छिंदवाड़ा। कांग्रेस और भाजपा की राजनीतिक लड़ाई के बीच अब भगवान राम और हनुमान एक बार फिर चुनाव में मुद्दा बन चुके हैं. एक तरफ जहां भाजपा अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात कर रही है तो दूसरी तरफ पूर्व सीएम कमलनाथ भी अपने द्वारा बनाए गए सबसे बड़े हनुमान मंदिर का जिक्र चुनावी सभाओं में खुलकर कर रहे हैं.
'मैंने भी बनवाया है सबसे बड़ा हनुमान मंदिर'
पूर्व सीएम कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है और अब चुनावी सभाएं भी करने लगे हैं. ऐसी ही एक चुनावी सभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि "अयोध्या में जो राम मंदिर बनकर तैयार है उसे भाजपा अपने द्वारा बनाया हुआ बता रही है जबकि वह सभी लोगों के पैसे से बना है. फर्क इतना है कि कोर्ट ने मंदिर निर्माण करने के आदेश दिए हैं और जो अभी सत्ता में है उसे बनाने की जिम्मेदारी मिली है. मैंने भी तो देश का सबसे बड़ा हनुमान मंदिर बनाया है लेकिन मैंने कभी उसके बारे में जिक्र नहीं किया. राजनीतिक मंचों पर भगवान को लाना ठीक नहीं है."
धार्मिक आयोजन कराते हैं कमलनाथ
कमलनाथ की छवि सॉफ्ट हिंदुत्व की रही है. छिंदवाड़ा में हनुमान मंदिर का निर्माण हो या फिर विधानसभा चुनाव के पहले कथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा कराना. उन्होंने दोनों कथाएं हनुमान मंदिर में कराई थी. इसको लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने विरोध भी जताया था लेकिन कमलनाथ ने साफ कहा था कि मैं हिंदू हूं मुझे किसी के कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर स्थिति साफ नहीं
पिछले कुछ दिनों से पूर्व सीएम कमलनाथ और छिंदवाड़ा सांसद उनके बेटे नकुलनाथ के बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलें लगाई जा रहीं थी. इसे लेकर मीडिया के सामने कमलनाथ बोले जरूर लेकिन कुछ खुलकर नहीं. उन्होंने कहा था कि ये अफवाह मीडिया ने उड़ाई थी और वही खंडन करे. इसका क्या आशय निकाला जाए. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के पहले सांसद नकुलनाथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं और छिंदवाड़ा से लोकसभा के उम्मीदवार हो सकते हैं. इसलिए अब वे धीरे-धीरे चुनावी मंचों पर धर्म की बातें करने लगे हैं.