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कवर्धा बना डायरिया का हॉटस्पॉट, सरेंड़ा गांव में मिले 18 मरीज, स्वस्थ्य शिविर का क्षेत्र में नहीं हुआ कोई असर - Kawardha becomes diarrhea hotspot - KAWARDHA BECOMES DIARRHEA HOTSPOT

कवर्धा इन दिनों डायरिया का हॉटस्पॉट बना हुआ है. यहां के सरेंड़ा गांव में 18 मरीज मिले हैं. यहां स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वस्थ्य शिविर लगाने का भी कोई फायदा नहीं हो रहा है.

Kawardha becomes diarrhea hotspot
कवर्धा बना डायरिया का हॉटस्पॉट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 19, 2024, 8:09 PM IST

कवर्धा में डायरिया का कहर (ETV Bharat)

कवर्धा: कबीरधाम में डायरिया का तांडव अब भी जारी है. जिले के सोनवानी गांव में दो ग्रामीणों के मौत के बाद अब पास के गांव सरेंडा में उल्टी-दस्त के 18 मरीज मिले है. सभी का इलाज बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया जा रहा है. बताया जा रहा है कि कुआं का दूषित पानी पीने से सभी लोग बिमार हुए हैं. वहीं, अब इस मामले में कांग्रेस साय सरकार पर आरोप लगा रहे हैं.

लगातार मिल रहे डायरिया के मरीज: दरअसल, कबीरधाम जिले में पिछले दो महिने से एक के बाद एक लगभग 10 से अधिक गांव को डायरिया ने अपनी चपेट में लिया है. इस बिमारी से जहां सैकड़ों लोग बिमार हुए हैं, तो वहीं पांच से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है. हालांकि, प्रशासन मौत का कारण कुछ और ही बता रही है. हाल ही में ग्राम सोनवाही में डायरिया से दो मरीज की मौत हो गई, जिनका पोस्टमार्टम भी कराया गया है. रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. वही, गांव के लगभग 17 लोग डायरिया और मलेरिया पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद प्रशासन ने वनांचल क्षेत्र के ग्राम झलमला में 18 जुलाई को स्वस्थ्य शिविर का आयोजन किया था. बावजूद ग्राम पंचायत झलमला के आश्रित ग्राम सरेंड़ा में एक के बाद एक 18 लोग उल्टी-दस्त से बिमार पड़ने लगे, जिससे स्वस्थ्य विभाग की टीम ने आनन-फानन में बोड़ला स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को भर्ती कराया है. सभी का इलाज जारी है.

जानिए क्या कहते हैं ग्रामीण: इस बारे में ग्रामीणों का कहना है, "लोगों के बीमार पड़ने के बाद आज ही गांव में एक सरकारी नल लगा रहे हैं. इससे पहले गांव वाले कुआं का गंदा पानी पीते थे. आगे भी पीना पड़ेगा, क्योंकि इतने बड़े गांव में एक नल लगाया जा रहा है. सैकड़ों की आबादी वाले गांव में इतना पानी प्रयाप्त नहीं है." वहीं, सरेंडा गांव में बढ़ रहे डायरिया केसेज को लेकर कांग्रेस नेता प्रभाती मरकाम ने कहा, " डायरिया से मौत होने के बाद भी शासन और प्रशासन गंभीर नहीं है. गांव में कुआं का दूषित पानी पीने के कारण बैगा आदिवासी डायरिया, मलेरिया जैसे गंभीर बिमारी के चपेट में आकर मौत के मुंह में समा रहे हैं. प्रशासन मौत का कारण विभिन्न बिमारी और लापरवाही बता रही हैं. शासन को तत्काल वनांचल गांव में बोर खोदवा कर साफ पेयजल व्यवस्था के साथ ही मृतक परिवार को मुआवजा और मरीजों का बेहतर इलाज करने की व्यवस्था करनी चाहिए."

क्षेत्र में लगातार मौसमी बिमारी, उल्टी-दस्त, डायरिया, मलेरिया फैला हुआ है. प्रशासन ग्रामीणों के मौत के बाद भी नहीं चेत रही है. गांव में ना साफ पेयजल की व्यवस्था कर रही है, ना सही इलाज का. ऐसे शासन और प्रशासन को तत्काल गांव में बोर खोदवाकर साफ पेयजल व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही मृतक परिवार को मुआवजा और बीमार का उचित इलाज कराना चाहिए. -प्रभाती मरकाम, कांग्रेस नेता

इस पूरे मामले में ईटीवी भारत ने जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल राज और बोड़ला ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी विकास चंद्रवंशी से फोन पर बातचीत की तो दोनों का नंबर बंद आया. वहीं, क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे डायरिया से क्षेत्र के लोग काफी परेशान है.

