कानपुर: यूपी के कानपुर शहर में गोविन्दपुरी स्टेशन से भीमसेन के बीच झांसी अपलाइन ट्रैक पर कुछ दिन पहले साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी. ट्रेन के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस मामले की चर्चा पूरे देश में हुई थी और आनन-फानन ही रेलवे समेत ATS और अन्य खुफिया एजेंसियों के अफसर मौके पर पहुंच गए थे. विभिन्न स्तरों पर इस मामले को लेकर जांच का सिलसिला जारी है.
अब रेलवे के अफसरों ने साबरमती एक्सप्रेस के स्पीडोमीटर की जांच शुरू कर दी है. चर्चा है कि स्पीडोमीटर से हादसे का राज खुल सकता है. बुधवार को रेलवे की एसएजी टीम ने मौके पर पहुंचकर ट्रेन का स्पीडोमीटर जब्त किया. ब्रेक लगाने से पहले और बाद की स्पीड का आकलन करने के लिए इसे कब्जे में लिया गया है. अफसरों ने जो 400 मीटर का ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ था उसका भी पूरा निरीक्षण किया.
अफसरों का कहना था कि लगातार इस इस मामले को लेकर कहा जा रहा है कि ट्रेन को पलटाने की साजिश की गई थी. ऐसे में अगर इस साजिश में कोई शामिल है तो निश्चित तौर पर उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और जेल भेजा जाएगा. वहीं बुधवार से पहले मंगलवार को इसी मामले पर लखनऊ से आई फॉरेंसिक टीम के अफसरों ने भी साक्ष्य जुटाए थे.
साबरमती एक्सप्रेस हादसे से संबंधित मांगी गई जानकारी: प्रयागराज मुख्यालय के सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से बुधवार को डिप्टी चीफ सेफ्टी ऑफिसर ओपी सिंह की ओर से सूचना जारी की गई, जिसमें आमजन से घटना को लेकर जानकारी मांगी गई है. प्रयागराज जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि दुर्घटना की जानकारी जिसे भी हो वह जाकर रेलवे के कार्यालय में बता सकता है.
जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. वहीं अब रेलवे की ओर से पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में क्षतिग्रस्त ट्रैक को पूरी तरीके से अपडेट कर दिया गया है. रेल कर्मियों ने ट्रैक को लोहे के स्लीपर लगाकर ट्रेनों के संचालन योग्य बना दिया था. कंक्रीट के स्लीपर लगा पेन्ड्रोल क्लिप को भी कस कर अपडेट किया गया है. फिलहाल यहां पर ट्रेनों को काशन देकर ही निकाला जा रहा है.
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