मंडला. कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha tiger reserve) के बफर जोन अंतर्गत खापा रेंज के ग्राम करेली में एक नर बाघ की मौत हो गई. बाघ की पहचान भैसानघाट के मेल टी-46 के रूप में की गई है. प्राथमिक तौर पर बाघ की मौत की वजह करंट लगना पाया गया है, जिसके बाद वन विभाग व पुलिस की टीमें शिकारियों की खोज में जुट गईं.
शिकारियों की खोज में जुटा वन विभाग
बाघ का शव देखे जाने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा बीट गार्ड को दी गई, जिसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारी को दी गई. सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और बाघ के शव को कब्जे में लेकर जांच प्रारंभ की गई. इसके बाद डॉग स्क्वाड की मदद से शिकारियों को पकड़ने के लिए टीमें भेजी गईं. कान्हा के बफर जोन के खापा रेंज में ये घटना 8 मार्च की सुबह क बताई जा रही है.
शिकार के लिए फैलाया था करंट
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बाघ की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है. इस क्षेत्र में वन्यप्राणी के शिकार के लिए शिकारियों द्वारा करंट फैलाया गया था, जिसमें फंसकर बाघ ने दम तोड़ दिया. मौके पर पहुंचे वन अमले द्वारा घटना स्थल से जीआई तार जब्त किया गया है. बाघ के शव को कब्जे में लेकर कान्हा प्रबंधन, क्षेत्र संचालक पेंच टाइगर रिजर्व, उपसंचालक कान्हा टाइगर रिजर्व, तहसीलदार बैहर, सरपंच ग्राम पंचायत करेली और सहायक संचालक मलांजखंड की उपस्थिति में पशु चिकित्सा टीम ने पोस्टमॉर्टम किया.
स्निफर डॉग्स ने शिकारियों को खोज निकाला
शव परीक्षण के बाद बाघ का अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले जांच के लिए सेंपल लेकर फॉरेंसिक लैब भेजे गए. वहीं घटना के बाद शिकारियों को पकड़ने के लिए बालाघाट पुलिस के डॉग स्क्वाड की मदद ली गई. खोजबीन के दौरान डॉग स्क्वॉड ने 24 घंटे के अंदर करंट लगाकर बाघ को मारने वाले आरोपी को खोज निकाला. इस मामले में पुलिस ने आरोपी परसराम पिता नसीब सिंह मरावी निवासी परसाटोला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं आरोपी के साथ दो अन्य आरोपियों के इस प्रकरण में शामिल होने की भी जानकारी मिली है.