जयपुर: करवा चौथ यानी सुहागन महिलाओं का पर्व. जब महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए व्रत रखती हैं. इस दिन को खास बनाने के लिए सजती-संवरती हैं. छोटी काशी जयपुर की महिलाएं भी करवा चौथ सेलिब्रेट करने में पीछे नहीं रही. कुछ ने अपने फ्रेंड सर्कल, तो कुछ ने विभिन्न क्लब को ज्वाइन कर इस फेस्टिवल को अपने-अपने तरीके से एंजॉय किया. वहीं सुबह से ही मेहंदी लगवाने और ब्यूटी सलून पर सजने के लिए भी उत्साहित दिखीं.
बना खास संयोग: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को इस बार विभिन्न योग संयोगों के बीच चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद रहेगा. इस संयोग में करवा माता की पूजा करने से दांपत्य जीवन में चल रही परेशानियां खत्म होंगी और रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन भगवान गणेश और शिव-पार्वती के साथ करवा माता की पूजा का विधान है. इस दिन व्रती महिलाएं रात में चांद देखने के बाद ही अपना व्रत तोड़ती हैं. करवा चौथ पर चंद्र दर्शन से इच्छा फल की प्राप्ति होती है. आज चंद्रमा शाम 7:57 बजे उदय होगा. ऐसे में व्रती महिलाओं को सिर्फ एक घंटे तक ही चंद्र दर्शन का लाभ मिलेगा.
करवा चौथ किया सेलिब्रेट: उधर, करवा चौथ के मौके पर इस त्यौहार को सेलिब्रेट करने का भी महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला. कहीं करवा चौथ के रंग गरबा के संग मनाया गया. तो कहीं टैलेंट हंट और कंपीटीशन आयोजित करते हुए महिलाओं ने करवा चौथ सेलिब्रेट किया. इस दौरान एक कार्यक्रम में शामिल हुई डॉ नीलम त्यागी ने बताया कि शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. सुहागिन महिलाएं भूखी-प्यासी अपने पति के लिए व्रत रखती हैं तो ये सुहागिनों के सिंदूर का ही बल है कि वो पूरे दिन भूखी प्यासी रह लेती हैं. ये कल्चर विदेश में नहीं, सिर्फ भारत वर्ष में है. जिसे सभी सुहागिनें सुहाग की निशानियां के साथ 16 शृंगार करते हुए पूर्ण करती हैं.
भारतीय संस्कृति से होगा जुड़ाव: वहीं करवा चौथ फेस्टिवल सेलिब्रेट करने वाली आयोजक शिल्पी अग्रवाल ने बताया कि इस तरह के त्यौहार सेलिब्रेट करने से संस्कृति के साथ जुड़ाव पैदा होता है. महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामनाएं करती हैं. सभी 16 शृंगार कर करवा चौथ के इस आयोजन में शामिल हुई हैं. सभी को इंतजार भी है कि उनके पति, उनके लिए क्या गिफ्ट लेकर आएंगे. इस पर्व को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य भी यही है कि आने वाली पीढ़ी जब इस तरह के त्यौहार मनाते हुए उन्हें देखेंगे, तो पाश्चात्य कल्चर की ओर जाने की बजाय संस्कृति के साथ जुड़े रहेंगे. वहीं प्रीति कुलश्रेष्ठ ने बताया कि करवा चौथ पारंपरिक त्यौहार है. जिसे सदियों से मनाया जा रहा है ये उनकी संस्कृति से जुड़ा हुआ पर्व है। इस तरह के त्यौहार मनाने से पारिवारिक मूल्यों को भी बल मिलता है और पति-पत्नी का रिश्ता भी मजबूत होता है.
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वाटरप्रूफ मेकअप को तरजीह: वहीं बीती रात से ही करवा चौथ को लेकर बाजार भी सजे नजर आए. जहां महिलाएं करवा, छलनी और दूसरे सुहाग के सामान लेने के लिए बाजारों में पहुंची. वहीं ब्यूटी सलून पर रविवार सुबह से ही महिलाएं सजने-संवरने के लिए पहुंची. कुछ ब्यूटी सलून पर महिलाओं के लिए मेहंदी लगाने की भी व्यवस्था की गई. वहीं ब्यूटी एक्सपर्ट पूर्णिमा ने बताया कि करवा चौथ पर किसी महिला ने अपने शादी के जोड़े को पहना है तो कोई अपने पति के लिए 16 शृंगार कर रही हैं. महिलाओं में सजने-संवरने का भी खासा क्रेज है. इसलिए जो महिलाएं सुबह या दोपहर में मेकअप के लिए आई हैं, उन्हें ऐसा मेकअप दिया जा रहा है जो रात तक चल सके क्योंकि इस दौरान उन्हें खाना भी बनाना होगा, कहानी भी सुननी होगी और त्योहार को सेलिब्रेट भी करना होगा. इस वजह से उन्हें वाटरप्रूफ मेकअप दिया गया है.