कानपुर : अभी तक मरीजों को शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एलएलआर में लैप्रोस्कोपिक समेत अन्य सर्जरी की सुविधा मुहैया कराई जाती थी, अब कानपुर समेत 18 जिलों के करोड़ों मरीजों को रोबोटिक सर्जरी का तोहफा मिलेगा है. चिकित्सक रोबोट की मदद से सर्जरी करेंगे. कुछ महीनों में इसकी शुरुआत होने जा रही है. मरीजों के इलाज में ये रोबोट काफी मददगार साबित होंगे. रोबोट पर करीब 10 से 15 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं. पहले 100 ऑपरेशन पूरी तरह फ्री होंगे. इसके बाद भी बेहद कम चार्च में यह सुविधा मिलती रहेगी.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि कानपुर में पहली बार सीएसआर फंड की मदद से हम 2 रोबोट खरीद रहे हैं. ये कोवोडियन व एसएस मंत्रा कंपनी के होंगे. इन्हें खरीदने में लगभग 10 से 15 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. ये हर सर्जन के लिए बहुत अधिक मददगार साबित होंगे. प्राचार्य ने बताया कि सर्जरी तो चिकित्सक ही करेंगे रोबोट उनकी मदद करेंगे. चिकित्सकों को रोबोटिक आर्म्स का जो सपोर्ट मिलेगा उससे बहुत अधिक देर तक चलने वाली सर्जरी कुछ ही देर में संपन्न हो जाएगी. इससे डॉक्टरों को भी काफी सहूलियत मिलेगी.
डीप पेल्विक सर्जरी, थ्री डाइमेंशनल विजन समेत कई अन्य फायदे होंगे : प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि जब रोबोट से सर्जरी शुरू हो जाएगी तो ऐसे मरीज जिनकी सर्जरी में बहुत अधिक समय लगता है, उनमें कम समय लगेगा. रोबोट की मदद से डॉक्टर को थ्री डाइमेंशनल विजन की सुविधा मिल जाएगी. डीप पेल्विक सर्जरी के मामलों में भी बहुत हद तक राहत मिलेगी. प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने कहा कि अभी तक देश और दुनिया में जो कॉर्पोरेट अस्पताल हैं, वहां पर रोबोटिक सर्जरी से इलाज किया जाता है. सरकारी अस्पतालों की बात करें तो इक्का-दुक्का के अलावा एलएलआर अस्पताल में भी चिकित्सक अब रोबोट से सर्जरी कर सकेंगे.
कंपनी से करार पहले, 100 ऑपरेशन पूरी तरह मुफ्त : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि जिस सीएसआर फंड की मदद से रोबोट एलएलार अस्पताल में आएंगे, उस कंपनी से करार हुआ है. करार के तहत पहले 100 ऑपरेशन फ्री किए जाएंगे. इसके बाद मरीजों को केवल रोबोट का चार्ज देना होगा. रोबोट से होने वाली सर्जरी के लिए एक मरीज को औसतन 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक खर्च करने होंगे. वह सरकार के पास यह प्रस्ताव भेजेंगे कि गरीब मरीजों की भी सर्जरी रोबोट से हो, और वह पूरी तरह से निशुल्क हो. यानी कि जो सर्जरी का खर्च होगा वह अस्पताल या मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ही वहन करेगा. इसमें पूरी तरीके से सरकार की आर्थिक तौर पर मदद मिलेगी.
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