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करोल बाग इलाके में कैसे गिरी दो मंजिला इमारत, स्थानीय लोगों ने बताई वजह - Karol Bagh Building Collapse

House Collapse in Karol Bagh: करोल बाग इलाके में बुधवार सुबह मकान ढहने से 18 लोग दब गए. इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई. जबकि, 14 लोगों को घायल अवस्था में अस्पताल में इलाज चल रहा है.

करोल बाग इलाके में कैसे गिरी पांच मंजिला इमारत
करोल बाग इलाके में कैसे गिरी पांच मंजिला इमारत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 18, 2024, 7:11 PM IST

Updated : Sep 18, 2024, 10:16 PM IST

करोल बाग इलाके में कैसे गिरी पांच मंजिला इमारत (etv bharat)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के करोलबाग इलाके में बुधवार सुबह दो मंजिला मकान गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में 18 लोग मलबे में दब गए थे. सभी लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया. जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. वहीं, 12 लोगों की हालत स्थिर है, जबकि दो की हालत गंभीर है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वो यहां करीब 80 वर्षों से रह रहे हैं, जिसमें दलित समुदाय के लोग ज्यादा हैं. जिस जगह घटना हुई वहां बनी गलियां काफी संकरी हैं.

घटना स्थल के नजदीक रहने वाली पूनम ने बताया कि उनकी उम्र 22 वर्ष है. पिता और चाचा का भी बचपन यहीं बीता है. इस जगह पर बने मकान काफी पुराने और जर्जर स्थिति में हैं. जो मकान गिरा है वह भी काफी पुराना था. इस इलाके में काफी सकरी गलियां है. यहां आग लगने पर दमकल की गाड़ियां भी नहीं आ पाती है. आपात स्थिति में यहां कोई भी सुरक्षा आसानी से नहीं मिल सकती. वहीं, आज जो मकान गिरा, उसमें करीब 30 लोग जूते बनाने का काम करते थे. इस घटना में 18 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया, जिसमें से 4 की मौत हो गई है.

बापा नगर के रहने वाले राजेश कुमार ने बताया कि घटना करीब सुबह 8:30 बजे हुई थी. वह किचन में थे, जब मकान गिरा तो उनको लगा की भूकंप आया है. जैसे ही वह घर से बाहर आए तब मालूम हुआ की चार घर छोड़ कर मकान गिरा है. इसके बाद राहत बचाव कार्य टीम को फोन किया गया. करीब 20 मिनट के बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई.

राजेश ने आगे बताया कि 80-90 साल पहले बापा नगर में लोगों ने रहना शुरू किया था. यहां बने करीब 50 फीसदी मकान जर्जर स्थिति में हैं. जिस जगह घटना हुई है, उस मकान का मालिक कहीं और रहता है. यहां केवल किराएदार रहते थे और जूते बनाने के काम करते थे. मकान मालिक काफी समय से नहीं आए थे. बरसात के कारण नींव में पानी जमा होने से मकान कच्चा हो गया था, यही वजह है आज ये दर्दनाक हादसा हुई.

स्थानीय निवासी डालचंद ने बताया कि वह यहां 77 वर्षों से रह रहे हैं. जो मकान गिरा है उसमें मरम्मत कार्य नहीं हुआ था. मकान मालिक को केवल किराए से मतलब है. लेकिन सोचने की बात यह भी है कि क्या सच में इसका जिम्मेदार केवल मकान मालिक है? सरकार और एमसीडी को भी ऐसे मकानों का जायजा लेना चाहिए. उनको बापा नगर का सर्वे करवाना चाहिए. तब पता चलेगा कि यहां सैकड़ों मकान जर्जर स्थिति में है, जो कभी भी गिर सकते हैं. एमसीडी को ऐसे मकानों को सील करना चाहिए.

गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में दोपहर से ही झमाझम बारिश हो रही है. इसके बाद भी करोल बाग इलाके में हुए हादसे में दोपहर तक मलबे से 18 लोगों को बाहर निकाल लिया गया. जबकि, चार व्यक्ति की इस घटना में मौत की सूचना है. चारों यूपी के रामपुर जिला के खातानगर के रहने वाले थे.

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करोल बाग इलाके में कैसे गिरी पांच मंजिला इमारत (etv bharat)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के करोलबाग इलाके में बुधवार सुबह दो मंजिला मकान गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में 18 लोग मलबे में दब गए थे. सभी लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया. जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. वहीं, 12 लोगों की हालत स्थिर है, जबकि दो की हालत गंभीर है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वो यहां करीब 80 वर्षों से रह रहे हैं, जिसमें दलित समुदाय के लोग ज्यादा हैं. जिस जगह घटना हुई वहां बनी गलियां काफी संकरी हैं.

घटना स्थल के नजदीक रहने वाली पूनम ने बताया कि उनकी उम्र 22 वर्ष है. पिता और चाचा का भी बचपन यहीं बीता है. इस जगह पर बने मकान काफी पुराने और जर्जर स्थिति में हैं. जो मकान गिरा है वह भी काफी पुराना था. इस इलाके में काफी सकरी गलियां है. यहां आग लगने पर दमकल की गाड़ियां भी नहीं आ पाती है. आपात स्थिति में यहां कोई भी सुरक्षा आसानी से नहीं मिल सकती. वहीं, आज जो मकान गिरा, उसमें करीब 30 लोग जूते बनाने का काम करते थे. इस घटना में 18 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया, जिसमें से 4 की मौत हो गई है.

बापा नगर के रहने वाले राजेश कुमार ने बताया कि घटना करीब सुबह 8:30 बजे हुई थी. वह किचन में थे, जब मकान गिरा तो उनको लगा की भूकंप आया है. जैसे ही वह घर से बाहर आए तब मालूम हुआ की चार घर छोड़ कर मकान गिरा है. इसके बाद राहत बचाव कार्य टीम को फोन किया गया. करीब 20 मिनट के बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई.

राजेश ने आगे बताया कि 80-90 साल पहले बापा नगर में लोगों ने रहना शुरू किया था. यहां बने करीब 50 फीसदी मकान जर्जर स्थिति में हैं. जिस जगह घटना हुई है, उस मकान का मालिक कहीं और रहता है. यहां केवल किराएदार रहते थे और जूते बनाने के काम करते थे. मकान मालिक काफी समय से नहीं आए थे. बरसात के कारण नींव में पानी जमा होने से मकान कच्चा हो गया था, यही वजह है आज ये दर्दनाक हादसा हुई.

स्थानीय निवासी डालचंद ने बताया कि वह यहां 77 वर्षों से रह रहे हैं. जो मकान गिरा है उसमें मरम्मत कार्य नहीं हुआ था. मकान मालिक को केवल किराए से मतलब है. लेकिन सोचने की बात यह भी है कि क्या सच में इसका जिम्मेदार केवल मकान मालिक है? सरकार और एमसीडी को भी ऐसे मकानों का जायजा लेना चाहिए. उनको बापा नगर का सर्वे करवाना चाहिए. तब पता चलेगा कि यहां सैकड़ों मकान जर्जर स्थिति में है, जो कभी भी गिर सकते हैं. एमसीडी को ऐसे मकानों को सील करना चाहिए.

गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में दोपहर से ही झमाझम बारिश हो रही है. इसके बाद भी करोल बाग इलाके में हुए हादसे में दोपहर तक मलबे से 18 लोगों को बाहर निकाल लिया गया. जबकि, चार व्यक्ति की इस घटना में मौत की सूचना है. चारों यूपी के रामपुर जिला के खातानगर के रहने वाले थे.

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Last Updated : Sep 18, 2024, 10:16 PM IST
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