करनाल: निसिंग गांव के रहने वाले 26 वर्षीय मोनू की 12 जुलाई को अमेरिका की न्यूयॉर्क सिटी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आज करीब 26 दिन के बाद अमेरिका से मोनू की डेड बॉडी करनाल पहुंची. पैतृक गांव निसिंग में परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया. उसके अंतिम संस्कार में आस-पास के सैकड़ों लोग मौजूद रहे.
12 जुलाई को हुई हत्या के बाद से ही परिवार उसका शव भारत लाने की गुहार लगा रहा था. आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद करीब 26 दिन बीत जाने के बाद उसका शव आज करनाल पहुंचा. मृतक युवक के पिता पवन ने बताया कि मोनू को 2 साल पहले ही 35 लाख रुपए लगाकर अमेरिका भेजा था. जहां पर वो एक स्टोर पर अच्छे से काम कर रहा था और उस स्टोर से फूड डिलीवरी करने का काम करता था. 12 जुलाई की सुबह जब वो अपना काम खत्म करके अपने कमरे पर वापस जा रहा था तभी कुछ लोगों ने उनके ऊपर फायरिंग कर दी थी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी.
पिता ने कहा कि परिवार तब से ही अपने बेटे के शव को भारत लाने की गुहार लगा रहा था. ताकि उसके अंतिम दर्शन कर सकें. उन्होंने कहा कि अमेरिका में जो हरियाणा और भारत से युवक रह रहे हैं उन्होंने उनके बेटे के शव को भारत लाने में काफी मदद की. उनके प्रयास से देर से ही सही उनके बेटे का शव भारत आ सका. मोनू की अंतिम यात्रा में गांव समेत आस-पास के सैकड़ों लोग शामिल हुए.
मोनू अमेरिका में जाने से पहले पुर्तगाल में रहता था. वहां पर उसको परमानेंट सिटीजन भी मिली हुई थी लेकिन वहां से वापस आकर उसने परिवार वालों को बोला कि उसको अमेरिका जाना है, जिसके चलते परिवार वालों ने 35 लाख रुपए कर्ज लेकर उसको अमेरिका में भेज दिया. वो पिछले दो साल से अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में रह रहा था. जिस दिन मोनू की हत्या हुई वो दो अन्य दोस्तों के साथ काम से लौटकर अपने कमरे पर जा रहा था. तभी उनके ऊपर फायरिंग कर दी गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. मोनू अपने 5 भाई बहन में सबसे छोटा था.