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एक करोड़ से ज्यादा का साइबर फ्रॉड करने वाले सात लोग पकड़े गए, यू-ट्यूब से सीखी थी जालसाजी

कानपुर में श्रम विभाग में हुए 1.25 करोड़ के साइबर फ्राॅड (Kanpur Cyber Crime) का पुलिस ने पर्दाफाश किया. इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों में एक महिला भी शामिल है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 14, 2024, 9:09 PM IST

श्रम विभाग में हुई साइबर जालसाजी की घटना का पर्दाफाश करते डीसीपी क्राइम.

कानपुर : श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित उत्तर प्रदेश सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में 1.25 करोड़ रुपये का साइबर फ्रॉड करने वाले सात आरोपियों को स्वाट, सर्विलांस और क्राइम ब्रांच की टीम ने छत्तीसगढ़ से दबोच लिया. आरोपियों में एक महिला आरोपी नैंसी ठाकुर भी शामिल थी, जिसने बीटेक का कोर्स किया हुआ था. नैंसी ने साइबर फ्रॉड करने के दौरान आरोपियों की तकनीकी तौर पर खूब मदद की.

नैंसी के अलावा घटना का मास्टरमाइंड सजेती घाटमपुर निवासी उदित मिश्रा निकला. उदित कंप्यूटर का काम करता था. उदित का साथ विनय दीक्षित ने दिया, जो सीतापुर का रहने वाला है और मंडलीय कार्यालय (श्रम विभाग) में सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत था. उक्त तीनों आरोपियों ने अन्य आरोपियों मुनाजिर, आर्जन, यासीन, ललित कश्यप संग साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया. इस मामले की जानकारी डीसीपी अपराध आशीष श्रीवास्तव ने बुधवार को मीडिया से साझा की.

जानिए कैसे किया फ्रॉड

अपराधियों को पता था कि श्रम विभाग द्वारा कन्या सहायता विवाह योजना संचालित है. इसमें श्रम प्रवर्तन अधिकारी की अनुमति के बाद अपर श्रमायुक्त के लॉग इन व पासवर्ड की जरूरत होगी. ऐसे में उदित और नैंसी ने यू-ट्यूब से किसी सरकारी पोर्टल को हैक करने की पूरी जानकारी ली. इसके बाद पोर्टल को हैक करके 1.25 करोड़ का साइबर फ़्रॉड कर दिया.

यह भी पढ़ें : आर्मी अफसर बनकर डॉक्टर से लाखों की ठगी, चेकअप के नाम पर लगा दिया चूना

यह भी पढ़ें : जामताड़ा में चार साइबर अपराधी गिरफ्तार, फर्जी अधिकारी बन लोगों को लगाते थे चूना

श्रम विभाग में हुई साइबर जालसाजी की घटना का पर्दाफाश करते डीसीपी क्राइम.

कानपुर : श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित उत्तर प्रदेश सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में 1.25 करोड़ रुपये का साइबर फ्रॉड करने वाले सात आरोपियों को स्वाट, सर्विलांस और क्राइम ब्रांच की टीम ने छत्तीसगढ़ से दबोच लिया. आरोपियों में एक महिला आरोपी नैंसी ठाकुर भी शामिल थी, जिसने बीटेक का कोर्स किया हुआ था. नैंसी ने साइबर फ्रॉड करने के दौरान आरोपियों की तकनीकी तौर पर खूब मदद की.

नैंसी के अलावा घटना का मास्टरमाइंड सजेती घाटमपुर निवासी उदित मिश्रा निकला. उदित कंप्यूटर का काम करता था. उदित का साथ विनय दीक्षित ने दिया, जो सीतापुर का रहने वाला है और मंडलीय कार्यालय (श्रम विभाग) में सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत था. उक्त तीनों आरोपियों ने अन्य आरोपियों मुनाजिर, आर्जन, यासीन, ललित कश्यप संग साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया. इस मामले की जानकारी डीसीपी अपराध आशीष श्रीवास्तव ने बुधवार को मीडिया से साझा की.

जानिए कैसे किया फ्रॉड

अपराधियों को पता था कि श्रम विभाग द्वारा कन्या सहायता विवाह योजना संचालित है. इसमें श्रम प्रवर्तन अधिकारी की अनुमति के बाद अपर श्रमायुक्त के लॉग इन व पासवर्ड की जरूरत होगी. ऐसे में उदित और नैंसी ने यू-ट्यूब से किसी सरकारी पोर्टल को हैक करने की पूरी जानकारी ली. इसके बाद पोर्टल को हैक करके 1.25 करोड़ का साइबर फ़्रॉड कर दिया.

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