नालंदाः जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती से ठीक एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न की उपाधि देने की घोषणा की गई. इसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपना अपना श्रेय ले रहे हैं तो दूसरी ओर जदयू, राजद और कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए मास्टर स्ट्रोक खेला है. भाजपा नेता भी इस बात से सहमत हैं कि भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेला है. आरपीसी सिंह ने नालंदा में मीडिया को संबोधित करते हुए अपनी ही पार्टी के प्लान का पोल खोल दिया.
आरजेडी और कांग्रेस पर सवाल उठाएः नालंदा के अस्थावां प्रखंड अंतर्गत मुस्तफापुर में कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनायी गई. इस कार्यक्रम में भाजपा नेता आरसीपी सिंह भी शामिल हुए. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने को लेकर मीडिया ने जब आरसीपी से पूछा कि जदयू, आरजेडी और कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा ने भारत रत्न देकर मास्टर स्ट्रोक खेला है. इसपर आरसीपी ने सहमति दी. हालांकि उन्होंने जदयू को छोड़कर आरजेडी और कांग्रेस पर सवाल उठाए.
"मास्टर स्ट्रोक तो है ही, लेकिन जो लोग बोल रहे हैं, उनको भी तो मौका मिला है. आरजेडी और कांग्रेस पार्टी को ले लीजिए. उस समय कांग्रेस पार्टी की ही सरकार थी. जब मनमोहन सिंह 10 साल प्रधानमंत्री रहे तो आरजेडी भी सत्ता में थी. अगर उस समय सही प्रयास किया जाता. इनके जो आका है, वे अगर प्रयास किए होते तो सही बात है कि बहुत पहले कर्पूरी जी को भारत रत्न मिल जाता. It is Better Late than never. पीएम ने जो काम किया वह काफी सराहनीय है." -आरसीपी सिंह, भाजपा नेता
प्रधानमंत्री का जताया आभारः आरसीपी सिंह ने केंद्र सरकार की इस घोषणा की तारीफ करते हुए कहा कि आज का दिन भारत के लिए बहुत ही गौरवशाली क्षण है. कर्पूरी ठाकुर बिहार के दूसरे सपूत हैं जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया है. इसके पहले 1962 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी को भारत रत्न से नवाजा गया था. उन्होंने कहा कि मैं माननीय प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.
अलग-अलग जयंती मनाने पर तंजः जदयू, राजद के द्वारा अलग-अलग जयंती मनाने पर आरसीपी ने तंज कसा. कहा कि दोनों पार्टी की तासीर नहीं मिलती है. एक की इच्छा देश के प्रधानमंत्री बनने की है तो दूसरे की इच्छा अपने पुत्र को जल्दी से बिहार के मुख्यमंत्री बनाने की है. स्वाभाविक है कहीं भी उनके विचार में कार्यक्रम में सामंजस्य नहीं है. सच कहूं तो वे लोग अलग ही हैं. इनलोगों के पास कोई सकारात्मक सोच नहीं है.