कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर में ठगी के एक मामले ने साबित कर दिया कि लालच में लोग कितनी आसानी से ठगों के जाल में फंस जाते हैं. पुलिस ने ऐसे दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो 'नोट बनाने' का झांसा देकर लोगों को ठगते थे. जल्दी-जल्दी पैसे कमाने की लालच में लोग उनकी चालबाजी का शिकार बन जाते थे. पुलिस ने इन दोनों ठगों के पास से नकली नोट बनाने का केमिकल, नोट बनाने वाला कागज, 500 का एक असली नोट और दो बाइक बरामद किया है.
क्या है मामलाः भभुआ एसडीपीओ शिव शंकर कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस गिरफ्तारी के बाबत विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुलिस को सूचना मिल रही थी कि एक गिरोह सक्रिय है जो नोट छापने का केमिकल और कागज बेचकर ठगी कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर रंगे हाथ पकड़ने का प्लान तैयार किया. राजेंद्र सरोवर पोखरा के पास रुपये बनाने का डेमो दे रहा था तभी इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
"नोट बनाने वाले केमीकल और कागज के साथ दो आरोपियों को एकता चौक के पास से गिरफ्तार किया गया. नोट बनाने का झांसा देकर लोगों से ठगी करता था. गिरफ्तार आरोपियों में एक रोहतास जिला के करहगर थाना क्षेत्र अंतर्गत तोरणी गांव निवासी रवि रंजन कुमार एवं दूसरा कैमूर जिला के सोनहन थाना क्षेत्र के बरहुली गांव निवासी हरेंद्र कुमार है."- शिव शंकर कुमार, एसडीपीओ भभुआ
कैसे लोगों को फंसाता थाः डीएसपी ने बताया कि ये लोग नोट बनाने का केमिकल और कागज बेचने के नाम पर ठगी करता था. जिनके साथ इसके लिए डील करता था उसे नोट बनाकर दिखाता था. इसके लिए पहले से 5 सौ के एक असली नोट पर काला केमिकल लगा कर रखे रहता था. उसके बाद सामने वाले को नोट बनाने की प्रक्रिया दिखाता. पहले अपने कागज पर काला केमिकल लगाता. उस पर पांच सौ का नोट रखता. फिर उसे एक पेपर के टुकड़े में लपेटकर थोड़ी देर सूखाने के लिए सामने वाले आदमी को ही दे देता. इस बीच चालाकी से नोट बनाने वाले कागज की जगह असली नोट रख देता. बाद में उस नोट को थिनर से साफ करके दिखाता की पांच सौ का नोट बन गया.
पूछताछ में और क्या मिली जानकारीः एसडीपीओ ने कहा कि जब नोट बन जाता तो लोग इनके झांसे में आ जाते. तब ये लोग सौदा करते. कहा जाता है कि 50 हजार दीजिए तो हम आपको एक लाख रुपया बनाने का सामान देंगे. इसी झांसे में आकर लोग इनका शिकार हो जाते थे. एसडीपीओ ने कहा कि इनसे पूछताछ की गयी. जानने का प्रयास किया गया कि किन-किन लोगों से ठगी की है. बाद में इन अपराधियों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
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