रांची: ठीक ही कहा गया है कि झारखंड में भगवान मिलना आसान है, लेकिन सरकारी नौकरी मिलना बेहद ही मुश्किल है. कुछ ऐसा ही वाक्या जेएसएससी द्वारा आयोजित झारखंड डिप्लोमा स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल छात्रों की आपबीती सुनने के बाद पता चला है. राजभवन के समक्ष आंदोलन कर रहे इन जूनियर इंजीनियर ने राजभवन में ज्ञापन सौंपकर परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए आयोग को निर्देश जारी करने की गुहार लगाई है.
सफल अभ्यर्थियों ने की सूची जारी करने की मांग
जेएसएससी के रवैये से नाराज होकर राजभवन पहुंचे छात्रों का कहना है कि 2021 में निकाली गई यह भर्ती पहले प्रश्नपत्र लीक होने की वजह से 2022 में रद्द हुआ, फिर 2022 में नियोजन नीति हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने की वजह से विज्ञापन को रद्द कर दिया गया. आयोग ने नए सिरे से 2023 में सरकार के विभिन्न विभागों में खाली पड़े करीब 1500 पदों के लिए विज्ञापन निकाला. आयोग ने टीसीएस कंपनी के माध्यम से ऑनलाइन परीक्षा ली. एक ही परीक्षा को तीन-तीन बार लेने के बाद भी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग अब तक सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए सफल अभ्यर्थियों की सूची नहीं जारी की है.
दो सितंबर से 20 अक्टूबर तक हुई थी परीक्षा
काफी जद्दोजहद के बाद झारखंड डिप्लोमा स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा पिछले वर्ष दो सितंबर से 20 अक्टूबर तक आयोजित की गई थी. इसके बाद प्रोविजनल आंसर शीट रिलीज की गई थी. छात्रों से तीन दिसंबर 2023 तक इस आंसर को लेकर ऑब्जेक्शन देने का मौका दिया गया था. इसके बाद फाइनल आंसर शीट रिलीज की गई.
जेएसएससी के रवैये से अभ्यर्थियों में रोष
राजभवन पहुंचे परीक्षार्थी सुमित कुमार सिंह कहते हैं कि समझ में नहीं आता है कि क्या करें. आयोग के पास जाते हैं तो केवल आश्वासन मिलता है, ऐसे में महामहिम से उम्मीद है कि इस दिशा में जरूर कोई कदम उठाएंगे. परीक्षार्थी विजय कुमार झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के उदासीन रवैया से खासे नाराज हैं. ईटीवी भारत से अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए विजय कहते हैं कि 2016 से इंतजार करने के बाद 2021 में यह विज्ञापन निकाला गया. उम्मीद जगी है कि राज्य में जूनियर इंजीनियर के पद पर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से सेवा करने का मौका मिलेगा, लेकिन तीन साल से तीन बार परीक्षा देने के बावजूद भी अभी तक प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी है.
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