चंडीगढ़: महेंद्रगढ़ जिले के कनीना में हुए स्कूल बस हादसे को लेकर बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. ये सुनवाई हादसे को लेकर दायर की गई अवमानना याचिका को लेकर थी. जस्टिस राजबीर सहरावत की अदालत में हुई याचिका में एसपी समेत 12 अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग गई है. लेकिन कोर्ट ने अवमानना याचिका को खारिज करते हुए इसकी जगह याचिकाकर्ता को पीआईएल दाखिल करने की छूट दे दी.
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील बलराज गुर्जर ने कहा कि हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका को खारिज कर दिया है. लेकिन इसके साथ ही ये चूट भी दे दी है कि वो जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल करें. अवमानना याचिका किसी भी इंडिविजुअल पर लगाई जाती है. इतने अधिकारियों के खिलाफ नहीं लगाई जाती. इसलिए कोर्ट ने कहा कि आप उचित याचिका दायर करें. बलराज गुर्जर ने कहा कि अब जनहित याचिका (पीआईएल) 1 से 2 दिनों में दायर कर दी जायेगी.
याचिकाकर्ता सुशील वर्मा ने कहा कि कनीना में हुए हादसे को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जो मांग की गई है वो अवमानना का मामला नहीं बनता है. अब हम पीआईएल 1 से 2 दिनों में हाई कोर्ट में लगाने जा रहे हैं. यदि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी को अच्छे से लागू किया गया होता तो ये हादसा नहीं होता. इसमें अधिकारियों की घोर लापरवाही है. यदि अधिकारियों ने सख्ती से बसों की चेकिंग की होती तो बच्चों की जान नहीं जाती.
11 अप्रैल को हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के कनीना इलाके में जीएल पब्लिक स्कूल की बस पलट गई थी. इस हादसे में 6 बच्चों की मौत हो गई थी. बताया गया कि बस का ड्राइवर शराब के नशे में था. रास्ते में गांव वालों ने उसे रोककर प्रिसिंपल को बताया, उसके बावजूद स्कूल प्रशासन ने लापरवाही की. इसके बाद करीब 8.30 बजे थोड़ी दूर जाकर तेज रफ्तार बस पलट गई. सबसे हैरानी की बात ये है कि इस दिन ईद की गजटेड छुट्टी थी, उसके बावजूद सरकारी आदेश के खिलाफ स्कूल खोला गया था.