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केदारनाथ में डेढ़ फीट तक बर्फ जमी, पोकलैंड-जेसीबी के पहिए भी जाम, मजदूरों की घर वापसी शुरू - KEDARNATH DHAM SNOWFALL

बर्फबारी के बाद केदारनाथ धाम में मजदूरों की मुश्किले बढ़ गई है. जिस वजह से पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहे है.

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केदारनाथ में डेढ़ फीट तक बर्फ जमी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 14 hours ago

Updated : 14 hours ago

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के बाद प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. केदारनाथ धाम में भी डेढ़ फीट तक बर्फ जम चुकी है, जिस कारण पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे मजदूर धीरे-धीरे सोनप्रयाग लौटने लगे हैं, जो मजदूर केदारनाथ धाम में हैं, वे तीर्थ पुरोहित, प्रशासनिक और हॉस्पिटल भवन के भीतर का कार्य कर रहे हैं. अगर ठंड का प्रकोप ज्यादा बढ़ता है तो बाकी बचे मजदूर भी दस जनवरी से पहले नीचे की ओर लौट आयेंगे. अभी धाम में 80 के करीब मजदूर ही निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं.

रुद्रप्रयाग जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी जारी है, जिस कारण निचले क्षेत्रों में सुबह और रात के समय ठंड का प्रकोप अत्यधिक बढ़ गया है. केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य में जुटे मजदूर धीरे-धीरे नीचे सोनप्रयाग की ओर लौटने लगे हैं. वहीं जो मजदूर केदारनाथ धाम में बचे है, वो माइनस डिग्री तापमान में रहकर जीवन काट रहे हैं.

केदारनाथ में डेढ़ फीट तक बर्फ जमी (ETV Bharat)

बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग किया जा रहा: बर्फबारी के कारण ज्यादातर निर्माण कार्य बंद पड़े हुए हैं. मजदूरों के साथ ही धाम में आईटीबीपी और पुलिस के जवान मौजूद हैं. रात के समय यहां स्थिति ज्यादा खराब हो रही है. बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग किया जा रहा है. यदि इसी तरह बर्फबारी जारी रही तो धाम में निर्माण कार्यों को बंद करके मजदूर सोनप्रयाग लौट आयेंगे.

पेयजल लाइन भी जाम: धाम में डेढ़ फीट तक बर्फ जम चुकी है. लगातार हो रही बर्फबारी के कारण निर्माण कार्यों को करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में पोकलैंड और जेसीबी जैसी भारी मशीनों के पहिये जाम हो गए हैं. धाम में पेयजल लाइन भी जाम हो गई है. पानी की किसी तरह से व्यवस्था की जा रही है. हालांकि बिजली व्यवस्था चाक-चौबंद है और प्राइवेट कंपनियों के नेटवर्क भी चल रहे हैं.

जनवरी तक रखा है कार्य करने का लक्ष्य: लोक निर्माण विभाग गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया कि धाम में लगातार बर्फबारी होने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. इन दिनों लकड़ी और टाइल्स बिछाने का कार्य किया जा रहा है. ये कार्य हॉस्पिटल, प्रशासनिक भवन के साथ ही तीर्थ पुरोहितों के भवनों के भीतर चल रहा है. दस जनवरी तक कार्य करने का लक्ष्य रखा गया है.

वहीं साल 2013 की आपदा से पहले के रामबाड़ा से गरूड़चट्टी पैदल मार्ग के ट्रीटमेंट का कार्य किया जा रहा है, जबकि इस साल 31 जुलाई को आई आपदा के बाद ध्वस्त हुए नये पैदल मार्ग पर भी कार्य चल रहा है. घोड़े-खच्चरों की सुविधा को लेकर केदारनाथ पैदल मार्ग के रूद्रा प्वाइंट व लिनचोली में वेटरनरी शेल्टर का निर्माण कार्य भी चल रहा है, जो 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है. धाम के साथ ही पैदल मार्ग पर ज्यादा बर्फबारी होने के बाद निर्माण कार्यों को बंद किया जाएगा.

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रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के बाद प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. केदारनाथ धाम में भी डेढ़ फीट तक बर्फ जम चुकी है, जिस कारण पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे मजदूर धीरे-धीरे सोनप्रयाग लौटने लगे हैं, जो मजदूर केदारनाथ धाम में हैं, वे तीर्थ पुरोहित, प्रशासनिक और हॉस्पिटल भवन के भीतर का कार्य कर रहे हैं. अगर ठंड का प्रकोप ज्यादा बढ़ता है तो बाकी बचे मजदूर भी दस जनवरी से पहले नीचे की ओर लौट आयेंगे. अभी धाम में 80 के करीब मजदूर ही निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं.

रुद्रप्रयाग जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी जारी है, जिस कारण निचले क्षेत्रों में सुबह और रात के समय ठंड का प्रकोप अत्यधिक बढ़ गया है. केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य में जुटे मजदूर धीरे-धीरे नीचे सोनप्रयाग की ओर लौटने लगे हैं. वहीं जो मजदूर केदारनाथ धाम में बचे है, वो माइनस डिग्री तापमान में रहकर जीवन काट रहे हैं.

केदारनाथ में डेढ़ फीट तक बर्फ जमी (ETV Bharat)

बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग किया जा रहा: बर्फबारी के कारण ज्यादातर निर्माण कार्य बंद पड़े हुए हैं. मजदूरों के साथ ही धाम में आईटीबीपी और पुलिस के जवान मौजूद हैं. रात के समय यहां स्थिति ज्यादा खराब हो रही है. बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग किया जा रहा है. यदि इसी तरह बर्फबारी जारी रही तो धाम में निर्माण कार्यों को बंद करके मजदूर सोनप्रयाग लौट आयेंगे.

पेयजल लाइन भी जाम: धाम में डेढ़ फीट तक बर्फ जम चुकी है. लगातार हो रही बर्फबारी के कारण निर्माण कार्यों को करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में पोकलैंड और जेसीबी जैसी भारी मशीनों के पहिये जाम हो गए हैं. धाम में पेयजल लाइन भी जाम हो गई है. पानी की किसी तरह से व्यवस्था की जा रही है. हालांकि बिजली व्यवस्था चाक-चौबंद है और प्राइवेट कंपनियों के नेटवर्क भी चल रहे हैं.

जनवरी तक रखा है कार्य करने का लक्ष्य: लोक निर्माण विभाग गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया कि धाम में लगातार बर्फबारी होने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. इन दिनों लकड़ी और टाइल्स बिछाने का कार्य किया जा रहा है. ये कार्य हॉस्पिटल, प्रशासनिक भवन के साथ ही तीर्थ पुरोहितों के भवनों के भीतर चल रहा है. दस जनवरी तक कार्य करने का लक्ष्य रखा गया है.

वहीं साल 2013 की आपदा से पहले के रामबाड़ा से गरूड़चट्टी पैदल मार्ग के ट्रीटमेंट का कार्य किया जा रहा है, जबकि इस साल 31 जुलाई को आई आपदा के बाद ध्वस्त हुए नये पैदल मार्ग पर भी कार्य चल रहा है. घोड़े-खच्चरों की सुविधा को लेकर केदारनाथ पैदल मार्ग के रूद्रा प्वाइंट व लिनचोली में वेटरनरी शेल्टर का निर्माण कार्य भी चल रहा है, जो 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है. धाम के साथ ही पैदल मार्ग पर ज्यादा बर्फबारी होने के बाद निर्माण कार्यों को बंद किया जाएगा.

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Last Updated : 14 hours ago
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