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समय से पहले धान की बिजाई पर कृषि विभाग ने की कार्रवाई, जानें कब से शुरू होगी रोपाई - Premature Paddy Transplantation

Premature Paddy Transplantation in Karnal: धान की रोपाई जून महीने में होती है. लेकिन करनाल में किसान ने धान की सीधी बिजाई कर डाली, जिसके ऊपर जिला कृषि विभाग ने कार्रवाई की है.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 6, 2024, 9:07 AM IST

करनाल: गेहूं कटाई के बाद धान का सीजन शुरू हो जाता है, लेकिन धान लगाने के लिए हरियाणा सरकार और कृषि विभाग के द्वारा समय निर्धारित किया गया है. अगर कोई समय से पहले धान लगता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. अक्सर देखने को मिलता है कि धान की रोपाई जून के महीने में होती है. लेकिन करनाल में किसान ने धान की सीधी बिजाई कर डाली, जिसके ऊपर जिला कृषि विभाग ने कार्रवाई की.

समय से पहले धान बुवाई पर एक्शन: उप कृषि निदेशक करनाल डॉक्टर वजीर सिंह के निर्देशानुसार खंड करनाल के गांव बड़ागांव व कलवेहड़ी में अगेती धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों के खिलाफ "The Haryana Preservation of subSoil water act no. 6 of 2009" के तहत कार्रवाई की गई है. विभाग को सूचना मिली थी कि गांव बड़ागांव व कलवेहडी में कुछ किसानों ने समय से पहले मशीन द्वारा धान की सीधी बुआई की है.

ट्रैक्टर चलाकर बवाई को नष्ट किया: सीधी बुवाई पर संज्ञान लेते हुए विभाग ने तुरंत विभागीय टीम का गठन किया गया. इसके बाद उपमंडल कृषि अधिकारी डॉक्टर दिनेश शर्मा के नेतृत्व में नियम की उल्लंघना करने वाले किसानों पर कार्रवाई की. विभाग की तरफ से ट्रैक्टर चलाकर अगेती धान की बुआई को नष्ट करवाया गया. इसके अलावा मौके पर मौजूद अन्य किसानों को भी इस नियम का पालन करने बारे हिदायत दी.

15 जून से पहले ना करें धान की रोपाई: अधिकारियों ने बताया कि कोई भी किसान 15 मई से पहले धान की पनीरी और मशीन द्वारा सीधी बिजाई या 15 जून से पहले धान की रोपाई ना करें, ताकि घटते भू जल स्तर को रोका जा सकें. किसानों को गेहूं कटाई के बाद मूंग और ढांचा की बिजाई करने बारे प्रेरित किया, ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सके और किसानों का रासायनिक खादों पर निर्भरता कम हो सके. किसानों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद विभाग उनको मूंग व ढांचा पर क्रमश 75% व 80% अनुदान दे रहा है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में गेहूं, सरसों की सरकारी खरीद, जानिए क्या हैं अनाज मंडी के हालात, किसानों ने सरकार से की ये मांग - mustard Government procurement

ये भी पढ़ें- चरखी दादरी में अनाज मंडी के बाहर लगी किसानों के ट्रैक्टरों की लंबी कतार, खरीद व्यवस्था में सुधार करने की मांग - Mustard purchase in Charkhi Dadri

करनाल: गेहूं कटाई के बाद धान का सीजन शुरू हो जाता है, लेकिन धान लगाने के लिए हरियाणा सरकार और कृषि विभाग के द्वारा समय निर्धारित किया गया है. अगर कोई समय से पहले धान लगता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. अक्सर देखने को मिलता है कि धान की रोपाई जून के महीने में होती है. लेकिन करनाल में किसान ने धान की सीधी बिजाई कर डाली, जिसके ऊपर जिला कृषि विभाग ने कार्रवाई की.

समय से पहले धान बुवाई पर एक्शन: उप कृषि निदेशक करनाल डॉक्टर वजीर सिंह के निर्देशानुसार खंड करनाल के गांव बड़ागांव व कलवेहड़ी में अगेती धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों के खिलाफ "The Haryana Preservation of subSoil water act no. 6 of 2009" के तहत कार्रवाई की गई है. विभाग को सूचना मिली थी कि गांव बड़ागांव व कलवेहडी में कुछ किसानों ने समय से पहले मशीन द्वारा धान की सीधी बुआई की है.

ट्रैक्टर चलाकर बवाई को नष्ट किया: सीधी बुवाई पर संज्ञान लेते हुए विभाग ने तुरंत विभागीय टीम का गठन किया गया. इसके बाद उपमंडल कृषि अधिकारी डॉक्टर दिनेश शर्मा के नेतृत्व में नियम की उल्लंघना करने वाले किसानों पर कार्रवाई की. विभाग की तरफ से ट्रैक्टर चलाकर अगेती धान की बुआई को नष्ट करवाया गया. इसके अलावा मौके पर मौजूद अन्य किसानों को भी इस नियम का पालन करने बारे हिदायत दी.

15 जून से पहले ना करें धान की रोपाई: अधिकारियों ने बताया कि कोई भी किसान 15 मई से पहले धान की पनीरी और मशीन द्वारा सीधी बिजाई या 15 जून से पहले धान की रोपाई ना करें, ताकि घटते भू जल स्तर को रोका जा सकें. किसानों को गेहूं कटाई के बाद मूंग और ढांचा की बिजाई करने बारे प्रेरित किया, ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सके और किसानों का रासायनिक खादों पर निर्भरता कम हो सके. किसानों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद विभाग उनको मूंग व ढांचा पर क्रमश 75% व 80% अनुदान दे रहा है.

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