़ रुपये था.
खादी कपड़ों की बिक्री ने भी रचा नया इतिहास: पिछले 10 वित्त वर्षों में खादी के कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ी है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री सिर्फ 1081.04 करोड़ रुपये थी. वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में 500.90 फीसदी वृद्धि के साथ यह 6496 करोड़ रुपये पहुंच गई. वित्त वर्ष 2022-23 में 5942.93 करोड़ रुपये के खादी के कपड़े बिके थे.
रोजगार सृजन और संचयी रोजगार सृजन का नया कीर्तिमान: खादी और ग्रामोद्योग आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध करना है. इस क्षेत्र में भी केवीआईसी ने पिछले 10 वर्षों में रिकॉर्ड कायम किया है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां संचयी रोजगार (Cumulative Employment) 1.30 करोड़ था. वहीं, यह 2023-24 में 43.65 फीसदी वृद्धि के साथ 1.87 करोड़ तक पहुंच गया. इसी तरह से वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 5.62 लाख नए रोजगार का सृजन हुआ था, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 80.96 फीसदी की वृद्धि के साथ 10.17 लाख पहुंच गया.
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खादी-ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली के कारोबार में रिकॉर्ड वृद्धि: खादी और ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली के कारोबार में भी पिछले 10 वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2013-14 में यहां का कारोबार 51.13 करोड़ रुपये था, वहीं 87.23 फीसदी बढ़कर यह वित्त वर्ष 2023-24 में 95.74 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. वित्त वर्ष 2022-23 में खादी-ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली का कारोबार 83.13 करोड़ रुपये था.