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कवर्धा में डायरिया का कहर (ETV Bharat)

कवर्धा: कबीरधाम में डायरिया का तांडव अब भी जारी है. जिले के सोनवानी गांव में दो ग्रामीणों के मौत के बाद अब पास के गांव सरेंडा में उल्टी-दस्त के 18 मरीज मिले है. सभी का इलाज बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया जा रहा है. बताया जा रहा है कि कुआं का दूषित पानी पीने से सभी लोग बिमार हुए हैं. वहीं, अब इस मामले में कांग्रेस साय सरकार पर आरोप लगा रहे हैं.

लगातार मिल रहे डायरिया के मरीज: दरअसल, कबीरधाम जिले में पिछले दो महिने से एक के बाद एक लगभग 10 से अधिक गांव को डायरिया ने अपनी चपेट में लिया है. इस बिमारी से जहां सैकड़ों लोग बिमार हुए हैं, तो वहीं पांच से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है. हालांकि, प्रशासन मौत का कारण कुछ और ही बता रही है. हाल ही में ग्राम सोनवाही में डायरिया से दो मरीज की मौत हो गई, जिनका पोस्टमार्टम भी कराया गया है. रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. वही, गांव के लगभग 17 लोग डायरिया और मलेरिया पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद प्रशासन ने वनांचल क्षेत्र के ग्राम झलमला में 18 जुलाई को स्वस्थ्य शिविर का आयोजन किया था. बावजूद ग्राम पंचायत झलमला के आश्रित ग्राम सरेंड़ा में एक के बाद एक 18 लोग उल्टी-दस्त से बिमार पड़ने लगे, जिससे स्वस्थ्य विभाग की टीम ने आनन-फानन में बोड़ला स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को भर्ती कराया है. सभी का इलाज जारी है.

जानिए क्या कहते हैं ग्रामीण: इस बारे में ग्रामीणों का कहना है, "लोगों के बीमार पड़ने के बाद आज ही गांव में एक सरकारी नल लगा रहे हैं. इससे पहले गांव वाले कुआं का गंदा पानी पीते थे. आगे भी पीना पड़ेगा, क्योंकि इतने बड़े गांव में एक नल लगाया जा रहा है. सैकड़ों की आबादी वाले गांव में इतना पानी प्रयाप्त नहीं है." वहीं, सरेंडा गांव में बढ़ रहे डायरिया केसेज को लेकर कांग्रेस नेता प्रभाती मरकाम ने कहा, " डायरिया से मौत होने के बाद भी शासन और प्रशासन गंभीर नहीं है. गांव में कुआं का दूषित पानी पीने के कारण बैगा आदिवासी डायरिया, मलेरिया जैसे गंभीर बिमारी के चपेट में आकर मौत के मुंह में समा रहे हैं. प्रशासन मौत का कारण विभिन्न बिमारी और लापरवाही बता रही हैं. शासन को तत्काल वनांचल गांव में बोर खोदवा कर साफ पेयजल व्यवस्था के साथ ही मृतक परिवार को मुआवजा और मरीजों का बेहतर इलाज करने की व्यवस्था करनी चाहिए."

क्षेत्र में लगातार मौसमी बिमारी, उल्टी-दस्त, डायरिया, मलेरिया फैला हुआ है. प्रशासन ग्रामीणों के मौत के बाद भी नहीं चेत रही है. गांव में ना साफ पेयजल की व्यवस्था कर रही है, ना सही इलाज का. ऐसे शासन और प्रशासन को तत्काल गांव में बोर खोदवाकर साफ पेयजल व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही मृतक परिवार को मुआवजा और बीमार का उचित इलाज कराना चाहिए. -प्रभाती मरकाम, कांग्रेस नेता

इस पूरे मामले में ईटीवी भारत ने जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल राज और बोड़ला ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी विकास चंद्रवंशी से फोन पर बातचीत की तो दोनों का नंबर बंद आया. वहीं, क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे डायरिया से क्षेत्र के लोग काफी परेशान है.

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