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कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले- कांग्रेस को पीएम मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान को स्वीकारना चाहिए - ACHARYA PRAMOD KRISHNAM - ACHARYA PRAMOD KRISHNAM

कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम बुलंदशहर के एक धार्मिक आयोजन में शिरकत की. इस दौरान मीडिया से हुई बातचीत में उन्होंने पीएम मोदी के तारिफों के फूल बांधे.

Acharya Pramod Krishnam
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 29, 2024, 1:26 PM IST

कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दी जानकारी

बुलंदशहर : कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम जिले में कलश एक प्रोग्राम में शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव में कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक ही नाम है 'नरेंद्र मोदी'. देश की जनता नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है.

प्रधानमंत्री मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान पर उन्होंने कहा, कि मैं पीएम के बयान से सहमत हूं और कांग्रेस को अपने इस बयान को स्वीकारना चाहिए, नकारना नहीं चाहिए. गृह मंत्री अमित शाह के दक्षिण भारत में एक चुनावी मंच से एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को खत्म करने के बयान पर वह बोले, कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं सुना. मैं कांग्रेस से दूर हुआ हूं, लेकिन अब मैं देश के साथ हूं.

मैंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है, बल्कि कांग्रेस से मुझे निष्कासित किया है. मैं अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में गया था. उस दौरान मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला, क्या यह मेरा गुनाह है? आचार्य ने आगे कहा, कि राजनीतिक लोगों में और उनके व्यवहार में गिरावट आई है. कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि आखिर बड़े-बड़े नेता कांग्रेस को छोड़कर क्यों जा रहे हैं? कांग्रेस को सबसे पहले अपने नेताओं के साथ न्याय करना चाहिए.

कांग्रेस से छह साल के लिए निष्काषित किए गए आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम इन दिनों हर किसी की जुबां पर है. इसकी वजह ये है कि हाल ही में प्रमोद कृष्णम के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी. आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि धाम पीठाधीश्वर हैं. हालांकि, जिस तरह से प्रमोद कृष्णम के बुलावे पर पीएम मोदी आए, उसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

यहां गौर करने वाली बात ये है, कि जब एक फरवरी को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए आमंत्रण दिया. उसके ठीक 10 दिन बाद यानी 10 फरवरी को कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी बयानबाजी और अनुशासनहीनता को ध्यान में रखते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया. उन्होंने पार्टी के फैसले पर कहा था, 'राम और राष्ट्र से समझौता नहीं किया जा सकता है.

इसे भी पढ़े-'मैं आपको कुछ नहीं दे सकता', आचार्य की इस बात पर मोदी बोले- अच्छा है, वरना वीडियो बन जाता, केस हो जाता

पीएम मोदी सतयुग से कलयुग के सेतु हैं : आचार्य प्रमोद कृष्णम पीएम मोदी की हमेशा ही तारीफ करते रहे हैं. कांग्रेस से निकाले जाने पर आचार्य प्रमोद ने कहा था, कि वह पीएम मोदी का जीवनभर साथ निभाएंगे. कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी जैसा दूसरा आज तक नहीं हुआ है. आचार्य प्रमोद ने कहा था कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर का निर्माण हुआ और अब संभल में कल्कि धाम का मंदिर बनने जा रहा है. पीएम मोदी सतयुग से कलयुग के सेतु बने हैं.

क्या कांग्रेस में सिर्फ वो रह सकते हैं जो राम का अपमान करें : प्रमोद कृष्णम ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस में सिर्फ वो रह सकते हैं जो राम का अपमान करें? हिन्दू आस्था को ठेस पहुंचाएं? मैं साफ कर देना चाहता हूं कि राम और राष्ट्र पर समझौता नहीं किया जा सकता है. निष्कासन बहुत छोटी चीज है. हम अपने प्राणों को भी न्यौछावर करने के लिए तैयार हैं. लेकिन राष्ट्रीय अस्तित्व, अस्मिता और सनातन पर कोई आंच नहीं आने देंगे. मेरी प्रबल इच्छा है, कि भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास दिया गया था. तो एक रामभक्त को 6 साल के लिए क्यों निकाला जा रहा ह? इसको 14 साल कर दिया जाए.

प्रमोद कृष्णम ने कहा, कि मैंने राजीव गांधी से वादा किया था कि आखिरी सांस तक कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे. हमने इस वादे को निभाया. बहुत से मोड़ आए. बहुत से बातें आई, पार्टी के ऐसे फैसले थे जिनसे सहमत नहीं था. मुझे अपमानित किया गया. मैने अपमान के घूंट पीए, लेकिन पार्टी नहीं छोड़ी. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद आचार्य प्रमोद कृष्ण ने कहा था, 'उनसे मिलने के बाद मुझे अहसास हुआ कि उन पर दैवीय कृपा है. वह दैवीय शक्ति के प्रतीक हैं. पीएम से मिलकर मुझे जो अनुभूति हुई, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता'. उन्होंने विपक्षी गठबंधन को लेकर भी तंज कसा था. प्रमोद कृष्णम ने मीडिया से बातचीत में कहा था, 'INDIA ब्लॉक बचा ही कहां है. जन्म होते ही यह गठबंधन बीमार होकर आईसीयू में चला गया. इसके बाद पटना में नीतीश कुमार ने इसका अंतिम संस्कार कर दिया. जयंत चौधरी जल्द ही INDIA ब्लॉक का श्राद्ध कर देंगे'.

