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दिल्ली के इस अस्पताल में TAVI प्रक्रिया से 72 वर्षीय रोगी का बिना ओपन हार्ट सर्जरी के सफल इलाज - Heart Surgery Using TAVI

Delhi Hospital: दिल्ली में कैलाश दीपक अस्पताल ने चिकित्सा और खासकर हार्ट आपरेशन में मिसाल पेश की है. यहां एक 72 साल के शख्स के क्षतिग्रस्त एओर्टिक वाल्व को बिना चीरा लगाए TAVI प्रक्रिया से प्रतिस्थापित किया है. आइए जानते हैं क्या है ये TAVI प्रक्रिया.

कैलाश दीपक अस्पताल ने अपनाया TAVI प्रक्रिया
कैलाश दीपक अस्पताल ने अपनाया TAVI प्रक्रिया (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 8, 2024, 1:15 PM IST

Updated : Sep 8, 2024, 5:46 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में कैलाश दीपक अस्पताल के डॉ. मीतेश शर्मा MS और उनकी टीम ने मिलकर 72 वर्षीय रोगी का बिना ओपन हार्ट सर्जरी के सफल ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (TAVI) प्रक्रिया से इलाज किया. उनकी टीम में जो विशेषज्ञ शामिल थे. उनमें MCh, चीफ कार्डियो वेसक्युलर थोरेसिक सर्जन व उनकी हार्ट टीम में डॉ. राजेश चौहान -चीफ कार्डियेक एनेस्थेटिस्ट, डॉ. जीतेन्द्र शर्मा- कंसलटेंट कार्डियेक सर्जन, डॉ. राहुल पाटिल- कंसलटेंट कार्डियेक एनेस्थेटिस्ट, कार्डियोलोजीस्ट और कैथलेब और ओ.टी की टीम शामिल रही.

क्षतिग्रस्त एओर्टिक वाल्व को बिना चीरा लगाए प्रतिस्थापित किया

इस अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए, क्षतिग्रस्त एओर्टिक वाल्व को बिना चीरा लगाए प्रतिस्थापित किया गया. इस सफल ऑपरेशन का नेतृत्व कैलाश दीपक अस्पताल ने किया. बरेली से आए रोगी को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी. सात साल पहले डॉ. मीतेश शर्मा ने उनकी बाईपास ओपन हार्ट सर्जरी की थी. हाल ही में किए गए CT स्कैन और कोरोनरी एंजियोग्राफी से पता चला कि तीनों बाईपास ग्राफ्ट ठीक से काम कर रहे हैं. इकोकार्डियोग्राफी से पता चला कि उनके एओर्टिक वाल्व में गंभीर संकुचन आ गया है. रोगी दोबारा ओपन सर्जरी नहीं कराना चाहते थे, जिसमें जटिलताएं अधिक थीं. इसीलिए TAVI प्रक्रिया का निर्णय लिया गया जो सफल रही.

TAVI प्रक्रिया क्या है?

डॉ. मीतेश शर्मा ने बताया कि TAVI प्रक्रिया में बिना बेहोश किए, बिना वेंटीलेटर पर डाले और बिना चीरा लगाए रोगी की जांच नस (Femoral Artery) से हृदय तक पहुंच कर सिकुड़े हुए Aortic वाल्व को बैलून से फुलाकर नया टिशु वाल्व प्रत्यारोपित किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः रेलवे कर्मचारी करवा सकेंगे रोबोटिक सर्जरी, सेंट्रल हॉस्पिटल में शुरू होगी सुविधा

किन रोगियों के लिए TAVI लाभदायक है ?

डॉ. मीतेश शर्मा ने बताया कि जिन रोगियों में Aortic valve क्षतिग्रस्त हो गया है और उनकी उम्र अधिक है, या जो ओपन हार्ट सर्जरी के लिए अनफिट हैं (किडनी या फेफड़े फेल हो जाने के कारण), उनके लिए TAVI कारगर होता है. TAVI प्रक्रिया के बाद मरीज 2-3 दिन में डिस्चार्ज हो जाते हैं और जल्द स्वस्थ होकर काम पर लौट सकते हैं. कैलाश अस्पताल समूह के संस्थापक डॉ महेश शर्मा जी (सांसद गौतमबुद्धनगर) ने भी इस सफलता की प्रसंशा की.
साथ ही कैलाश दीपक अस्पताल की डायरेक्टर डॉ संगीता गर्ग ने कहा कि कैलाश दीपक अस्पताल सभी तरह की विश्व स्तरीय सुविधा से युक्त मल्टी सुपरस्पेस्लिटी अस्पताल है और उन्होंने इस सफल TAVI सर्जरी के लिए कार्डियक टीम की सराहना की.

