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बिजली महादेव रोपवे को लेकर ग्रामीणों के समर्थन में उतरीं कंगना, कहा- आधुनिकता अपनी जगह, लेकिन देवता का आदेश सर्वोपरि - Kangana on Bijli Mahadev Ropeway

Kangana Ranaut on Bijli Mahadev Ropeway Project: जिला कुल्लू में बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का विरोध किया जा रहा है. अब मंडी की सांसद कंगना रनौत ने लोगों को आश्वासन दिया है. कंगना का कहना है कि आधुनिकता अपनी जगह है, लेकिन देवता समाज में देवता की मर्जी ही सबकुछ होती है.

Kangana Ranaut on Bijli Mahadev Ropeway Project
बिजली महादेव रोपवे को लेकर कंगना का बयान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 27, 2024, 9:39 AM IST

Updated : Sep 27, 2024, 1:23 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की खराहल घाटी के बिजली महादेव रोपवे का एक ओर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा शिलान्यास किया गया है और इसके लिए 283 करोड़ का बजट का प्रावधान भी किया गया है. वहीं, अब मंडी की सांसद कंगना रनौत रोपवे के विरोध में उतरी आई हैं. उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया है कि देवता का आदेश ही सर्वोपरि है. बिजली महादेव के लिए रोपवे मामले में वो लोगों के साथ हैं.

देवता के आशीर्वाद के लिए पहुंची चंसारी गांव

दरअसल कंगना रनौत गुरुवार को चंसारी गांव में देवता बिजली महादेव के दर्शनों के लिए पहुंची थीं. यहां उन्होंने देवता के दर्शन किए और देवता के समक्ष शीश नवा कर आशीर्वाद लिया. वहीं, इस दौरान खराहल घाटी के लोगों ने बिजली महादेव रोपवे के विरोध में मांग को सांसद कंगना रनौत के सामने रखा. कंगना रनौत ने कहा कि वो इस बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से जरूर बात करेंगी, क्योंकि आधुनिकता अपनी जगह है और देवता का आदेश अपनी जगह है.

कंगना रनौत, सांसद मंडी (ETV Bharat)

कंगना रनौत ने लोगों को दिलाया भरोसा

खराहल में जनता को संबोधित करते हुए कंगना ने कहा, "मैं और मेरी बहन यहां से हैं, यहां मेरा घर है, इसलिए कुल्लू मनाली से मेरा विशेष प्यार है. जब यहां पर मिट्टी के सैंपल लेने के आए थे तो मैंने खुद नितिन गडकरी से कहा था कि यहां के लोगों की इच्छा नहीं है कि यहां पर ये काम हो. जिसके बाद उन्होंने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए भी इससे जुड़े हुए हैं. अगर फिर से ऐसी स्थिति आती है तो मैं नितिन गडकरी के पास जाने से नहीं हिचकिचाउंगी. जो देवता चाहते ही नहीं है, हमें भी वैसा काम करने की जरूरत नहीं है. आधुनिकीकरण अपनी जगह होता है, लेकिन हमारे देवता समाज में देवताओं की मर्जी ही सर्वोपरि होती है."

केंद्र की पर्वतमाला योजना के तहत बन रहा रोपवे

गौरतलब है कि पर्वतमाला योजना के तहत बिजली महादेव रोपवे का निर्माण किया जा रहा है. ये प्रोजेक्ट केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बनाया जा रहा है. इसके लिए एनएचएलएमएल और हिमाचल सरकार के बीच एमओयू भी साइन किया जा चुका है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिजली महादेव रोपवे का शिलान्यास किया था और केंद्र सरकार द्वारा बिजली महादेव रोपवे को मंजूरी भी प्रदान कर दी गई है.

रोपवे के विरोध में देवता कई बार कर चुके हैं प्रदर्शन

गौरतलब है कि बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे को लेकर खराहल और कशावरी घाटी के लोग विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कई बार सड़कों पर उतरकर बिजली महादेव रोपवे के विरोध में प्रदर्शन किया है. ग्रामीणों का कहना है कि रोपवे बनने से देवता खुश नहीं है और इसको बनाने से भी देवता ने मना किया है. लोगों का कहना है कि रोपवे बनने से उनके रोजगार बुरी तरह से प्रभावित होंगे. इसके साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि रोपवे निर्माण में कई पेड़ों को काटा जाएगा.

