भिवानी: ये कुछ सालों पहले की बात है. जिले के सूई निवासी कंवरभान वलेचा ने अपनी बेटी की शादी में अपनी हैसियत के हिसाब से खूब दान दहेज दिया. उनका आरोप है कि इसके बावजूद उसके ससुराल वालों ने अधिक दहेज के लोभ में बेटी की हत्या कर दी. आज जब कंवरभान के बेटे के शादी का समय आया, तो दंपती ने बिना दहेज बहू घर में लाने का निर्णय लिया.
उनका कहना है कि दहेज ने हमारी बेटी छीन ली. इसलिए बिना दहेज की शादी करके वो समाज में एक संदेश देना चाहते हैं कि अगर वो कर सकते हैं, तो आप भी कर सकते हैं. बेटी की दहेज के लिए हत्या के बाद से ही उन्होंने दहेज के लिए समाज के लोगों को जागरूक करना शुरू किया था, जो आज उन्होंने अपने जीवन में भी उतारा.
दरअसल, सूई निवासी कंवरभान वलेचा के बेटे अमित वलेचा डी फार्मा की पढ़ाई कर चुके हैं और दवाइयों के व्यापारी है. उनकी पत्नी सिमरन भी कॉमर्स में एमकॉम की पढ़ाई कर चुकी है. दोनों की सोच भी नई सदी के पढ़े-लिखे जैसी है.
सादगी भरी बिन दहेज की शादी : सिमरन के पिता कृष्ण कुमार कालरा जो कि भिवानी के निवासी हैं. दोनों परिवारों की आम सहमति के बाद आज शादी होनी सुनिश्चित हुई थी. शादी को अधिक खर्चीला ना करके उन्होंने बड़े ही सादगी भरे तरीके से आयोजन किया. शादी में दोनों ही परिवारों के मुख्य सदस्यों को ही आमंत्रित किया गया था.
मुहिम चला रहे हैं कंवरभान : कंवरभान वलेचा ने बेटी की हत्या के बाद सोच रखी थी कि कभी भी किसी और की बेटी को दहेज लोभियों का शिकार ना होना पड़े, इसके लिए एक मुहिम चलाएंगे. आज उनके बेटे की शादी धूमधाम से बिना दहेज के हुई तो हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है. लोग उनके इस कार्य की सराहना कर रहे हैं.
शर्त थी- नहीं लेंगे दहेज : कंवरभान का कहना है कि वे अपने परिवार सहित इस मुहिम को आगे भी बढ़एंगे, ताकि शादियां बिना दहेज के हो. सिमरन और उसके पिता का भी यही कहना है कि इस परिवार ने बिना दहेज की शादी की बात कहकर उनके सिर से बोझ खत्म कर दिया. उन्होंने कहा कि शुरुआत में तो वे डर रहे थे कि शादी में कहीं मोटे दहेज की मांग ना कर दी जाएं, लेकिन उनके ससुराल पक्ष ने शर्त यही रखी कि उसकी शादी बिना दहेज के होगी.