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'कारगिल विजय दिवस' पर CM YOGI ने शहीदों को किया नमन, युद्ध स्मारक स्मृतिका पर पहुंच दी श्रद्धांजलि - Kargil Vijay Diwas 2024

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को लखनऊ में मध्य कमान (Kargil Vijay Diwas 2024) स्थित युद्ध स्मारक स्मृतिका पहुंचे. उन्होंने वीर जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

CM YOGI ने शहीदों को किया नमन
CM YOGI ने शहीदों को किया नमन (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 26, 2024, 11:38 AM IST

Updated : Jul 26, 2024, 1:59 PM IST

शहीदों के परिवारों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित (Video credit: ETV Bharat)

लखनऊ : देश आज कारगिल विजय दिवस का जश्न मना रहा है. इस युद्ध को आज 25 साल पूरे हो गए हैं. साल 1999 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना को धूल चटाते हुए कारगिल में भारत का परचम बुलंद किया था. ऑपरेशन विजय में हमारी सेना ने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय दिया था. देश आज अपने उन शहीद वीर जांबाजों को भी याद कर रहा है. लखनऊ में मध्य कमान स्थित युद्ध स्मारक स्मृतिका पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे और उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

मध्य कमान की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. सबसे पहले यहां उन्होंने शहीद वीर जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया. स्मृतिका पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए याद किया. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेना की विजिटर बुक पर हस्ताक्षर भी किए. इस दौरान मध्य कमान के सीनियर अधिकारी मौजूद रहे. युद्ध स्मारक स्मृतिका में साल 1962 से लेकर अब तक के शहीद जवानों के नाम अंकित हैं. परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं की प्रतिमाएं भी यहां लगी हुईं हैं.

मुख्यमंत्री ने उन कारगिल के वीर जवानों को नमन किया. इसके बाद वह कारगिल शहीद स्मृति वाटिका के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए. यहां पर शहीदों की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया है. कारगिल के पराक्रमियों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा.

बता दें कि साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ था. इस युद्ध में भारतीय सेना ने अपनी ताकत का परिचय विश्व को करा दिया था. पाकिस्तान सेना और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके हजारों सैनिकों को मार गिराया और कारगिल की जंग फतह की थी. आज देश कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती हर्षोल्लास के साथ मना रहा है. अपने उन वीर जवानों को नम आंखों से नमन कर रहा है.

शहीदों के परिवारों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित : कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती शुक्रवार को लखनऊ मिलिट्री स्टेशन में मनाई गई. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, मध्य कमान उपस्थित रहे. सशस्त्र बलों की बेहतरीन परंपराओं को कायम रखने वाले अपने वीर साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिक एकत्र हुए. सूर्या ऑडिटोरियम में एक सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जहां कुल 12 पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, शहीदों के परिवार के सदस्यों और सेवारत सैन्य कर्मियों को उनके बलिदान के सम्मान में मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया.

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सशस्त्र बलों की प्रशंसा की. सीमाओं पर निरंतर चौकसी और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा के लिए देश के नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय का जश्न मनाने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. आज ही के दिन 25 साल पहले भारतीय सेना ने लद्दाख के द्रास सेक्टर में दुश्मन द्वारा कब्जा की गई ऊंची चौकियों को वापस लिया था. युद्ध का कारण घुसपैठियों का नियंत्रण रेखा पर सर्दियों में खाली की गई चौकियों पर कब्ज़ा था. यह संघर्ष 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ. जब भारतीय सेना ने घुसपैठियों से कब्जा की गई सभी चौकियों को वापस ले लिया.

महराजगंज में शहीदों को किया नमन : महाराजगंज से प्रदीप बहादुर थापा और पूर्ण बहादुर थापा कारगिल वार में शहीद हो गए थे. कारगिल विजय दिवस के 25 वर्ष पूरे होने पर महाराजगंज में पूर्व सैनिकों ने दोनों को श्रद्धांजलि दी. नौतनवा में रहने वाले पूर्ण बहादुर थापा और प्रदीप बहादुर थापा 1999 में हुए कारगिल वार में पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाते हुए शहीद हो गए थे. नौतनवा नगर के छपवा तिराहे पर गोरखा रेजीमेंट के पूर्व सैनिकों द्वारा शहीद सैनिकों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.

नौतनवा क्षेत्र के बैरियहवा में जन्मे बलिदानी प्रदीप थापा सन 1977 एवं पूरन थापा सन 1997 में जैक रायफल में भर्ती हुए थे. सन 1999 में कारगिल की जंग छिड़ी तो दोनों जांबाज फर्ज अदा के लिए जान की बाजी लगाकर दुश्मनों से भिड़े थे. इस दौरान दोनों शहीद हो गए थे.

