करनाल: हरियाणा स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा सभी सरकारी चिकित्सकों को निर्देश दिए गए थे कि सरकारी अस्पतालों में कोई भी चिकित्सक दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात नहीं करेगा और न ही बाहर की दवा लिखेगा. लेकिन करनाल जिले के नागरिक अस्पताल में आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. ऐसे में यह तो साफ दिख रहा है कि आला अधिकारियों के निर्देश के कोई भी मायने नहीं है. बेपरवाह चिकित्सक गरीब लोगों की जेबों पर डाका डालने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
जिला अस्पताल की ओपीडी सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलती है. ओपीडी के समय निजी दवा कंपनी के प्रतिनिधि सक्रिय दिखाई देते हैं. यह डीजी हेल्थ के आदेशों की पालना को ठेंगा दिखाया जा रहा है. तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि मानसिक रोग और जनरल फिजिशियन की ओपीडी में वह काफी समय तक बैठकर डॉक्टरों से दवाओं पर चर्चा करते दिखाई दिए.
सरकारी नहीं, निजी पर्चे पर दवा लिख रहे डॉक्टर: इतना ही नहीं कुछ फिक्स कंपनियों की दवाएं मरीजों को लिखी जाती है. जिन पर कमीशन खोरी का धंधा संचालित किया जा रहा है. यहां तक कि प्रत्येक बीमारी की सरकारी दवाएं केंद्र में मौजूद है. लेकिन कमीशनखोरी के चक्कर में अस्पताल के डॉक्टर ही मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. अस्पताल के पर्चे पर खानापूर्ति के लिए कुछ सरकारी दवा लिखकर निजी पर्चे पर बाहर की महंगी दवाएं लिख दी जाती है.
'बाहर से दवा लिखने पर होगी कार्रवाई': वहीं, जब इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. लोकवीर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वैसे तो समस्त चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है कि अस्पताल की दवा से ही मरीजों का इलाज करें. दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात पर रोक लगाई गई है. अगर कोई इस तरह से बाहर की दवा लिखता है तो यह गलत है. इस पर संज्ञान लिया जाएगा. इस मामले में अगर किसी भी डॉक्टर की संलिप्तता पाई जाती है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी.
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