कानपुर : कानपुर प्राणी उद्यान में आने वाले दर्शकों के लिए अच्छी खबर है. अब यहां पर कई नए वन्यजीव लोगों का मनोरंजन करेंगे. कानपुर जू प्रशासन की ओर से हैदराबाद से नए जानवरों को लाया जाएगा. इसी कड़ी में यहां से भी कई जानवर वहां भेजे जाएंगे. जुलाई के पहले सप्ताह तक ये जानवर आ जाएंगे. इनमें लाल कान वाला स्लाइडर कछुआ, सफेद बाघ आदि शामिल हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में कानपुर जू के क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि वन्यजीवों की अदला-बदली नियम के तहत कुछ वन्यजीव यहां से हैदराबाद जू भेजे जाएंगे. इसी कड़ी में हैदराबाद से कुछ वन्यजीव कानपुर जू लाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी तक जू में आने वाले दर्शक शेर, तेंदुआ समेत कई अन्य रंग-बिरंगी पक्षियों को देख पाते थे.
अब कई नए जानवर दर्शकों का मनोरंजन करते नजर आएंगे. इनमें रेड इयर्ड स्लाइडर टर्टल (लाल कान वाला स्लाइडर कछुआ) आकर्षण का केंद्र होगा. इसी के साथ कानपुर जू में सफेद बाघ, देशी भालू, चौसिंघा, पाड़ा हिरण और सांभर भी देखने को मिलेंगे.
क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि कानपुर जू से दो मादा तेंदुआ, एक बाघिन (आद्या या पुष्पा), दो नर बारहसिंघा, तीन मादा बारहसिंघा, दो पाड़ा हिरण, एक नर चिंकारा व एक मादा चिंकारा, एक नर सांभर हैदराबाद जू भेजे जाएंगे.
इसी कड़ी में कानपुर जू में हैदराबाद जू से दो नर रेड ईयर स्लाइडर टर्टल, दो मादा रेड यर्स स्लाइडर टर्टल, दो देशी भालू,चार चौसिंहा, एक सफेद टाइगर (मेल), दो पाड़ा हिरण, एक मादा सांभर कानपुर जू लाए जाएंगे.
कानपुर जू गर्मी के समय में सुबह 9 बजे से 5:30 बजे तक खुलता है. जबकि सर्दियों में सुबह 7 बजे से शाम 4.30 बजे तक खुलता है. 5 साल के कम उम्र के बच्चों का प्रवेश फ्री है. इसके बाद 12 साल तक 35 रुपये प्रति टिकट जबकि 12 साल के ऊपर के लोगों को प्रति टिकट 70 रुपये देने पड़ते हैं.
कानपुर जू करीब 76.56 हेक्टेयर में बना है. क्षेत्रफल के हिसाब से यह देश का तीसरा बड़ा चिड़ियाघर है. साल 1971 में इसकी नींव पड़ी थी. पिकनिक के लिए आने वाले लोगों और वन्यजीवों प्रेमियों के लिए यह एक बेहतरीन जगह मानी जाती है.
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