इंदौर। लोकतंत्र के महापर्व के तीन चरण संपन्न हो चुके हैं. वहीं एमपी में पहले, दूसरे और तीसरे चरण में मतदान कम हुआ है. साल 2019 की अपेक्षा मतदान कम होने से जहां निर्वाचन आयोग परेशान है. वहीं मतदाता भी अपनी ओर से मतदान को लेकर कोई उत्साह दिखाने को तैयार नहीं हैं. इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता व नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मतदान प्रतिशत घटने की वजह भीषण गर्मी को बताया है.
नोटा को सपोर्ट करने वालों को जनता मारेगी तमाचा
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सामान्य मतदाता यह सोचकर वोट नहीं कर रहा है कि मोदी जी तो जीत ही रहे हैं. इसके अलावा गर्मी भी वोटिंग परसेंट कम होने का एक बड़ा कारण है.' एक कार्यक्रम में चर्चा के दौरान विजयवर्गीय ने कांग्रेस द्वारा इंदौर में नोटा को प्रोत्साहित करने के सवाल पर कहा जो लोग नोटा को प्रचारित कर रहे हैं. इंदौर के लोग उनके गाल पर करारा तमाचा लगाएंगे, क्योंकि इंदौर में कभी भी नकारात्मक राजनीति नहीं होती, बल्कि विकास के लिए होती है.
विजयवर्गीय ने बताई कम वोटिंग की वजह
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम इंदौर को अगले दो सालों में एक खूबसूरत शहर बनाने जा रहे हैं. इसलिए जनता नोटा के साथ नहीं बल्कि विकास के साथ है. उन्होंने कहा कि तीनों चरणों में वोटिंग परसेंट अपेक्षाकृत कम हुआ है, क्योंकि गर्मी भी बहुत है और लोग यह मानकर चल रहे हैं कि मोदी जी तो जीत ही रहे हैं इसके अलावा चुनाव को लेकर थोड़ी नीरसता भी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इंदौर में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इंदौर के लोग मतदान को लेकर शुरू से ही उत्साहित रहे हैं.
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एमपी की 29 सीटों पर मतदान
बता दें एमपी की 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान हो रहे हैं. तीन चरण में चुनाव संपन्न हो चुके हैं. पहले चरण का चुनाव 6 सीटों पर 19 अप्रैल को हुआ था. वहीं एक हफ्ते बाद 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान भी 6 सीटों पर हुए थे. इन दोनों ही चरणों में वोटिंग परसेंट बहुत कम रहा था. इसके बाद 7 मई को 9 सीटों पर चुनाव हुए. जिसमें तीन हाई प्रोफाइल सीटों के लिए भी वोट डाले गए. पहले दो चरणों की अपेक्षा तीसरे चरण में वोटिंग अच्छी हुई है, लेकिन पिछले बार की तुलना में तब भी पीछे ही रहे. वहीं अब 13 मई को चौथे व आखिरी चरण का मतदान है. आखिरी चरण में एमपी की बची हुई 8 सीटों पर मतदान होगा.