नई दिल्ली: सनातन धर्म में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. आषाढ़ माह में कालाष्टमी 28 जून को है. यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव एक ज्योत रूप में प्रकट हुए थे. वहीं, भगवान ब्रह्मा द्वारा अपमानित किए जाने के बाद शिव का रौद्र रूप काल भैरव देव का अवतरण हुआ था. इस अवसर पर काल भैरव देव की पूजा की जाती है. साथ ही व्रत रखा जाता है.
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी और भैरव अष्टमी भी कहते हैं. काल भैरव भगवान शिव का नाम है. मां भवानी और दुर्गा माता काल भैरव के रूप में शत्रुओं और अत्याचारियों का विनाश करती है. मासिक कालाष्टमी के दिन दुर्गा सप्तशती के अष्टम अध्याय का पाठ करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कालाष्टमी के दिन बाबा काल भैरव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है.
कालाष्टमी मुहूर्त
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ: शुक्रवार, 28 जून 2024 दोपहर 04:27 PM से शुरू.