लखनऊ : केजीएमयू की डॉक्टर को एक कॉल आई और कहा गया कि उनके द्वारा बुक किए गए कार्गो में ड्रग्स है. इसके बाद सीबीआई के एक अधिकारी ने डॉक्टर से बात की और उन्हे गिरफ्तार करने की धमकी दी. हालांकि बात बनते-बनते डॉक्टर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सीबीआई अफसर को 85 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. हालांकि बाद में पता चला कि ये सभी साइबर जालसाज थे. डॉक्टर की शिकायत पर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस के अनुसार लखनऊ के इंदिरानगर स्थित इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट में रहने वाली केजीएमयू की महिला डॉक्टर को बीते 15 अप्रैल को एक कॉल आई थी. कॉल करने वाले ने कहा कि आपके बुक कराए कार्गो में जाली पासपोर्ट, नकली एटीएम कार्ड तथा 140 ग्राम MDM ड्रग्स मिली है. डॉक्टर ने पहले खुद का पार्सल होने से मना किया, लेकिन कॉलर के खुद को सीबीआई अफसर बताने पर डाॅक्टर घबरा गईं.
बातचीत के दौरान महिला डॉक्टर ने कॉलर से बचने के उपाय पूछने लगीं. इस पर उनसे पैसों की डिमांड की गई. इ0सके बाद अलग अलग खातों में डॉक्टर ने 85 लाख रुपये जालसाजों के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए. बाद में डॉक्टर को पता चला कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है तो उन्होंने साइबर थाने में इसकी एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद साइबर थाने ने महिला डॉक्टर आई काॅल को ट्रेस किया. जिसकी लोकेशन लखनऊ में ही गोमतीनगर विस्तार सेक्टर-6 सुलभ आवास की मिली. इसके बाद पुलिस टीम ने देवाशीष राय को गिरफ्तार किया.
पुलिस के मुताबिक मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला देवाशीष एमसीए कर चुका है और अब वह लखनऊ में रहकर साइबर ठगी का काम करता है. आरोपी देवाशीष ने बताया कि उसने डॉक्टर की जानकारी सोशल मीडिया से निकाली थी. जिसके बाद उन्हें कॉल किया था. फिलहाल पुलिस ने ठगे गए 6 लाख रुपये फ्रीज करवा दिए हैं. बाकी 79 लाख रुपये भी रिकवर करने का प्रयास कर रही है.