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सब्जी विक्रेता आत्महत्या मामले में बयानों को किनारे कर लगाई फाइनल रिपोर्ट, कमिश्नर ने इंस्पेक्टर को किया निलंबित - KANPUR VEGETABLE VENDOR SUICIDE

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 10:28 AM IST

Updated : Sep 17, 2024, 2:19 PM IST

सब्जी विक्रेता आत्महत्या मामले में इंस्पेक्टर ने बयानों को दरकिनार करते हुए एक सप्ताह पहले फाइनल रिपोर्ट लगा दी. मामला जैसे ही पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा तो उन्होंने इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया.

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कमिश्नर ने इंस्पेक्टर को किया निलंबित (photo credit- Etv Bharat)

कानपुर: जिले के सचेंडी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीते मई महीने में एक सब्जी विक्रेता ने आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर दो वीडियो अपलोड कर पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद आत्महत्या कर ली थी. वही, अब एक फिर इस मामले की चर्चा तेज हो गई है. इस सनसनीखेज मामले में एक बार फिर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां विवेचक ने मृत्यु से पहले सुनील की ओर से जारी किए गए बयानों को दरकिनार करते हुए एक सप्ताह पहले फाइनल रिपोर्ट लगा दी. जिस वजह से आरोपी दारोगा और सिपाही को क्लीन चिट मिल गई. मामला जैसे ही पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा तो उन्होंने मामले के विवेचक और सचेंडी थाने के अतिरिक्त निरीक्षक अनूप सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी है वही, उन्होंने अब इस पूरे मामले की जांच तत्कालीन इंस्पेक्टर पंकज त्यागी को सौंप दी है.

फेसबुक पर वीडियो अपलोड कर लगाए थे गंभीर आरोप: सचेंडी थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले सुनील कुमार प्रजापति एक सब्जी विक्रेता था.
सुनील ने बीती 14 मई की रात को घर में फंदे से लटक कर जान दे दी थी. सुनील ने खुदकुशी से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर दो वीडियो अपलोड किए थे और वीडियो के जरिए उसने चकरपुर मंडी चौकी प्रभारी सत्येंद्र कुमार यादव और सिपाही अजय कुमार यादव पर रुपये छीनने और मुफ्त सब्जी लेने के साथ मारपीट करने का भी गंभीर आरोप लगाया था. पुलिसकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्यवाई करने की मांग की थी.

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इस घटना के बाद पूरे पुलिस महकमें में हड़कंप था और कानपुर पुलिस एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई थी. वहीं,घटना के बाद सुनील के परिजनों ने भी दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाई की मांग को लेकर हंगामा किया था. इसके बाद सचेंडी थाने में दारोगा सत्येंद्र कुमार यादव और सिपाही अजय कुमार यादव के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस पूरे मामले की विवेचना सचेंडी थाने के अतिरिक्त प्रभारी अनूप सिंह कर रहे थे.

डीसीपी पश्चिमी राजेश सिंह ने बताया, कि मामले की विवेचना कर रहे सचेंडी थाने के अतिरिक्त निरीक्षक अनूप सिंह इस महीने के पहले सप्ताह में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. उन्होंने बताया कि, इसमें कहा गया कि मृतक के भाई, वादी ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों और पुलिस पर लगाए गए आरोपो को निराधार बताते हुए किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था.

इसके साथ ही किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई न करने का लिखित शपथ पत्र भी दिया था. इस मामले में विवेचक ने मृत्यु से पहले दिए गए बयानों को दरकिनार करते हुए वादी के बयानों के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. जिसके चलते विवेचक अनूप सिंह को निलंबित कर दिया गया है और दोबारा इस मामले की जांच करने के आदेश दिए गए हैं.

यह भी पढ़े-बैंक से लिया लोन न चुका पाने पर माता-पिता ने बेटी के साथ की आत्महत्या, 2 दिन पहले घर पहुंचे थे एजेंट - Hapur parents suicide with daughter

कानपुर: जिले के सचेंडी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीते मई महीने में एक सब्जी विक्रेता ने आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर दो वीडियो अपलोड कर पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद आत्महत्या कर ली थी. वही, अब एक फिर इस मामले की चर्चा तेज हो गई है. इस सनसनीखेज मामले में एक बार फिर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां विवेचक ने मृत्यु से पहले सुनील की ओर से जारी किए गए बयानों को दरकिनार करते हुए एक सप्ताह पहले फाइनल रिपोर्ट लगा दी. जिस वजह से आरोपी दारोगा और सिपाही को क्लीन चिट मिल गई. मामला जैसे ही पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा तो उन्होंने मामले के विवेचक और सचेंडी थाने के अतिरिक्त निरीक्षक अनूप सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी है वही, उन्होंने अब इस पूरे मामले की जांच तत्कालीन इंस्पेक्टर पंकज त्यागी को सौंप दी है.

फेसबुक पर वीडियो अपलोड कर लगाए थे गंभीर आरोप: सचेंडी थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले सुनील कुमार प्रजापति एक सब्जी विक्रेता था.
सुनील ने बीती 14 मई की रात को घर में फंदे से लटक कर जान दे दी थी. सुनील ने खुदकुशी से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर दो वीडियो अपलोड किए थे और वीडियो के जरिए उसने चकरपुर मंडी चौकी प्रभारी सत्येंद्र कुमार यादव और सिपाही अजय कुमार यादव पर रुपये छीनने और मुफ्त सब्जी लेने के साथ मारपीट करने का भी गंभीर आरोप लगाया था. पुलिसकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्यवाई करने की मांग की थी.

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इस घटना के बाद पूरे पुलिस महकमें में हड़कंप था और कानपुर पुलिस एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई थी. वहीं,घटना के बाद सुनील के परिजनों ने भी दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाई की मांग को लेकर हंगामा किया था. इसके बाद सचेंडी थाने में दारोगा सत्येंद्र कुमार यादव और सिपाही अजय कुमार यादव के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस पूरे मामले की विवेचना सचेंडी थाने के अतिरिक्त प्रभारी अनूप सिंह कर रहे थे.

डीसीपी पश्चिमी राजेश सिंह ने बताया, कि मामले की विवेचना कर रहे सचेंडी थाने के अतिरिक्त निरीक्षक अनूप सिंह इस महीने के पहले सप्ताह में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. उन्होंने बताया कि, इसमें कहा गया कि मृतक के भाई, वादी ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों और पुलिस पर लगाए गए आरोपो को निराधार बताते हुए किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था.

इसके साथ ही किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई न करने का लिखित शपथ पत्र भी दिया था. इस मामले में विवेचक ने मृत्यु से पहले दिए गए बयानों को दरकिनार करते हुए वादी के बयानों के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. जिसके चलते विवेचक अनूप सिंह को निलंबित कर दिया गया है और दोबारा इस मामले की जांच करने के आदेश दिए गए हैं.

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Last Updated : Sep 17, 2024, 2:19 PM IST
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