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कांग्रेस की हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की शुरुआत, जानिए क्या हैं अभियान के राजनीतिक मायने - Preparation for assembly elections - PREPARATION FOR ASSEMBLY ELECTIONS

Preparation for assembly elections: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस भी इलेक्शन मोड में आ गयी है. इसी के तहत कांग्रेस हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की शुरुआत कर रही है. कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज शाम करनाल से अभियान के तहत पदयात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. आखिर इस अभियान के क्या मायने हैं, आइए समझते हैं.

कांग्रेस की हरियाणा मांगे हिसाब अभियान
कांग्रेस की हरियाणा मांगे हिसाब अभियान (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 15, 2024, 5:19 PM IST

करनाल: विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अब रणनीति बनानी शुरू कर दी है तो वहीं जनता के बीच में जाने के लिए सभी पार्टियों अपने-अपने तरीके से प्रचार करना शुरू कर रही है. कांग्रेस पार्टी भी विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की शुरुआत कर रही है जिसमें प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के द्वारा पैदल यात्रा निकाली जा रही है. इस यात्रा की शुरुआत सीएम सिटी करनाल से सांसद दीपेंद्र हुड्डा के द्वारा की जा रही है.

सीएम सिटी करनाल से होगी पदयात्रा की शुरुआत: हरियाणा कांग्रेस के द्वारा हरियाणा मांगे हिसाब अभियान पदयात्रा की शुरुआत सीएम सिटी से करनाल से हो रही है. पिछले 10 सालों से हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की कमियों को दर्शाने के लिए इस यात्रा को शुरू किया गया है इसलिए इसका नाम भी हरियाणा मांगे हिसाब अभियान पर यात्रा रखा गया है. इस यात्रा के जरिए वह सरकार पर निशाना साधना चाहती है ताकि सरकार की कमियों को जनता को बता सके और आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी सरकार हरियाणा में बना सके.

करनाल से ही क्यों हुई यात्रा की शुरुआत: कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा का गढ़ रोहतक माना जाता है लेकिन अभियान की शुरुआत करनाल से की जा रही है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में पहले मनोहर लाल खट्टर करनाल से विधायक बने थे और उसके बाद मुख्यमंत्री रहे. उसके बाद अब उपचुनाव में नायब सैनी करनाल से विधायक बने और मौजूदा मुख्यमंत्री है ऐसे में कांग्रेस पार्टी चाहती है कि उनके खुद के गढ़ से ही इस पदयात्रा की शुरुआत की जाए ताकि पूरे हरियाणा में इसका प्रभाव पड़े.

हरियाणा की राजनीति में जीटी रोड बेल्ट रखती है अहम स्थान: वरिष्ठ पत्रकार विनोद के अनुसार "हरियाणा की राजनीति में जीटी रोड बेल्ट सबसे अहम योगदान रखती है क्योंकि हरियाणा में जिसकी भी सरकार बनती है तो उसमें सबसे बड़ा हिस्सा जीटी रोड बेल्ट के सीटों का होता है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के द्वारा जीटी रोड बेल्ट पर स्थित करनाल से इसकी शुरुआत की जा रही है ताकि यहां पर कांग्रेस को मजबूत किया जा सके. इसका सीधा प्रभाव अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कैथल, पानीपत और सोनीपत छह जिलों पर पड़ता है जिनमे करीब 30 विधान सभा सीट आती है. रोहतक साइड में कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है ऐसे में अब जीटी रोड बेल्ट के जरिए वह विधानसभा सीट जीतना चाहती है".

भूपेंद्र हुड्डा खुद क्यों नहीं संभाल रहे पदयात्रा की कमान: विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि "भूपेन्द्र हुड्डा अपने बेटे के मोह में ही कांग्रेस पार्टी मे दूसरे नेताओं की अनदेखी कर रहे हैं ताकि दीपेंद्र हुड्डा को सीधे तौर पर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए और उसको मुख्यमंत्री बनाया जाए".

कितनी सफल हो पाएगी पदयात्रा: जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के द्वारा हरियाणा मांगे हिसाब पदयात्रा की शुरुआत करने की बात कही गई थी तो वहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा भी जनता के बीच में जाने के लिए एक अभियान शुरू करने वाली है. इसी आपसी मतभेद के चलते ही किरण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरोध में कई बार कुमारी सैलेजा और रणदीप सुरजेवाला को देखा गया है ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि हुड्डा गुट के द्वारा शुरू की गई है हरियाणा मांगे हिसाब पदयात्रा कितनी सफल होती है.

