देहरादूनः उत्तराखंड में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कई अप्रत्याशित पहल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किए गए हैं. जिसमें कूड़े के सेग्रीगेशन से लाखों की कमाई और कूड़े से बिजली बनाने का भी अभिनव प्रयोग किया जा रहा है.
शहरी विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जोशीमठ में कूड़े का सेग्रीगेशन (पृथक्करण) करके उससे इनकम जनरेट की जा रही है. जोशीमठ में कूड़े को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है जिसमें से उपयोग और रीसायकल करने वाली चीजों को निकाल कर उससे इनकम जनरेट की जा रही है. शहरी विकास के एडिशनल डायरेक्टर ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत पिछले तीन साल में एक करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू जेनरेट किया गया है. यानी हर साल 25 से 30 लाख रुपए की कमाई कूड़े से की जा रही है.
कूड़े से बिजली बनाने की अभिनव पहल: ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि रुद्रपुर और मसूरी में कूड़े से बिजली बनाने की अभिनव पहल की जा रही है. सबसे पहले कूड़े से बिजली बनाने का पायलट प्रोजेक्ट रुद्रपुर में शुरू किया गया था. वहीं अब मसूरी में भी आजमाया जा रहा है. इसके अलावा बागेश्वर में महिला स्वयं सहायता समूह और लालकुआं में पहली बार पुरुष स्वयं सहायता समूह बना है जो कि अपने आप में एक नई मिसाल कायम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों में बेहद अच्छा काम हुआ है. जिसका लोहा पूरे देश ने भी माना है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में कई पुरस्कार भी मिले हैं और अब महिला और पुरुष स्वयं सहायता समूह कूड़ा निस्तारण को लेकर कंप्लीट सॉल्यूशन दे रहे हैं.
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