कारगिल युद्ध में कन्नौज के वीर ने पाकिस्तान के 5 जवानों को उतारा था मौत के घाट : कारगिल युद्ध को भले ही 25 साल बीत चुके हो लेकिन 26 जुलाई सन 1999 वह तारीख है जो आज भी हर हिन्दुस्तानी को गर्व कराती है. इसी तारीख को भारतीय सेना के सूरवीरों ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को नाकाम किया था. जिले के तालग्राम ब्लाक के ब्राहिमपुर गांव में 14 दिसंबर 1964 को जन्में रविंद्र कुमार सेना की पैरासूट रेजीमेंट स्पेशल फाेर्स में भर्ती हुए थे. इसी दौरान तीन मई को कारगिल में युद्ध के हालात बन गए और भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना के बीच जोरदार गोलीबारी शुरू हो गई. युद्ध शुरू होते ही सियाचिन में तैनात पैरासूट रेजीमेंट स्पेशल फोर्स के जवानों की तैनाती बटालिक सेक्टर में एरिया रिंग कंट्रोल पर कर दी गई.

सेक्शन कमांडर रविंद्र कुमार भी रेजीमेंट का हिस्सा बनकर वहा तैनात हो गए. रवींद्र कुमार कारगिल युद्ध को याद करते हुए बताते हैं कि आज का दिन व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए एतिहासिक और यादगार है. आज से 25 साल पहले 23 जुलाई 1999 में ऑपरेशन विजय के दौरान बटालिक सेक्टर कारगिल में एरिया स्पर में उन्हे बाईं जांघ और सिर में में गोली लगी थी. इस दौरान कारगिल युद्ध की इस अंतिम लड़ाई में उनके साथी चार सैनिकों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था. होश में आने पर उन्हें उनकी शहादत की जानकी मिली थी. उन्होंने खुद 5 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था.

सोनभद्र में कारगिल शहीदों की याद में निकाला मशाल जुलूस : स्वर्ण जयंती चौक से नेहरू पार्क तक कारगिल के शहीदों की याद में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने मसाला जरूर निकाल कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर भारतीय जनता युवा मोर्चा कर अध्यक्ष विशाल पांडे ने बताया कि कारगिल युद्ध की विजय के 25 वर्ष, 26 जुलाई 2024 को पूरे हो रहे हैं. भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष विशाल पांडे का कहना था कि भारतीय जनता पार्टी केवल राजनीति ही नहीं करती है बल्कि शहीदों को याद भी करती है.



यह भी पढ़ें : राष्ट्रपति मुर्मू ने कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की - 25th Kargil Vijay Diwas

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शहीदों के परिवारों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित (Video credit: ETV Bharat)

लखनऊ : देश आज कारगिल विजय दिवस का जश्न मना रहा है. इस युद्ध को आज 25 साल पूरे हो गए हैं. साल 1999 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना को धूल चटाते हुए कारगिल में भारत का परचम बुलंद किया था. ऑपरेशन विजय में हमारी सेना ने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय दिया था. देश आज अपने उन शहीद वीर जांबाजों को भी याद कर रहा है. लखनऊ में मध्य कमान स्थित युद्ध स्मारक स्मृतिका पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे और उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

मध्य कमान की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. सबसे पहले यहां उन्होंने शहीद वीर जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया. स्मृतिका पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए याद किया. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेना की विजिटर बुक पर हस्ताक्षर भी किए. इस दौरान मध्य कमान के सीनियर अधिकारी मौजूद रहे. युद्ध स्मारक स्मृतिका में साल 1962 से लेकर अब तक के शहीद जवानों के नाम अंकित हैं. परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं की प्रतिमाएं भी यहां लगी हुईं हैं.

मुख्यमंत्री ने उन कारगिल के वीर जवानों को नमन किया. इसके बाद वह कारगिल शहीद स्मृति वाटिका के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए. यहां पर शहीदों की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया है. कारगिल के पराक्रमियों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा.

बता दें कि साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ था. इस युद्ध में भारतीय सेना ने अपनी ताकत का परिचय विश्व को करा दिया था. पाकिस्तान सेना और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके हजारों सैनिकों को मार गिराया और कारगिल की जंग फतह की थी. आज देश कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती हर्षोल्लास के साथ मना रहा है. अपने उन वीर जवानों को नम आंखों से नमन कर रहा है.

