रांची: लोकसभा आम चुनाव 2024 झारखंड की सबसे बड़ी नामधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. लोकसभा आम चुनाव से ठीक पहले जमीन से जुड़े मामले में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल चले जाने और पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की उम्र जनित बीमारियों की वजह से सक्रिय राजनीति और चुनावी सभाओं से दूर रहने की मजबूरी झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए संकट काल जैसा ही है. लेकिन इन सब के बीच कल्पना सोरेन ने एक तरफ से मोर्चा संभाल रखा है.
दो-दो फ्रंट पर लड़ रही हैं कल्पना सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि झामुमो के इस संकट की घड़ी में कल्पना सोरेन के सामने दो-दो फ्रंटों पर लड़ना पड़ रहा है. एक ओर उन्हें जनता के बीच जाकर लोगों को यह बताना है कि कैसे भाजपा सरकार के इशारे पर ईडी ने उनके नेता हेमंत सोरेन को कैद कर रखा है तो दूसरी ओर कल्पना सोरेन को अपने परिवार की सदस्य सीता सोरेन से भी मुकाबला करना पड़ रहा है, जो संकट के समय में झामुमो परिवार छोड़ भाजपा परिवार का हिस्सा बन गई हैं.
झामुमो के स्टार प्रचारक के रूप में कल्पना सोरेन ने बनाई पहचान
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय की माने तो इस लोकसभा चुनाव में कल्पना सोरेन अभी तक 100 के करीब छोटी-बड़ी चुनावी सभाएं कर चुकी हैं और अब पूरा ध्यान संथाल परगना फतह पर लगा दिया है. झामुमो जहां कल्पना सोरेन को विपत्ति की घड़ी में पार्टी की सबसे बड़ी संपत्ति यानी एसेट बता रही है तो विपक्षी दल भाजपा के नेता उन्हें हेमंत सोरेन के गुनाहों का हमराज बता कर कटाक्ष कर कल्पना सोरेन के स्टार प्रचारक के रूप में योगदान को कम बताते नहीं थकती है.
![Lok Sabha Election In Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/24-05-2024/jh-ran-01-kalpanasorenstarpracharak-7210345_24052024154734_2405f_1716545854_453.jpg)
झामुमो के स्टार प्रचारक 40 हैं, पर चुनावी सभाओं का पूरा भार कल्पना और चंपाई पर
लोकसभा आम चुनाव 2024 के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 40 स्टार प्रचारक बनाए हैं, लेकिन चुनावी रण में भाजपा-आजसू के मजबूत गठबंधन से मुकाबला करते हुए झामुमो से सिर्फ कल्पना सोरेन और सीएम चंपाई सोरेन दिख रहे हैं.
झामुमो के साथ सहयोगी दलों के लिए भी चुनावी सभाएं कर रही हैं कल्पना
परिस्थितियों की वजह से इस बार चुनावी सभाओं का पूरा दायित्व संभाल रही कल्पना सोरेन ने अपने सहयोगी दलों को भी निराश नहीं होने दिया है. वह जमशेदपुर में झामुमो के लिए वोट मांगते दिखती हैं तो गोड्डा में सहयोगी कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप यादव के लिए भी उसी जोश और उत्साह से वोट मांगती नजर आती हैं. कल्पना, पलामू में जाकर राजद की महिला उम्मीदवार ममता भुईयां के लिए वोट मांगती दिखीं तो कोडरमा में माले उम्मीदवार के लिए भी जनता से समर्थन मांगा.
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दो महीने पहले तक राज्य की सक्रिय राजनीति से दूर रहने वाली कल्पना सोरेन ,आज एक कुशल राजनीतिज्ञ के तौर पर अपने भाषणों में सीधा संवाद जनता से कायम करती दिख रही हैं. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय बताते हैं कि भाजपा के नेताओं ने यह सोच रखा था कि झूठे मामले में हेमंत सोरेन को जेल भेज कर वह चुनावी मैदान मार लेंगे, लेकिन उनकी नेता कल्पना सोरेन ने भाजपा की सारी रणनीति पर पानी फेर दिया है.
अपने दायित्वों से नहीं भाग सकतीं कल्पना, हेमंत सोरेन की हमराज हैं- भाजपा
झारखंड में कल्पना सोरेन के रूप में एक नए राजनीतिज्ञ के उदय को नकारते हुए झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि चुनाव लड़ना या प्रचार हर किसी का अधिकार है, लेकिन उन्हें हेमंत सोरेन के हर गुनाहों पर जवाब देना होगा. जनता उनसे पूछेगी कि पत्नी होने के नाते उन्होंने हेमंत सोरेन को घपले-घोटाले करने से क्यों नहीं रोका.
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