मेरठ : लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में लगभग ढाई सौ जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए हैं. साथ ही उन्होंने सामूहिक इस्तीफे का ऐलान भी कर दिया है. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ सेवाएं प्रभावित हो गई हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सोमवार की रात जूनियर डॉक्टर से मारपीट की गई. उनके लिए सुरक्षा बड़ मुद्दा है. इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं.
दरअसल, बीती देर रात एक महिला मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गई थी. महिला को जिला अस्पताल से क्रिटिकल हालत में मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया था. महिला की मौत के बाद इमरजेंसी में देर रात काफी हंगामा हुआ. हंगामे में डॉक्टरों-मरीजों में कहासुनी हो गई थी. महिला मरीज की मौत पर तीमारदार भड़क गए. तीमारदारों ने डॉक्टर के साथ हाथापाई, मारपीट कर दी थी. जिसमें जूनियर डॉक्टर का सिर फूट गया था. जानकारी के मुताबिक दोनों तरफ से हाथापाई हुई थी. अब यह मामला गरमा गया है.
अब लगभग ढाई सौ डॉक्टरों ने इस मामले में अपनी सुरक्षा को खतरा बताकर काम छोड़ दिया औऱ धरने पर बैठ गए हैं. रेजिडेंटस डॉक्टर एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉक्टर साक्षी ने बताया कि सुरक्षा बड़ा मुद्दा है. यहां सीसीटीवी लगे हैं, लेकिन बीती रात जो हुआ, उसकी कोई क्लिप तक नहीं मिल पा रही. वहीं तमाम समस्याओं के बावजूद सभी डर के साये में काम क़र रहे हैं. बताया कि मेडिकल कॉलेज में ढाई सौ जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर हैं, सभी एक साथ हैं. डर के साये में काम कतई भी नहीं किया जा सकता. कहा कि पहले भी कई बार ऐसा हुआ है. पूर्व में हड़ताल पर भी गए थे लेकिन तब भी सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिला. अब फिर से सेवा दे रहे डॉक्टर औऱ अन्य स्टाफ के साथ ऐसी घटना की पुनरावृति से सभी तनाव में हैं.
नाराज जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें डर है कि जिस तरह से बंगाल में घटना हुई, कहीं कुछ ऐसा ही यहां भी न हो जाए. डॉक्टर्स की मांग है कि राम मनोहर लोहिया, AIIMS औऱ सर गंगाराम अस्पताल की तरह ही यहां भी सुरक्षा होनी चाहिए. फिलहाल इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने का अंदेशा है. बता दें कि पश्चिमी यूपी के कम से आठ जिलों के हजारों मरीज मेडिकल कॉलेज में उपचार कराने पहुंचते हैं.
इस बारे में मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉक्टर अरविन्द का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में एक चौकी स्थापित आज से ही करा रहे हैं. साथ ही पूरे मेडिकल कॉलेज में शीघ्र ही सीसीटीवी भी लग जाएंगे, काफी तो लगे हुए भी हैं. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरसी गुप्ता का कहना है कि पूरे मामले में जूनियर डॉक्टर्स को समझाने का प्रयास जारी है.