कानपुर: प्रयागराज महाकुंभ को लेकर शासन स्तर पर जो तैयारी है वह काफी जोरों शोरों पर चल रही है. देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा में किसी भी तरह की कोई चूक न हो इसको लेकर सुरक्षा के नजरिए से भी काफी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. प्रयागराज महाकुंभ को लेकर आरपीएफ कानपुर ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. अब कोई भी संदिग्ध रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के सीजर और जिक्स से बच नहीं पाएगा. इन दोनों की पैनी नजर हर गतिविधि पर रहेगी. विशेष स्नान वाले दिन प्लेटफार्म से लेकर परिषद तक यह दोनों बेहद चौकन्ने नजर आएंगे. इन दोनों डॉग्स की ट्रेनिंग बात की जाए तो इन्हें रेलवे बोर्ड प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली में ट्रेंड किया है.
जिक्स और सीजर है नामः ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत के दौरान इंस्पेक्टर क्राइम एवं डॉग स्क्वाड अजीत तिवारी ने बताया कि आरपीएफ कानपुर में जिक्स एवं सीजर दोनों ही डॉग में अलग-अलग क्षमताएं हैं. ये दोनों ही डॉग पूरी तरह से ट्रेंड है. ये किसी भी संदिग्ध व्यक्ति पर शक के आधार पर उसे धर दबोचने में किसी भी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने बताया कि जिक्स को विस्फोटक और मादक पदार्थ सूंघने में महारथ हासिल है और उसकी सूंघने की क्षमता काफी ज्यादा अच्छी है. वहीं, अगर सीजर की बात करें तो उसकी तो उसकी भी सूंघने की क्षमता काफी अच्छी है. वह चोरी के समान को खोजने में भी काफी एक्सपर्ट है. जिक्स और सीजर की हैंडलर के द्वारा एक बच्चे की तरह देखरेख की जाती है.
महीने में 40 हजार रुपए होते खर्च: इंस्पेक्टर क्राइम एवं डॉग स्क्वायड अजीत तिवारी ने बताया कि जिक्स और सीजर दोनों को ही खाने में पैक्ड रॉयल कैन पैडिगिरी के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य को देखते हुए रोजाना भोजन दिया जाता है. जिससे कि वह स्वस्थ रह सके और उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो इसके साथ ही हर महीने दोनों का हेल्थ चेकअप होता है वही साल में दो बार उनका वैक्सीनेशन भी कराया जाता है.दोनों की खुराकी की अगर बात की जाए तो हर महीने लगभग 40 हजार रु खर्च होता है यानी 20 हजार रु एक डॉग पर खर्च होता है उन्होंने बताया कि,जिक्स लेब्रा प्रजाति का डॉग है यह देखने में वाइट कलर का और काफी खूबसूरत डॉग है। वही सीजर मिलेनियम प्रजाति का डॉग है यह आगे से देखने पर लकड़बग्घे की तरह लगता है और यह एक खूंखार प्रजाति का कुत्ता माना जाता है। दोनों ही डॉग्स अपने काम में काफी एक्सपर्ट है. इनके चंगुल से किसी भी संदिग्ध का बचकर निकलना काफी मुश्किल है.
ये रखते हैं जिक्स और सीजर का ख्याल: जिक्स और सीजर की देखरेख की अगर बात की जाए तो इनकी देखरेख हैंडलर बलवंत सिंह हवलदार, सिपाही लोकेंद्र, सिपाही विक्की मिश्रा, व एसएन पांडे डॉग स्क्वायड के द्वारा की जाती है जिक्स और सीजर को रोजाना बेसिक ट्रेनिंग के साथ 1 घंटे सुबह और 1 घंटे शाम को अलग से ट्रेनिंग कराई जाती है इन्हें सर्च ऑपरेशन को लेकर भी अलग-अलग तरह से ट्रेनिंग दी जाती है.
इंस्पेक्टर क्राइम एवं डॉग स्क्वायड अजय तिवारी ने बताया कि प्रयागराज में शुरू होने जा रहे महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए जिक्स और सीजर को यहां से भेजा जा रहा है जिक्स को कुछ दिन पहले भेज ही दिया गया है. वहीं अब जल्द ही आदेश आने पर सीजर को भी यहां से भेजा जाएगा.
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