यह भी पढ़े- आचार्य प्रमोद कृष्णम का कोई वजूद नहीं, पीएम मोदी को कर रहे भ्रमित: कांग्रेस नेता सचिन चौधरी

कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दी जानकारी

बुलंदशहर : कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम जिले में कलश एक प्रोग्राम में शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव में कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक ही नाम है 'नरेंद्र मोदी'. देश की जनता नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है.

प्रधानमंत्री मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान पर उन्होंने कहा, कि मैं पीएम के बयान से सहमत हूं और कांग्रेस को अपने इस बयान को स्वीकारना चाहिए, नकारना नहीं चाहिए. गृह मंत्री अमित शाह के दक्षिण भारत में एक चुनावी मंच से एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को खत्म करने के बयान पर वह बोले, कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं सुना. मैं कांग्रेस से दूर हुआ हूं, लेकिन अब मैं देश के साथ हूं.

मैंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है, बल्कि कांग्रेस से मुझे निष्कासित किया है. मैं अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में गया था. उस दौरान मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला, क्या यह मेरा गुनाह है? आचार्य ने आगे कहा, कि राजनीतिक लोगों में और उनके व्यवहार में गिरावट आई है. कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि आखिर बड़े-बड़े नेता कांग्रेस को छोड़कर क्यों जा रहे हैं? कांग्रेस को सबसे पहले अपने नेताओं के साथ न्याय करना चाहिए.

कांग्रेस से छह साल के लिए निष्काषित किए गए आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम इन दिनों हर किसी की जुबां पर है. इसकी वजह ये है कि हाल ही में प्रमोद कृष्णम के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी. आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि धाम पीठाधीश्वर हैं. हालांकि, जिस तरह से प्रमोद कृष्णम के बुलावे पर पीएम मोदी आए, उसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

यहां गौर करने वाली बात ये है, कि जब एक फरवरी को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए आमंत्रण दिया. उसके ठीक 10 दिन बाद यानी 10 फरवरी को कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी बयानबाजी और अनुशासनहीनता को ध्यान में रखते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया. उन्होंने पार्टी के फैसले पर कहा था, 'राम और राष्ट्र से समझौता नहीं किया जा सकता है.

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पीएम मोदी सतयुग से कलयुग के सेतु हैं : आचार्य प्रमोद कृष्णम पीएम मोदी की हमेशा ही तारीफ करते रहे हैं. कांग्रेस से निकाले जाने पर आचार्य प्रमोद ने कहा था, कि वह पीएम मोदी का जीवनभर साथ निभाएंगे. कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी जैसा दूसरा आज तक नहीं हुआ है. आचार्य प्रमोद ने कहा था कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर का निर्माण हुआ और अब संभल में कल्कि धाम का मंदिर बनने जा रहा है. पीएम मोदी सतयुग से कलयुग के सेतु बने हैं.

क्या कांग्रेस में सिर्फ वो रह सकते हैं जो राम का अपमान करें : प्रमोद कृष्णम ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस में सिर्फ वो रह सकते हैं जो राम का अपमान करें? हिन्दू आस्था को ठेस पहुंचाएं? मैं साफ कर देना चाहता हूं कि राम और राष्ट्र पर समझौता नहीं किया जा सकता है. निष्कासन बहुत छोटी चीज है. हम अपने प्राणों को भी न्यौछावर करने के लिए तैयार हैं. लेकिन राष्ट्रीय अस्तित्व, अस्मिता और सनातन पर कोई आंच नहीं आने देंगे. मेरी प्रबल इच्छा है, कि भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास दिया गया था. तो एक रामभक्त को 6 साल के लिए क्यों निकाला जा रहा ह? इसको 14 साल कर दिया जाए.

प्रमोद कृष्णम ने कहा, कि मैंने राजीव गांधी से वादा किया था कि आखिरी सांस तक कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे. हमने इस वादे को निभाया. बहुत से मोड़ आए. बहुत से बातें आई, पार्टी के ऐसे फैसले थे जिनसे सहमत नहीं था. मुझे अपमानित किया गया. मैने अपमान के घूंट पीए, लेकिन पार्टी नहीं छोड़ी. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद आचार्य प्रमोद कृष्ण ने कहा था, 'उनसे मिलने के बाद मुझे अहसास हुआ कि उन पर दैवीय कृपा है. वह दैवीय शक्ति के प्रतीक हैं. पीएम से मिलकर मुझे जो अनुभूति हुई, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता'. उन्होंने विपक्षी गठबंधन को लेकर भी तंज कसा था. प्रमोद कृष्णम ने मीडिया से बातचीत में कहा था, 'INDIA ब्लॉक बचा ही कहां है. जन्म होते ही यह गठबंधन बीमार होकर आईसीयू में चला गया. इसके बाद पटना में नीतीश कुमार ने इसका अंतिम संस्कार कर दिया. जयंत चौधरी जल्द ही INDIA ब्लॉक का श्राद्ध कर देंगे'.

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