शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में पहले ही दिन जमकर हंगामा हुआ. मंडी की सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में किसान आंदोलन को लेकर एक बयान दिया था. उस बयान पर सदन में खूब हंगामा हुआ. कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने तो सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से यहां तक मांग कर दी कि कंगना के बयान से माहौल बिगड़ने की आशंका पैदा हुई है, ऐसे में सांसद के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कंगना का किसानों को लेकर दिया गया बयान निंदनीय है. इस बयान की भर्त्सना होनी चाहिए.
Kangana Ranaut: Bangladesh like anarchy could have happened in India also like in the name of Farmers protest. Outside forces are planning to destroy us with the help of insiders. If it wouldn't have been foresight of our leadership they would have succeded. pic.twitter.com/05vSeN8utW
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) August 25, 2024
कंगना ने देश के किसानों को हत्यारा और बलात्कारी कहा है. संसदीय कार्यमंत्री चाहते थे कि सदन में कंगना के बयान पर निंदा का प्रस्ताव रखा जाए और इस पर वोटिंग हो, लेकिन स्पीकर ने रूलिंग दी कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी इस बयान से किनारा करते हुए उसे कडेंम किया है, लिहाजा ये सदन भी उस बयान की निंदा करता है. वहीं, भाजपा का कहना था कि जो व्यक्ति सदन में अपना पक्ष रखने के लिए मौजूद न हो, उस पर चर्चा कैसे हो सकती है? नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि ये इस सदन की परंपरा नहीं है.
The statement made by BJP MP Kangana Ranaut in the context of the farmers' movement is not the opinion of the party. BJP disagrees with the statement made by Kangana Ranaut. On behalf of the party, Kangana Ranaut is neither permitted nor authorised to make statements on party… pic.twitter.com/DXuzl3DqDq
— ANI (@ANI) August 26, 2024
ऐसे हुई हंगामे की शुरुआत: दरअसल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और अन्य विपक्षी सदस्यों ने नियम-67 के तहत सदन की सारी कार्यवाही को स्थगित कर कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की. नेता विपक्ष का कहना था कि हाल ही के दिनों में प्रदेश में कई घटनाएं ऐसी हुई हैं, जिनसे पता चलता है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है. बद्दी में दिन-दहाड़े एक युवक की हत्या हो गई. बिलासपुर में कोर्ट परिसर में गोलियां चली. पालमपुर में युवती पर दराट से हमला हुआ. प्रदेश में नशा माफिया, खनन माफिया और वन माफिया सक्रिय है. ऐसे में सदन की सारी कार्यवाही स्थगित कर कानून व्यवस्था के मसले पर चर्चा की जाए.
भाजपा की तरफ से रणधीर शर्मा ने भी नियम-67 के तहत चर्चा की मांग के पक्ष में तर्क दिए. सत्ता पक्ष की तरफ से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अपराध की घटनाओं पर उनकी सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है. बद्दी में जो घटना हुई है वो नशे के कारोबारियों के बीच गैंगवार थी. बेशक ऐसे मामलों पर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए, लेकिन नशे के कारोबारियों पर चर्चा हो, ये क्या बात हुई? राजस्व मंत्री जगत नेगी ने कहा कि विपक्ष सदन से बाहर जाने का बहाना चाहता है. इसके बाद स्पीकर कुलदीप पठानिया ने नियम-67 के नोटिस को रिजेक्ट करते हुए कहा कि इस नियम के तहत चर्चा तभी लाई जाती है, जब कोई आपात स्थिति हो. स्पीकर की रूलिंग के बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया.
विपक्ष की गैर मौजूदगी में उठा कंगना का बयान: विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर चले गए तो सीएम ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नियम-67 को लेकर बिल्कुल सही बात कही है कि ये इमरजेंसी की हालत में लाया जाता है. जिन घटनाओं का विपक्ष ने जिक्र किया, सरकार ने उन पर तुरंत कार्रवाई कर आरोपियों को पकड़ा है. बाद में संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि इस समय महिला कांग्रेस की सदस्य भाजपा के विधायक के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. फिर हर्ष ने कंगना के बयान को सदन में पढ़ा और कहा कि हम इस बयान की निंदा करते हैं. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी कंगना के बयान से पल्ला झाड़ा है. वे कंगना के खिलाफ सदन में निंदा प्रस्ताव लाकर उस पर वोटिंग चाहते थे.
स्पीकर ने किया सभी को शांत: इस बीच, भाजपा के सदस्य भी सदन में वापिस आ गए थे. कुलदीप राठौर जब बोल रहे थे तो नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कंगना के मामले में पार्टी का पक्ष रखा और कहा कि जो व्यक्ति सदन में अपने बयान को डिफेंड करने के लिए मौजूद नहीं है, उस पर चर्चा यहां की परंपरा नहीं है. स्पीकर ने सभी को शांत किया और स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस समय विपक्ष के सदस्य बाहर थे, तब संसदीय कार्यमंत्री ने कंगना का बयान सदन में पढ़ा था. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी इस बयान से किनारा किया है और इसे कडेंम किया है. ये सदन भी किसान विरोधी बयान को कंडेम करता है. इस तरह मामला शांत हुआ.