जयपुर: राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसओजी की रिमांड पर हैं. एसओजी इन दोनों को सोमवार को अजमेर स्थित आरपीएससी कार्यालय लेकर गई. जहां से कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
फिलहाल, बड़ा सवाल यह है कि बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका के आरपीएससी सदस्य रहते आरपीएससी द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं और साक्षात्कार की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका के आरपीएससी सदस्य रहते हुई भर्तियों में इन दोनों की क्या भूमिका थी और इन भर्तियों में गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर क्या एसओजी इन सभी भर्तियों को भी जांच के दायरे में लेगी.
बहरहाल, एसओजी के एडीजी वीके सिंह का कहना है कि फिलहाल रामूराम राईका और बाबूलाल कटारा से एसआई भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर गहनता से पूछताछ और अनुसंधान किया जा रहा है. ताकि एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में कड़ियां जोड़ी जा सके. बाकि भर्तियों को अभी जांच के दायरे में नहीं लिया गया है.
शिक्षक भर्ती-एसआई भर्ती पेपर लीक में शामिल कटारा: एसओजी की पड़ताल में सामने आया है कि बाबूलाल कटारा ने शिक्षक भर्ती का पेपर लीक किया था. इस भर्ती परीक्षा के पेपर सेट करने का जिम्मा कटारा का था. उसने पेपर लीक गिरोह के सरगना अनिल उर्फ शेरसिंह को पर्चा दिया था. जबकि एसआई भर्ती का पर्चा भी बाबूलाल कटारा ने ही रामूराम राईका को दिया था. यह पर्चा पढ़कर राईका के बेटे देवेश और बेटी शोभा ने परीक्षा पास की.
राईका ने बेटे बेटी के लिए लीक किया पर्चा: एसआई भर्ती परीक्षा के समय रामूराम राईका आरपीएससी का सदस्य था. उसने अपने बेटे देवेश और बेटी शोभा के लिए आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से पेपर लिया था. यह हाथ से लिखा हुआ पेपर उसने परीक्षा से पांच दिन पहले अपने बेटे-बेटी को दिया. एसआई भर्ती परीक्षा में शोभा राईका की पांचवीं और देवेश राईका की 40वीं रैंक है.
2018 से 2022 तक सदस्य रहा राईका: नागौर जिले के गगवाना गांव का रहने वाला रामूराम राईका 2018 में आरपीएससी का सदस्य बना था. वह जुलाई 2022 तक इस पद पर रहा. इससे पहले वह नागौर कॉलेज में लेक्चरर रहा. वह जोधपुर में हुए देवासी समाज के महाकुंभ में खुद कबूल कर चुका है कि उसने आरपीएससी सदस्य रहते साक्षात्कार में कई लोगों को बनाया है. उसके इस बयान और बेटे-बेटी के एकसाथ एसआई भर्ती में चयन के बाद से ही उसकी भूमिका पर सवाल उठ रहे थे.
2020 में सदस्य बना था कटारा: डूंगरपुर के बाबूलाल कटारा को अक्टूबर 2020 में आरपीएससी का सदस्य बनाया गया था. इससे पहले वह जिला सांख्यिकी अधिकारी डूंगरपुर और बाड़मेर के पद पर भी रहा. वह भीम, राजसमंद, खैरवाड़ा, सागवाड़ा, सुमेरपुर और उदयपुर में भी रहा. साल 2013 में वह सचिवालय में आयोजना विभाग में संयुक्त निदेशक और बाद में उदयपुर स्थित आदिम जाति शोध संस्थान में निदेशक के पद पर भी रहा. उसे एसओजी ने अप्रैल 2023 में शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था.
शिक्षक भर्ती में गिरफ्तारी से पहले एसआई के इंटरव्यू: बाबूलाल कटारा के पास शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर सेट करने का जिम्मा था. इसी दौरान उसने इस परीक्षा के पेपर का सौदा पेपर लीक माफिया अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा से किया था. इस मामले में जब अप्रैल 2023 में एसओजी ने बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया था. उससे ठीक पहले तक वह आरपीएससी में एसआई भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों के इंटरव्यू ले रहा था. बाद में एसओजी की जांच में खुलासा हुआ कि राईका की बेटी शोभा के इंटरव्यू पैनल में भी कटारा शामिल था.
2018 से 2022 तक हुई यह भर्तियां: आरएएस 2018 और आरएएस 2021, कॉलेज शिक्षा-चिकित्सा शिक्षा भर्ती-2021-22, सहायक वन संरक्षक भर्ती-2018 -19, स्कूल लेक्चर भर्ती, शिक्षक भर्ती, संस्कृत शिक्षा भर्ती, पीआरओ भर्ती, फोरेंसिक विभाग में भर्ती, जूनियर लीगल ऑफिसर भर्ती और कॉलेज शिक्षा में सहायक आचार्य जैसी अहम भर्तियां हुई. इसके अलावा एसआई भर्ती-2018, आरएएस-2016, असिस्टेंट प्रोफेसर, कॉलेज एजुकेशन-2016, एग्रीकल्चर रिसर्च ऑफिसर, असिस्टेंट एग्रीकल्चर ऑफिसर, एग्रीकल्चर ऑफिसर, जूनियर लीगल ऑफिसर, पीआरओ, प्रिंसिपल आईटीआई, जेईएन भर्ती, एसीएफ व रेंजर भर्ती, पॉलिटेक्निक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती और असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेज एजुकेशन-2021 के साक्षात्कार भी इसी अवधि में हुए.