ये भी पढ़ें: कानून व्यवस्था पर बोले भूपेंद्र हुड्डा- हरियाणा में गुंडाराज, सरकार नाम की नहीं कोई चीज, इनेलो बसपा को बताया वोट काटू गठबंधन - Congress Program In Fatehabad

ये भी पढ़ें: भूपेंद्र हुड्डा ने बताए कांग्रेस और बीजेपी की कार्यशैली में अंतर, पूर्ण बहुमत की सरकार बनने का किया दावा - Bhupinder Hooda on BJP

करनाल: विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अब रणनीति बनानी शुरू कर दी है तो वहीं जनता के बीच में जाने के लिए सभी पार्टियों अपने-अपने तरीके से प्रचार करना शुरू कर रही है. कांग्रेस पार्टी भी विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की शुरुआत कर रही है जिसमें प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के द्वारा पैदल यात्रा निकाली जा रही है. इस यात्रा की शुरुआत सीएम सिटी करनाल से सांसद दीपेंद्र हुड्डा के द्वारा की जा रही है.

सीएम सिटी करनाल से होगी पदयात्रा की शुरुआत: हरियाणा कांग्रेस के द्वारा हरियाणा मांगे हिसाब अभियान पदयात्रा की शुरुआत सीएम सिटी से करनाल से हो रही है. पिछले 10 सालों से हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की कमियों को दर्शाने के लिए इस यात्रा को शुरू किया गया है इसलिए इसका नाम भी हरियाणा मांगे हिसाब अभियान पर यात्रा रखा गया है. इस यात्रा के जरिए वह सरकार पर निशाना साधना चाहती है ताकि सरकार की कमियों को जनता को बता सके और आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी सरकार हरियाणा में बना सके.

करनाल से ही क्यों हुई यात्रा की शुरुआत: कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा का गढ़ रोहतक माना जाता है लेकिन अभियान की शुरुआत करनाल से की जा रही है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में पहले मनोहर लाल खट्टर करनाल से विधायक बने थे और उसके बाद मुख्यमंत्री रहे. उसके बाद अब उपचुनाव में नायब सैनी करनाल से विधायक बने और मौजूदा मुख्यमंत्री है ऐसे में कांग्रेस पार्टी चाहती है कि उनके खुद के गढ़ से ही इस पदयात्रा की शुरुआत की जाए ताकि पूरे हरियाणा में इसका प्रभाव पड़े.

हरियाणा की राजनीति में जीटी रोड बेल्ट रखती है अहम स्थान: वरिष्ठ पत्रकार विनोद के अनुसार "हरियाणा की राजनीति में जीटी रोड बेल्ट सबसे अहम योगदान रखती है क्योंकि हरियाणा में जिसकी भी सरकार बनती है तो उसमें सबसे बड़ा हिस्सा जीटी रोड बेल्ट के सीटों का होता है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के द्वारा जीटी रोड बेल्ट पर स्थित करनाल से इसकी शुरुआत की जा रही है ताकि यहां पर कांग्रेस को मजबूत किया जा सके. इसका सीधा प्रभाव अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कैथल, पानीपत और सोनीपत छह जिलों पर पड़ता है जिनमे करीब 30 विधान सभा सीट आती है. रोहतक साइड में कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है ऐसे में अब जीटी रोड बेल्ट के जरिए वह विधानसभा सीट जीतना चाहती है".

भूपेंद्र हुड्डा खुद क्यों नहीं संभाल रहे पदयात्रा की कमान: विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि "भूपेन्द्र हुड्डा अपने बेटे के मोह में ही कांग्रेस पार्टी मे दूसरे नेताओं की अनदेखी कर रहे हैं ताकि दीपेंद्र हुड्डा को सीधे तौर पर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए और उसको मुख्यमंत्री बनाया जाए".

कितनी सफल हो पाएगी पदयात्रा: जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के द्वारा हरियाणा मांगे हिसाब पदयात्रा की शुरुआत करने की बात कही गई थी तो वहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा भी जनता के बीच में जाने के लिए एक अभियान शुरू करने वाली है. इसी आपसी मतभेद के चलते ही किरण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरोध में कई बार कुमारी सैलेजा और रणदीप सुरजेवाला को देखा गया है ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि हुड्डा गुट के द्वारा शुरू की गई है हरियाणा मांगे हिसाब पदयात्रा कितनी सफल होती है.

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