करनाल: एमएसपी गारंटी कानून लागू करने, कर्ज माफ करने, किसानों पर दर्ज मुकदमे रद्द करने, स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने समेत कई मांगों को लेकर किसानों का दिल्ली कूच जारी है. पंजाब के किसान बड़ी संख्या में शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. जिसके चलते तनाव का माहौल बना हुआ है. इस बीच हरियाणा के किसानों ने दिल्ली कूच पर प्रतिक्रिया दी.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान किसानों ने कहा कि हम लोग 13 मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं. जिसमें मुख्य मांग एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस गारंटी कानून को लागू करने की है.
हरियाणा के किसानों ने नहीं लिया प्रदर्शन में हिस्सा: फिलहाल हरियाणा के किसानों ने आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया है. इसलिए हरियाणा के अंदर किसान आंदोलन का कोई खास असर देखने को नहीं मिला है. सिर्फ बॉर्डर इलाकों पर ही पुलिस और किसानों के आमने-सामने होने की खबर सामने आई हैं.
किसान आंदोलन से हरियाणा को नुकसान: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान हरियाणा के किसानों ने कहा कि पहले जब किसान आंदोलन हुआ था, तो दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग कर किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक दिया था. जिसके चलते हरियाणा को काफी नुकसान हुआ. बॉर्डर सील होने की वजह से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हुई. हरियाणा के व्यापारियों पर भी इसका काफी प्रभाव देखने को मिला.
इंटरनेट सेवा बंद होने से व्यापारियों को नुकसान: किसानों ने कहा कि इस बार किसान पंजाब बॉर्डर पर खड़े हैं, लेकिन उनके सामने हरियाणा पुलिस के जवान खड़े हैं. जो हरियाणा के किसानों के ही भाई-बेटे हैं. इस आंदोलन से भी हरियाणा को ही नुकसान हो रहा है. हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद की हुई है. जिसके चलते आमजन से लेकर व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
हरियाणा में 14 फसलों पर एमएसपी दिया जा रहा है. करनाल के किसानों ने कहा कि वो आंदोलन में इसलिए हिस्सा नहीं ले रहे क्योंकि इसमें विरोधी पार्टियों की आहट देखने को दिखाई दे रही है. जिसके चलते हरियाणा के किसान पीछे हट रहे हैं. किसानों ने कहा कि सरकार को बातचीत के जरिए हल निकालना चाहिए.