रांची:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कल 1500 पीजीटी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा था. इसमें एक मूक-बधिर कैटेगरी का भी अभ्यर्थी शामिल था, लेकिन चयनित मूक-बधिर अभ्यर्थी बोलने और सुनने वाला निकल गया. मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया है.
सीएम ने मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का दिया निर्देश
मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद सरकार ने देवघर डीसी को 24 घंटे के अंदर जांच कर रिपोर्ट तलब किया है. जानकारी के मुताबिक उक्त अभ्यर्थी देवघर जिला से है.
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी लगातार गड़बड़ी की कर रहे हैं शिकायत
पीजीटी शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी को लेकर छात्र संगठन के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी लगातार शिकायत कर रहे हैं.सर्वप्रथम एक जुलाई को नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात रखते हुए गड़बड़ी की सीबीआई जांच की मांग की थी.
बीजेपी नेता ने मामले में सरकार पर साधा था निशाना
उन्होंने राज्य सरकार की कार्यशैली की आलोचना करते हुए कहा था कि झारखंड ही एक ऐसा राज्य है जहां बोलने-सुनने वाला व्यक्ति मूक-बधिर कैटेगरी में नियुक्त हो जाता है. मामले में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर ऑडियो के साथ पोस्ट लिखकर सरकार पर हमला बोला था. इसके बावजूद सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया था.
नियुक्ति पत्र बांटने के बाद सरकार की खुली नींद
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा जब चयनित पीजीटी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया और उसमें बोलने-सुनने वाला मूक-बधिर कैटेगरी में नियुक्ति पत्र पाने में सफल हो गया तो सरकार की नींद खुली और इसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं.
कल 1500 अभ्यर्थियों को सीएम ने दिया था ज्वाइनिंग लेटर
गौरतलब है कि राज्य में पिछले साल विभिन्न विषयों में 3120 पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन जारी हुआ था और सितंबर-अक्टूबर महीने में सीबीटी मोड में परीक्षा आयोजित की गई थी. कुछ विषयों के रिजल्ट लोकसभा चुनाव घोषणा होने से पहले जारी होने पर नियुक्ति पत्र दी गई थी. बाद में सात विषयों के रिजल्ट जारी होने के बाद सफल अभ्यर्थियों को हाल ही में ज्वाइनिंग लेटर दिया गया है.
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