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केजीएमयू में कार्यशाला, डॉ. अमित अग्रवाल बोले- रोबोट से जटिल ऑपरेशन संभव, मरीजों को दर्द भी होता है कम - KGMU Robotic Surgery Workshop

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 30, 2024, 12:43 PM IST

लखनऊ केजीएमयू में बुधवार को रोबोटिक सर्जरी पर कार्यशाला हुई. इसमें चिकित्सकों ने इस तकनीक से किए गए ऑपरेशन को ज्यादा सुरक्षित बताया.

केजीएमयू की कार्यशाला में चिकित्सकों ने रखे अपने विचार.
केजीएमयू की कार्यशाला में चिकित्सकों ने रखे अपने विचार. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

लखनऊ : दूरबीन और चीरे के ऑपरेशन की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में सफलता दर अधिक होती है. रोबोट से जटिल ऑपरेशन आसानी से संभव है. इसमें ऑपरेशन ज्यादा सटीक और सुरक्षित होता है. मरीज को रक्तस्राव और दर्द भी कम होता है. इसके साथ ही अस्पताल में भी कम दिन रुकना पड़ता है. यह बातें पीजीआई के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. अमित अग्रवाल ने बुधवार को केजीएमयू में रोबोट पर आयोजित कार्यशाला में कहीं. कार्यशाला की शुरुआत केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने की.

केजीएमयू में रोबोट लगाने की तैयारी चल रही है. जल्द ही यहां के डॉक्टर रोबोट से ऑपरेशन करेंगे. एम्स दिल्ली के सर्जरी विभाग के डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ गई है. इससे दिल, गुर्दा, थायराइड, ट्यूमर, लिवर, किडनी समेत दूसरे अन्य बीमारियों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं. कैंसर, ट्यूमर के ऑपरेशन रोबोट की मदद से करना ज्यादा सटीक एवं सुरक्षित हो गया है.

डॉ. राजेंद्र ने बताया कि रोबोट से मरीजों में लंबा चीरा नहीं लगाना पड़ता. इससे मरीज जल्दी ठीक हो जाता है. कई चिकित्सा संस्थान किडनी ट्रांसप्लांट तक रोबोट से ही कर रहे हैं. इस मौके पर डॉ. आशुतोष तिवारी, केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अभिनव अरुण सोनकर, यूरोलॉजी विभाग के डॉ. अपुल गोयल, एम्स ऋषिकेश के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग से डॉ. अनुपमा बहादुर ने अनुभव साझा किया.

यह भी पढ़ें : पिता की डांट से खफा 3 बेटियों ने छोड़ा घर, रातभर गन्ने के खेत में छिपी रहीं, पुलिस से बोलीं- पापा के साथ नहीं रहना

लखनऊ : दूरबीन और चीरे के ऑपरेशन की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में सफलता दर अधिक होती है. रोबोट से जटिल ऑपरेशन आसानी से संभव है. इसमें ऑपरेशन ज्यादा सटीक और सुरक्षित होता है. मरीज को रक्तस्राव और दर्द भी कम होता है. इसके साथ ही अस्पताल में भी कम दिन रुकना पड़ता है. यह बातें पीजीआई के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. अमित अग्रवाल ने बुधवार को केजीएमयू में रोबोट पर आयोजित कार्यशाला में कहीं. कार्यशाला की शुरुआत केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने की.

केजीएमयू में रोबोट लगाने की तैयारी चल रही है. जल्द ही यहां के डॉक्टर रोबोट से ऑपरेशन करेंगे. एम्स दिल्ली के सर्जरी विभाग के डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ गई है. इससे दिल, गुर्दा, थायराइड, ट्यूमर, लिवर, किडनी समेत दूसरे अन्य बीमारियों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं. कैंसर, ट्यूमर के ऑपरेशन रोबोट की मदद से करना ज्यादा सटीक एवं सुरक्षित हो गया है.

डॉ. राजेंद्र ने बताया कि रोबोट से मरीजों में लंबा चीरा नहीं लगाना पड़ता. इससे मरीज जल्दी ठीक हो जाता है. कई चिकित्सा संस्थान किडनी ट्रांसप्लांट तक रोबोट से ही कर रहे हैं. इस मौके पर डॉ. आशुतोष तिवारी, केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अभिनव अरुण सोनकर, यूरोलॉजी विभाग के डॉ. अपुल गोयल, एम्स ऋषिकेश के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग से डॉ. अनुपमा बहादुर ने अनुभव साझा किया.

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