नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार को दलितों और गरीबों का विरोधी बताते हुए कहा कि इस सरकार ने हजारों गरीब परिवारों को राशन न देकर उनके मुंह से निवाला छीना है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने गरीबों के साथ षडयंत्र किया है, उनका हक छीना है. इस मामले में भाजपा विधायक दल जल्द दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग करेंगे.
गरीब परिवारों के लिए अंत्योदय अन्न योजना: विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 'नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट' के तहत समाज में सबसे निचले तबके के परिवारों को भी राशन देने के उद्देश्य से 'अंत्योदय अन्न योजना' का शुभारंभ किया था. इस योजना के अंतर्गत 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली के अति गरीब 1,56,800 परिवारों को हर महीने 35 किलो राशन देने का प्रावधान किया गया था. इस राशन में 21 किलो गेहूं, 14 किलो चावल और 1 किलो चीनी दी जाती थी. इन परिवारों में प्रमुख रूप से भूमिहीन, कृषि श्रमिक, सीमांत किसान, शिल्पकार, बुनकर, लोहार, झुग्गी निवासी, दिहाड़ी मजदूर, कूड़ा बीनने वाले जैसे समाज के निचले तबके के लोगों को शामिल किया गया था.
LOP Shri @Gupta_vijender is addressing a Press Conference. https://t.co/XijfUPZepG
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) September 16, 2024
दलित विरोधी और गरीब विरोधी: उन्होंने कहा कि दस साल पहले 2015 में जब आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी, उस समय इस योजना के तहत 76,458 गरीब परिवारों को राशन मिल रहा था, लेकिन आज दस साल बीतने के बाद इनकी संख्या घटकर 66,532 हो गई है. यानी करीब दस हजार लोग कम हो गए हैं. जबकि, इनकी संख्या 10 सालों में बढ़नी चाहिए थी. इस हिसाब से 1,56,800 में से बचे हुए 90,000 गरीबों को राशन कार्ड दिया जा सकता था, लेकिन दलित विरोधी और गरीब विरोधी इस केजरीवाल सरकार ने नहीं दिए.
दिल्ली में गरीबों के लिए राशन कार्ड: विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि भाजपा की तरफ से इन्हें राशन कार्ड देने की मांग उठाने पर 31 जुलाई 2019 को दिल्ली सरकार के 'फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग' ने इन गरीबों को राशन कार्ड देने के लिए विधानसभा अनुसार सूची बनाई. इसका संबंधित विभाग के मंत्री इमरान हुसैन के पास मंजूरी के लिए भेजा. यह कितना दुखद है कि मंत्री ने इस फाइल पर 16 सितंबर 2019 पर टिप्पणी लिखते हुए इसे अगले आदेश तक रोकने का आदेश दे दिया.
गरीब परिवार फ्री के अन्न से वंचित: गुप्ता ने कहा कि 90 हजार गरीब, जिनके अगर राशन कार्ड बन जाते तो उन्हें आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा हर महीने 35 किलो राशन फ्री में मिल रहा होता, लेकिन केजरीवाल सरकार ने इन्हें फ्री के अन्न से वंचित रखा. इन परिवारों के नौनिहालों के मुंह से निवाला खींच लिया और गरीब को और ज्यादा गरीब बना दिया.
उन्होंने कहा कि यह कितने शर्म की बात है कि खुद को गरीबों और वंचितों का रहनुमा बताने वाली केजरीवाल सरकार ने इन गरीबों को उनका हक नहीं दिया. यह न तो गरीबों को 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत इलाज देना चाहती है और न ही 'अंत्योदय योजना' के तहत 25 किलो राशन.
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