ये भी पढ़ें: विरोध के बावजूद बिजली महादेव रोपवे को मिली मंजूरी, 283 करोड़ की लागत से बनकर होगा तैयार

ये भी पढ़ें: बिजली महादेव रोपवे को मिली केंद्र से मंजूरी, स्थानीय ग्रामीणों ने किया कड़ा विरोध, कहा- देवता को आपत्ति

कुल्लू: जिला कुल्लू की खराहल घाटी के बिजली महादेव रोपवे का एक ओर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा शिलान्यास किया गया है और इसके लिए 283 करोड़ का बजट का प्रावधान भी किया गया है. वहीं, अब मंडी की सांसद कंगना रनौत रोपवे के विरोध में उतरी आई हैं. उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया है कि देवता का आदेश ही सर्वोपरि है. बिजली महादेव के लिए रोपवे मामले में वो लोगों के साथ हैं.

देवता के आशीर्वाद के लिए पहुंची चंसारी गांव

दरअसल कंगना रनौत गुरुवार को चंसारी गांव में देवता बिजली महादेव के दर्शनों के लिए पहुंची थीं. यहां उन्होंने देवता के दर्शन किए और देवता के समक्ष शीश नवा कर आशीर्वाद लिया. वहीं, इस दौरान खराहल घाटी के लोगों ने बिजली महादेव रोपवे के विरोध में मांग को सांसद कंगना रनौत के सामने रखा. कंगना रनौत ने कहा कि वो इस बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से जरूर बात करेंगी, क्योंकि आधुनिकता अपनी जगह है और देवता का आदेश अपनी जगह है.

कंगना रनौत, सांसद मंडी (ETV Bharat)

कंगना रनौत ने लोगों को दिलाया भरोसा

खराहल में जनता को संबोधित करते हुए कंगना ने कहा, "मैं और मेरी बहन यहां से हैं, यहां मेरा घर है, इसलिए कुल्लू मनाली से मेरा विशेष प्यार है. जब यहां पर मिट्टी के सैंपल लेने के आए थे तो मैंने खुद नितिन गडकरी से कहा था कि यहां के लोगों की इच्छा नहीं है कि यहां पर ये काम हो. जिसके बाद उन्होंने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए भी इससे जुड़े हुए हैं. अगर फिर से ऐसी स्थिति आती है तो मैं नितिन गडकरी के पास जाने से नहीं हिचकिचाउंगी. जो देवता चाहते ही नहीं है, हमें भी वैसा काम करने की जरूरत नहीं है. आधुनिकीकरण अपनी जगह होता है, लेकिन हमारे देवता समाज में देवताओं की मर्जी ही सर्वोपरि होती है."

केंद्र की पर्वतमाला योजना के तहत बन रहा रोपवे

गौरतलब है कि पर्वतमाला योजना के तहत बिजली महादेव रोपवे का निर्माण किया जा रहा है. ये प्रोजेक्ट केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बनाया जा रहा है. इसके लिए एनएचएलएमएल और हिमाचल सरकार के बीच एमओयू भी साइन किया जा चुका है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिजली महादेव रोपवे का शिलान्यास किया था और केंद्र सरकार द्वारा बिजली महादेव रोपवे को मंजूरी भी प्रदान कर दी गई है.

रोपवे के विरोध में देवता कई बार कर चुके हैं प्रदर्शन

गौरतलब है कि बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे को लेकर खराहल और कशावरी घाटी के लोग विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कई बार सड़कों पर उतरकर बिजली महादेव रोपवे के विरोध में प्रदर्शन किया है. ग्रामीणों का कहना है कि रोपवे बनने से देवता खुश नहीं है और इसको बनाने से भी देवता ने मना किया है. लोगों का कहना है कि रोपवे बनने से उनके रोजगार बुरी तरह से प्रभावित होंगे. इसके साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि रोपवे निर्माण में कई पेड़ों को काटा जाएगा.

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Last Updated : Sep 27, 2024, 1:23 PM IST
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