नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम व सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर योजना 2023 के तहत प्रीमियम बसें चलाई जाएंगी. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को राजघाट -2 डिपो पर उबर द्वारा शुरू की गई 'उबर शटल' का निरीक्षण किया.
भारत में उबर शटल के महाप्रबंधक निकोलास वान डी लॉक व कंपनी के अन्य अधिकारियों ने परिवहन मंत्री को इस एप आधारित बस सेवा की विशेषताओं के बारे में बताया. कैलाश गहलोत ने बस के निरीक्षण के साथ अनुभव लेने के लिए कुछ दूर सफर भी किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रीमियम बसें अधिक आरामदायक व आकर्षक हैं. पर्यावरण के अनुकूल हैं. जो वायु प्रदूषण को कम करने के सहायक होंगी. प्रीमियम बस योजना के तहत उबर शटल दिल्ली के लिए परिवहन क्षेत्र में यह एक नई शुरुआत है. इन बसों के चलने से ट्रैफिक कम करने में मदद मिलेगी. साथ ही हरित दिल्ली में भी योगदान मिलेगा.
इन बसों में होंगी खास सुविधाएं: परिवहन मंत्री ने कहा कि दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बस) योजना 2023 को नवंबर में अधिसूचित किया गया था. इस साल मई में दो कंपनियों को योजना के तहत बसों का परिचालन शुरू करने के लिए लाइसेंस दिया गया था. उबर शटल सेवा में पूर्वनिर्धारित मार्गों पर चलने वाली वातानुकूलित बसें रहेंगी. इन बसों में वाईफाई, जीपीएस, सीसीटीवी होगा. इनमें खड़े होकर सफर करने की अनुमति नहीं होगी, हर एक को सीट मिलेगी.
बसों में यात्री एक सप्ताह पहले भी बुक कर सकेंगे सीटः ये प्रीमियम बसें दिल्ली के प्रमुख व्यावसायिक स्थलों को आवासीय क्षेत्रों से जोड़ेंगी. यात्री उबर एप के माध्यम से एक सप्ताह पहले ही इन बसों में सीटों की प्री-बुकिंग कर सकेंगे. बस की लाइव लोकेशन व रूट को ट्रैक करने, उसके आगमन के अपेक्षित समय (ईटीए) को देखने के साथ कैशलेस भुगतान जैसी अन्य सुविधाएं मिलेंगी.
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क्या है दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर योजना: दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बस) योजना 2023 एक ऐसी पहल है, जिसको प्रीमियम बस चलाने के लिए तैयार किया गया है. योजना का उद्देश्य सड़कों से वाहनों को दबाव कम करना, वायु प्रदूषण को कम करना व विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना है. इलेक्ट्रिक बसों पर कोई लाइसेंस शुल्क नहीं लगाया जाता है. लाइसेंस धारकों को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 90 दिनों के भीतर कम से कम 25 प्रीमियम बसों के बेड़े का रखरखाव और संचालन करना जरूरी है.