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सावन माह की कालाष्टमी आज, काल भैरव को ऐसे करें प्रसन्न, भय और परेशानी से मिलेगी मुक्ति - Kalashtami 2024 - KALASHTAMI 2024

Kalashtami सावन महीने की कालाष्टमी का दिन बेहद खास माना गया है. आज के दिन काल भैरव जी की उपासना की जाती है. इस व्रत को करने से हर तरह के भय और परेशानी से मुक्ति मिलती है. Worship Kaal Bhairav in Sawan

KALASHTAMI 2024
कालाष्टमी पर करें काल भैरव की उपासना (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 28, 2024, 11:44 AM IST

कालाष्टमी पर करें काल भैरव की उपासना (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर : सावन के महीने में कालाष्टमी के दिन भगवान शंकर के भैरव स्वरूप की पूजा का विधान है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस दिन काल भैरव जी का व्रत करने से हर तरह के भय और परेशानी से मुक्ति मिलती है. सावन काल अष्ठमी के दिन भगवान काल भैरव जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इस साल कालाष्टमी का व्रत 28 जुलाई रविवार के दिन मनाया जा रहा है.

कालाष्टमी पर करें काल भैरव की उपासना : रायपुर महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया, "कॉल अष्टमी का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन को खास तौर पर भैरव जी की पूजा किया जाता है. काल भैरव जी का प्राकट्य अष्टमी तिथि के दिन हुआ था, इसलिए हर महीने की अष्टमी तिथि के दिन काल अष्टमी मनाई जाती है. अगहन महीने में काल भैरव की जयंती मनाई जाती है."

"इस साल सावन के महीने में कॉल अष्टमी 28 जुलाई रविवार के दिन मनाई जा रही है. जो जातक विशेष करके भैरव जी की पूजा आराधना करते हैं, उनके लिए यह दिन खास होता है. भक्त आज पूरे विधि विधान से भैरव जी की पूजा करें और उनका अभिषेक करें." - पं मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर रायपुर

काल भैरव पूजन का मुहुर्त : हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 27 जुलाई 2024 की रात 9:19 से हो गया है. सावन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन 28 जुलाई की रात 7:27 पर होगी. ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक कॉल अष्टमी 28 जुलाई यानी आज मनाया जा रहा है.

कालाष्टमी व्रत क्यों की खासियत : काल अष्टमी के दिन व्रत करने से काल भैरव बाबा की पूजा करने से अकाल मृत्यु का खतरा भी टल जाता है. इसके अलावा शनि और राहु के दुष्प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है. काल भैरव को तंत्र मंत्र का देवता माना गया है. ऐसे में काल अष्टमी के दिन काल भैरव की उपासना करने से हर तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है. काल भैरव की उपासना करने से शत्रुओं से भी छुटकारा मिल जाता है.

नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें पंडित जी की तरफ से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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रायपुर : सावन के महीने में कालाष्टमी के दिन भगवान शंकर के भैरव स्वरूप की पूजा का विधान है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस दिन काल भैरव जी का व्रत करने से हर तरह के भय और परेशानी से मुक्ति मिलती है. सावन काल अष्ठमी के दिन भगवान काल भैरव जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इस साल कालाष्टमी का व्रत 28 जुलाई रविवार के दिन मनाया जा रहा है.

कालाष्टमी पर करें काल भैरव की उपासना : रायपुर महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया, "कॉल अष्टमी का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन को खास तौर पर भैरव जी की पूजा किया जाता है. काल भैरव जी का प्राकट्य अष्टमी तिथि के दिन हुआ था, इसलिए हर महीने की अष्टमी तिथि के दिन काल अष्टमी मनाई जाती है. अगहन महीने में काल भैरव की जयंती मनाई जाती है."

"इस साल सावन के महीने में कॉल अष्टमी 28 जुलाई रविवार के दिन मनाई जा रही है. जो जातक विशेष करके भैरव जी की पूजा आराधना करते हैं, उनके लिए यह दिन खास होता है. भक्त आज पूरे विधि विधान से भैरव जी की पूजा करें और उनका अभिषेक करें." - पं मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर रायपुर

काल भैरव पूजन का मुहुर्त : हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 27 जुलाई 2024 की रात 9:19 से हो गया है. सावन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन 28 जुलाई की रात 7:27 पर होगी. ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक कॉल अष्टमी 28 जुलाई यानी आज मनाया जा रहा है.

कालाष्टमी व्रत क्यों की खासियत : काल अष्टमी के दिन व्रत करने से काल भैरव बाबा की पूजा करने से अकाल मृत्यु का खतरा भी टल जाता है. इसके अलावा शनि और राहु के दुष्प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है. काल भैरव को तंत्र मंत्र का देवता माना गया है. ऐसे में काल अष्टमी के दिन काल भैरव की उपासना करने से हर तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है. काल भैरव की उपासना करने से शत्रुओं से भी छुटकारा मिल जाता है.

नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें पंडित जी की तरफ से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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