शहीदों के परिवारों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित : कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती शुक्रवार को लखनऊ मिलिट्री स्टेशन में मनाई गई. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, मध्य कमान उपस्थित रहे. सशस्त्र बलों की बेहतरीन परंपराओं को कायम रखने वाले अपने वीर साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिक एकत्र हुए. सूर्या ऑडिटोरियम में एक सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जहां कुल 12 पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, शहीदों के परिवार के सदस्यों और सेवारत सैन्य कर्मियों को उनके बलिदान के सम्मान में मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया.

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सशस्त्र बलों की प्रशंसा की. सीमाओं पर निरंतर चौकसी और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा के लिए देश के नागरिकों की ओर से आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय का जश्न मनाने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. आज ही के दिन 25 साल पहले भारतीय सेना ने लद्दाख के द्रास सेक्टर में दुश्मन द्वारा कब्जा की गई ऊंची चौकियों को वापस लिया था. युद्ध का कारण घुसपैठियों का नियंत्रण रेखा पर सर्दियों में खाली की गई चौकियों पर कब्ज़ा था. यह संघर्ष 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ. जब भारतीय सेना ने घुसपैठियों से कब्जा की गई सभी चौकियों को वापस ले लिया.

महराजगंज में शहीदों को किया नमन : महाराजगंज से प्रदीप बहादुर थापा और पूर्ण बहादुर थापा कारगिल वार में शहीद हो गए थे. कारगिल विजय दिवस के 25 वर्ष पूरे होने पर महाराजगंज में पूर्व सैनिकों ने दोनों को श्रद्धांजलि दी. नौतनवा में रहने वाले पूर्ण बहादुर थापा और प्रदीप बहादुर थापा 1999 में हुए कारगिल वार में पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाते हुए शहीद हो गए थे. नौतनवा नगर के छपवा तिराहे पर गोरखा रेजीमेंट के पूर्व सैनिकों द्वारा शहीद सैनिकों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.

नौतनवा क्षेत्र के बैरियहवा में जन्मे बलिदानी प्रदीप थापा सन 1977 एवं पूरन थापा सन 1997 में जैक रायफल में भर्ती हुए थे. सन 1999 में कारगिल की जंग छिड़ी तो दोनों जांबाज फर्ज अदा के लिए जान की बाजी लगाकर दुश्मनों से भिड़े थे. इस दौरान दोनों शहीद हो गए थे.

कारगिल युद्ध में कन्नौज के वीर ने पाकिस्तान के 5 जवानों को उतारा था मौत के घाट : कारगिल युद्ध को भले ही 25 साल बीत चुके हो लेकिन 26 जुलाई सन 1999 वह तारीख है जो आज भी हर हिन्दुस्तानी को गर्व कराती है. इसी तारीख को भारतीय सेना के सूरवीरों ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को नाकाम किया था. जिले के तालग्राम ब्लाक के ब्राहिमपुर गांव में 14 दिसंबर 1964 को जन्में रविंद्र कुमार सेना की पैरासूट रेजीमेंट स्पेशल फाेर्स में भर्ती हुए थे. इसी दौरान तीन मई को कारगिल में युद्ध के हालात बन गए और भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना के बीच जोरदार गोलीबारी शुरू हो गई. युद्ध शुरू होते ही सियाचिन में तैनात पैरासूट रेजीमेंट स्पेशल फोर्स के जवानों की तैनाती बटालिक सेक्टर में एरिया रिंग कंट्रोल पर कर दी गई.

सेक्शन कमांडर रविंद्र कुमार भी रेजीमेंट का हिस्सा बनकर वहा तैनात हो गए. रवींद्र कुमार कारगिल युद्ध को याद करते हुए बताते हैं कि आज का दिन व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए एतिहासिक और यादगार है. आज से 25 साल पहले 23 जुलाई 1999 में ऑपरेशन विजय के दौरान बटालिक सेक्टर कारगिल में एरिया स्पर में उन्हे बाईं जांघ और सिर में में गोली लगी थी. इस दौरान कारगिल युद्ध की इस अंतिम लड़ाई में उनके साथी चार सैनिकों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था. होश में आने पर उन्हें उनकी शहादत की जानकी मिली थी. उन्होंने खुद 5 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था.

सोनभद्र में कारगिल शहीदों की याद में निकाला मशाल जुलूस : स्वर्ण जयंती चौक से नेहरू पार्क तक कारगिल के शहीदों की याद में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने मसाला जरूर निकाल कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर भारतीय जनता युवा मोर्चा कर अध्यक्ष विशाल पांडे ने बताया कि कारगिल युद्ध की विजय के 25 वर्ष, 26 जुलाई 2024 को पूरे हो रहे हैं. भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष विशाल पांडे का कहना था कि भारतीय जनता पार्टी केवल राजनीति ही नहीं करती है बल्कि शहीदों को याद भी करती है.



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Last Updated : Jul 26, 2024, 1:59 PM IST
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