कुल्लू: मां लक्ष्मी के पूजन का त्योहार दीपावली इस साल 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. भक्तों के द्वारा इस लक्ष्मी पूजन के लिए अभी से तैयारी की जा रही है. ऐसे में इस साल 31 अक्टूबर को शाम 3:12 मिनट पर अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, जो एक नवंबर को 6:16 मिनट तक रहेगी. 31 अक्टूबर को ही प्रदोष काल पूजा पाठ के लिए मिल रहा है. तो ऐसे में प्रदोष काल को ध्यान में रखते हुए दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा.
आचार्य दीप कुमार ने कहा, "31 अक्टूबर को शाम 6:25 से लेकर रात 8:20 मिनट तक पूजा का समय रहेगा और इस दौरान गृहस्थ लोग माता लक्ष्मी का पूजन कर सकते हैं. इसके अलावा तंत्र-मंत्र साधना के लिए निशीथ काल ज्यादा लाभकारी माना गया है. 31 अक्टूबर की रात 11:39 से लेकर 12:31 मिनट तक निशिथ काल रहेगा और तंत्र-मंत्र की साधना के लिए भी यह समय काफी उपयुक्त रहेगा". माता लक्ष्मी की पूजा करने के दौरान लोगों को कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. ताकि माता लक्ष्मी उन पर प्रसन्न हो सके".
आचार्य दीप कुमार ने कहा, "मां लक्ष्मी के पूजन को प्रदोष काल में ही किया जाना चाहिए और किसी वेदी पर ही माता लक्ष्मी भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें. इस दिन सुबह ही भक्त अपने घर को साफ करे और शुभता और अच्छे भाग्य के लिए सोना और चांदी की वस्तुएं घर लाएं और इन्हें मां लक्ष्मी को चढ़ाएं. पूजा के दौरान वेदी का स्थान ईशान कोण और मूर्तियों का स्थान घर के पूर्वी कोने में होना चाहिए. दिवाली के दिन घर में ज्यादा से ज्यादा दीपक जलाएं और पूरे घर को रोशन करें. भक्त अपने घर पर सात्विक भोजन बनाएं. दिवाली की शाम को मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं. वही, दिवाली पूजन के लिए मिट्टी या चांदी की मूर्तियों को प्राथमिकता दें. इन सब बातों का ध्यान रखने से माता लक्ष्मी कभी भी अपने भक्त से नाराज नहीं होती और हमेशा स्थिर रूप में उसके घर में वास करती है".
दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा में इन बातों का रखें ध्यान
- माता लक्ष्मी के पूजन को प्रदोष काल में ही किया जाना चाहिए.
- किसी वेदी पर ही लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें.
- दिवाली के दिन सुबह ही भक्त अपने घर को अच्छे से साफ करें.
- अच्छे भाग्य के लिए सोना और चांदी की वस्तुएं घर लाएं.
- सोना और चांदी की वस्तुएं चढ़ाने से मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न.
- पूजा के दौरान वेदी का स्थान ईशान कोण में होना चाहिए.
- लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों का स्थान घर के पूर्वी कोने में होना चाहिए.
- दिवाली के दिन ज्यादा से ज्यादा दीए जलाएं और पूरे घर को रोशन करें.
- भक्त दिवाली के दिन अपने घर पर सात्विक भोजन बनाएं.
- दिवाली की शाम मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें और खीर का भोग लगाएं.
- दिवाली पूजन के लिए मिट्टी या चांदी की मूर्तियों को प्राथमिकता दें.
- पूजा करते समय घर में शांति और पवित्रता बनाए रखें.
- घर के प्रवेश द्वार पर कुमकुम और हल्दी से स्वास्तिक बनाएं.
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