संभल: जिले में 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट को खुलवाने के बाद अब यहां लगातार मंदिरों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है. चंदौसी में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में एक और खंडहरनुमा मंदिर मिलने का दावा किया गया है. बताया जा रहा है, यह मंदिर करीब डेढ़ सौ साल ज्यादा पुराना है. मुस्लिम आबादी से घिरा होने और मंदिर का रखरखाव नहीं होने के चलते आज इसका अस्तित्व खतरे में है.
बता दें कि संभल हिंसा के बाद सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के इलाके खग्गू सराय में प्रशासन ने 46 से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट को खुलवाया था. अब चंदौसी स्थित लक्ष्मण गंज मोहल्ले में खंडहरनुमा मंदिर मिलने का दावा किया गया है. यह मंदिर डेढ़ सौ साल से अधिक पुराना बताया जा रहा है. मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मिले मंदिर के बांके बिहारी मंदिर के नाम से होना बताया गया है.
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बताया जा रहा है कि चंदौसी में 25 साल पहले हिंदू बड़ी तादात में रहा करते थे. लेकिन, कुछ समय बाद यहां मुसलमानों की संख्या बढ़ती चली गई. हिंदुओं की आबादी कम होने के चलते धीरे-धीरे उनके यहां से पलायन शुरू हो गया. बताते हैं कि यहां पर 2010 तक पूजा-अर्चना होती थी. लेकिन, 2010 में शरारती तत्वों ने मंदिर में विराजमान भगवान बांके बिहारी की प्रतिमा और शिवलिंग समेत अन्य मूर्ति को खंडित कर दिया था.
यहां के स्थानीय लोगों का कहना है, कि उस समय पुलिस में शिकायत भी की गई. लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई. अब जिस तरह से संभल में 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुले हैं, उसके बाद अब यहां के लोगों को उम्मीद है कि भगवान बांके बिहारी के मंदिर का भी अब जीर्णोद्धार हो जाएगा.
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