ये भी पढ़ेंः बुजुर्ग के पेट में निकले दांत...! दिल्ली के हॉस्पिटल में चौंकाने वाला मामला, डॉक्टर भी हैरान

नई दिल्ली: दिल्ली में कैलाश दीपक अस्पताल के डॉ. मीतेश शर्मा MS और उनकी टीम ने मिलकर 72 वर्षीय रोगी का बिना ओपन हार्ट सर्जरी के सफल ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (TAVI) प्रक्रिया से इलाज किया. उनकी टीम में जो विशेषज्ञ शामिल थे. उनमें MCh, चीफ कार्डियो वेसक्युलर थोरेसिक सर्जन व उनकी हार्ट टीम में डॉ. राजेश चौहान -चीफ कार्डियेक एनेस्थेटिस्ट, डॉ. जीतेन्द्र शर्मा- कंसलटेंट कार्डियेक सर्जन, डॉ. राहुल पाटिल- कंसलटेंट कार्डियेक एनेस्थेटिस्ट, कार्डियोलोजीस्ट और कैथलेब और ओ.टी की टीम शामिल रही.

क्षतिग्रस्त एओर्टिक वाल्व को बिना चीरा लगाए प्रतिस्थापित किया

इस अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए, क्षतिग्रस्त एओर्टिक वाल्व को बिना चीरा लगाए प्रतिस्थापित किया गया. इस सफल ऑपरेशन का नेतृत्व कैलाश दीपक अस्पताल ने किया. बरेली से आए रोगी को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी. सात साल पहले डॉ. मीतेश शर्मा ने उनकी बाईपास ओपन हार्ट सर्जरी की थी. हाल ही में किए गए CT स्कैन और कोरोनरी एंजियोग्राफी से पता चला कि तीनों बाईपास ग्राफ्ट ठीक से काम कर रहे हैं. इकोकार्डियोग्राफी से पता चला कि उनके एओर्टिक वाल्व में गंभीर संकुचन आ गया है. रोगी दोबारा ओपन सर्जरी नहीं कराना चाहते थे, जिसमें जटिलताएं अधिक थीं. इसीलिए TAVI प्रक्रिया का निर्णय लिया गया जो सफल रही.

TAVI प्रक्रिया क्या है?

डॉ. मीतेश शर्मा ने बताया कि TAVI प्रक्रिया में बिना बेहोश किए, बिना वेंटीलेटर पर डाले और बिना चीरा लगाए रोगी की जांच नस (Femoral Artery) से हृदय तक पहुंच कर सिकुड़े हुए Aortic वाल्व को बैलून से फुलाकर नया टिशु वाल्व प्रत्यारोपित किया जाता है.

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किन रोगियों के लिए TAVI लाभदायक है ?

डॉ. मीतेश शर्मा ने बताया कि जिन रोगियों में Aortic valve क्षतिग्रस्त हो गया है और उनकी उम्र अधिक है, या जो ओपन हार्ट सर्जरी के लिए अनफिट हैं (किडनी या फेफड़े फेल हो जाने के कारण), उनके लिए TAVI कारगर होता है. TAVI प्रक्रिया के बाद मरीज 2-3 दिन में डिस्चार्ज हो जाते हैं और जल्द स्वस्थ होकर काम पर लौट सकते हैं. कैलाश अस्पताल समूह के संस्थापक डॉ महेश शर्मा जी (सांसद गौतमबुद्धनगर) ने भी इस सफलता की प्रसंशा की.
साथ ही कैलाश दीपक अस्पताल की डायरेक्टर डॉ संगीता गर्ग ने कहा कि कैलाश दीपक अस्पताल सभी तरह की विश्व स्तरीय सुविधा से युक्त मल्टी सुपरस्पेस्लिटी अस्पताल है और उन्होंने इस सफल TAVI सर्जरी के लिए कार्डियक टीम की सराहना की.

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Last Updated : Sep 8, 2024, 5:46 PM IST
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